-अस्सी घाट पर होने वाले सुबह-ए-बनारस कार्यक्रम में 575 दिन से लगातार बह रही है योग की गंगा
-सांस्कृतिक कार्यक्रम में हर दिन होते हैं नये कलाकार, लेकिन नहीं बदलते योग गुरु
-योगाभ्यास के दौरान अस्सी घाट की सीढि़यां बन जाती है मैदान
VARANASI
अस्सी घाट पर आयोजित होने वाले सुबह-ए-बनारस कार्यक्रम में शरीक होना शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और चेहरा चमक उठता है। भ्7भ् दिनों से निरंतर चल रहे इस कार्यक्रम की खूबी है कि इसमें लगभग हर दिन नये-नये कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति करते हैं लेकिन योग गुरु आज तक नहीं बदला है। शरीर को निरोग रखने के लिए सुबह-ए-बनारस में नंवबर ख्0क्ब् से हर रोज आयोजित होने वाले योगाभ्यास में एक ही योग गुरु के सानिध्य में योग प्रेमियों की जुटान हो रही है। भ्7भ् दिनों से योग गुरु विजय मिश्रा लोगों को अनुलोम-विलोम, ब्रजासन, कपालभाति, प्राणायाम, सूर्यासन आदि क्रियाओं का अभ्यास कराते आ रहे हैं। गर्मी, ठण्डी, बरसात चाहे कोई भी मौसम हो उनका और घाट प्रेमियों का सुबह-ए-बनारस के योग से मोह भंग नहीं होता है। योग क्रियाओं के लिए आतुर भीड़ का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इस्सी घाट की सीढि़यां ही उनके लिए मैदान बन जाती है।
गूंजती है ओम की ध्वनि
योग के प्रति बढ़ता प्रेम का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सुबह-ए-बनारस में घाट पर मौजूद सबसे अधिक भीड़ योगाभ्यास के दौरान होती है। महिलाएं, बच्चे, नौजवान, बुजुर्गो के अलावा फॉरेनर्स भी साथ-साथ योग क्रियाओं को करते हैं। बीएचयू, काशी विद्यापीठ, संस्कृत यूनिवर्सिटी के एक्स वीसी, प्रोफेसर, स्टूडेंट्स, डॉक्टर्स के अलावा बड़े-बड़े बिजनेसमेन की योगाभ्यास में भागीदारी होती है। योग क्रियाओं के दौरान अस्सी घाट पर सिर्फ ओम सुनायी देता है।
योग से दूर कर रहे रोग
योग को अपनी आदत में शुमार कर चुके ज्यादातर लोगों को जटिल से जटिल बीमारियों से मुक्ति मिल रही है। योग के जरिये अपने शरीर के रोग दूर कर रहे हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद लगभग भ्0 मिनट का योगाभ्यास कराया जा रहा है। डेली तीन-तीन मिनट की क्रियाएं लोगों को ऊर्जावान बना रही हैं। सुबह छह बजे से योग शुरू होता है और म्.भ्0 मिनट पर समाप्त होता है।
अस्सी घाट पर हर रोज सुबह होने वाले योगाभ्यास में हर तबके के लोग शामिल हो रहे हैं। बच्चे, महिलाओं के साथ बुजुर्गो और फॉरेनर्स भी योग क्रियाए करते हैं। भ्7भ् दिनों से लगातार योग गुरु अपनी सेवाएं दे रहे हैं। योग से बहुत से लोगों की गंभीर बीमारी ठीक हो चुकी है।
डॉ। रत्नेश वर्मा
संस्थापक, सुबह-ए-बनारस
अस्सी घाट