वाराणसी (ब्यूरो)अगर आप कॉलेज गोइंग हैं तो लाइफ में सक्सेस पाने के लिए आपका सिर्फ एजुकेटेड होना ही नहीं, मेंटली और फिजिकली स्ट्रांग होना भी बेहद जरूरी हैखासकर गल्र्स स्टूडेंट्सअगर आप इस सब से परिपूर्ण हैं तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको सफल होने से रोक नहीं सकतीमगर ये सब संभव तभी होगा जब कॉलेज में आपके शिक्षक आपके स्वास्थ्य और मेंटल स्थिति को बेहतर से बेहतर बनाने को लेकर फिक्रमंद होंगेआपको यह बात कुछ अटपटा लगा सा लगे, मगर यह सच हैअब सिर्फ आपकी सेहत और मनोस्थिति को बनाए रखने की जिम्मेदारी सिर्फ पैरेंट्स ही नहीं बल्कि आपके टीचर्स की भी हो गई हैस्मार्ट सिटी बनारस के स्मार्ट कॉलेज में शामिल हो चुके बसंता कॉलेज फॉर विमेंस में इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया जा रहा है.

कॉलेज कैंपस में ही बनाया गया जिम

कॉलेज आना फिर वापस जाकर घर का काम और फिर पढ़ाई करने आदि में समय बीत जाता हैऐसे में छात्राएं अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाती, जिसके चलते उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ जाता हैअपनी सेहत को लेकर फिक्रमंद न रहने वाली इस तरह की छात्राओं को लेकर कॉलेज प्रबंधन काफी गंभीर हैस्टडी के साथ उनकी सेहत भी बनी रहे इस पर कॉलेज का पूरा फोकस हैयहां पढऩे वाली छात्राओं को मेंटली और फिजिकली स्ट्रांग बनाने के लिए कैंपस में ही जिम बनाया गया हैजिस तरह से मार्केट में जिम बनाए जाते हैं उसी तरह से कैंपस में भी इस जिम को आकार दिया गया हैजहां छात्राएं क्लास खत्म होने और उससे पहले व बीच में टाइम निकालकर जिम में अपनी सेहत बना रही है.

प्राचार्य की परिकल्पना ने दिया आकार

इस जिम को बनाने का पूरा श्रेय यहां की प्राचार्या प्रोअल्का सिंह को जाता हैवे खुद एक नेशनल बॉस्केटबॉल प्लेयर रही हैइसलिए एजुकेशन के साथ सेहत को लेकर भी वे काफी गंभीर रहती हैकॉलेज में पढऩे वाली उनकी छात्राएं भी सेहत को नजरअंदाज न करे और वे भी जिम और योगा कर खुद को मेंटली और फिजिकली स्ट्रॉंगकर सकें, इसी परिकल्पना के साथ उन्होंने 1999 में कैंपस में ही जिम बनाने का सुझाव पूर्व प्राचार्या विजया शिवपुरी को दियाजिसके कुछ माह बाद दो-चार इक्यूपमेंट्स से जिम की शुरुआत की गईउनकी लगन और छात्राओं में इस जिम के प्रति बढ़ते इंट्रेस्ट को देखते हुए अब यह जिम हाईटेक रूप ले चुका हैइसमें सेहत बनाने वाले वे सभी इक्यूपमेंट्स है जो आपको बाहर के जिम में मिलते है

योग करने का भी है इंतजाम

कॉलेज में सिर्फ जिम से ही सेहत बनाने का इंतजाम नहीं, योग की भी पूरी व्यवस्था की गई हैजहां जिम में एक्सपर्ट स्पोट्र्स टीचर की निगरानी में छात्राएं जिम करती हैवहीं वे योग टीचर का सानिध्य में योग के विभिन्न आसन कर खुद को फिट कर रही हैइसके अलावा स्पोट््र्स को लेकर भी यहां तमाम व्यवस्थाएं की गई हैकैंपस में एक विशाल बास्केटबॉल कोर्ट बनाया गया हैबताया जाता है कि सनबीम के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा बास्केटबॉल कोर्ट हैइसके साथ ही वालीबॉल, बैडमिंटन कोर्ट के अलावा टेबल टेनिस व लॉन टेनिस के लिए भी कोर्ट बनाया गया हैजहां छात्राएं खेल-कूद के साथ भी अपनी सेहत पर फोकस रखती है

कॉलेज की प्राचार्या हमेशा से ही हमारी सेहत को लेकर फिक्रमंद रही हैंकॉलेज में ही जिम की फैसिलिटी मिलने से हमारा काफी समय बच जाता हैइस समय का यूटिलाइज हम स्टडी में कर लेते हैं.

मेटरिक्स सिंह, स्टूडेंट, बसंता कॉलेज

मेंटली हेल्दी रहने के लिए फिजिकल फिटनेस काफी जरूरी हैयोग या जिम करने से बच्चों में एक पॉजिटिव सोच आती हैइसके बाद जब वो स्टडी करते हैं तो इसमें उनमें तनाव नहीं रहता हैइससे उनके दिमाग का ग्रोथ होता हैमैं खुद भी स्पोट्र्स में रही हूं तो मुझे इन सब चीजों को बढ़ावा देना ही होगा और ये मेरी जिम्मेदारी भी हैजल्द ही ओपन जिम की शुरुआत होगी.

प्रोअलका सिंह, प्राचार्या, बसंता कॉलेज फॉर विमेंस

कॉलेज में तीन हजार छात्राएं हैइनमें से करीब-करीब हर छात्रा जिम में जाती है, जो हॉस्टल में रहती है वे मॉर्निंग इसका इस्तेमाल करती है, जबकि कॉलेज आने वाली छात्राएं क्लास के बाद या बीच में जब भी उन्हें समय मिलता तो वे जिम करती हैइसके अलावा उन्हें योगा की भी सुविधा दी गई हैइन्हें कही कोई दिक्कत न हो इसके लिए मैं खुद ट्रेनिंग के साथ टिप्स देती हूं

डॉश्वेता, स्पोट्र्स इंचार्ज, बसंता कॉलेज फॉर विमेंस