वाराणसी (ब्यूरो)। शहर की सीमा में यदि किसी को सार्वजनिक टॉयलेट व यूरिनल का इस्तेमाल करना है तो मोबाइल का जीपीएस ऑन कर गूगल पर स्वच्छ टॉयलेट टाइप करना होगा। इसके बाद आसपास स्थित सार्वजनिक टॉयलेट और यूरिनल की लोकेशन मोबाइल स्क्रीन पर सामने होगी। शहर में टूरिस्टों की संख्या बढऩे के बाद नगर निगम ने टायलेट सिस्टम को भी हाईटेक कर दिया है। 12 एसी टायलेट काशी में टूरिस्टों की संख्या जिस प्रकार से बढ़ी है, उसी तरह से नगर निगम ने भी अपने आपको हाईटेक कर लिया है। सिटी में 12 से अधिक एसी टॉयलेट बनाया गया है। इसके अलावा पिंक टॉयलेट के अलावा यूरिनल भी है। सभी टॉयलेट और यूरिनल गूगल से अटैच हैं। इसका लाभ कई टूरिस्ट और काशी की जनता उठा भी रही है। अब उनको टॉयलेट या यूरिनल ढूंढना नहीं पड़ता। काशी में प्रवेश करते टॉयलेट की जरूरत होती है तो सीधे गूगल पर वह सर्च कर लेते हैं। इससे उनका काम काफी आसान हो जाता है। दशाश्वमेध में अधिक टूरिस्ट शहर के अधिकतर टॉयलेट हाईटेक सिस्टम से लैस हैं। अब किसी को कोई कम्प्लेन नहीं है.हजारों की संख्या में टूरिस्ट यूज कर रहे हंै सबसे अधिक टूरिस्ट दशाश्वमेध क्षेत्र में आते हैं। नगर निगम ने टूरिस्टों की संख्या को देखते हुए वहां पर तांगा स्टैंड हटाकर पार्किंग की व्यवस्था की है। हाईटेक टॉयलेट का भी निर्माण किया गया है, जिसमें प्रतिदिन हजारों की संख्या में टूरिस्ट यूज कर रहे हंै। लोकेशन ऑनलाइन सभी का लोकेशन ऑनलाइन है। गूगल पर जाते ही मैप/एसबीएमटीओआईएलइटी सर्च करने पर जिस एरिया में आप होंगे नजदीकी टॉयलेट शो करने लगता है। इसके अलावा सभी टॉयलेट की जानकारी भी ऑनलाइन कर दी गयी है। इसके अलावा 'टॉयलेट लोकेटर एप काशीÓ पर भी सर्च कर टॉयलेट का लोकेशन पता कर सकते हैं। शहर के जिस जगह पर है, वहीं से एप के माध्यम से पता चल जाएगा कि कितनी दूरी पर कहां टॉयलेट है। प्ले स्टोर से कर सकते हैं डाउनलोड 'टॉयलेट लोकेटर एप काशीÓ को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हंै। जैसे ही एप डाउनलोड हो, उसमें भाषा के लिए हिंदी और अंग्रेजी में विकल्प आएंगे। अपनी सुविधानुसार भाषा का चयन करें। इसका चयन करते ही एप खुल जाएगा। इसके बाद अपने मोबाइल में जीपीएस लोकेशन को ऑन करके उसकी सहायता से टॉयलेट तक पहुंच सकते हैं। 365 टॉयलेट ऑनलाइन अपर नगर आयुक्त दुष्यंत मौर्या की मानें तो दिल्ली, मुंबई, भोपाल जैसे महानगरों की तरह वाराणसी में भी गूगल पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत बन चुके 365 टॉयलेट और यूरिनल की लोकेशन को ऑनलाइन कर दिया गया है। लाखों टूरिस्ट इसका यूज भी कर रहे हैैं। आगे इसकी संख्या और बढ़ायी जाएगी। अभी नवशहरी एरिया में 12 टॉयलेट का निर्माण चल रहा है। निर्माण होने के बाद सभी टॉयलेट को आम पब्लिक की सहूलियत के लिए ऑनलाइन कर दिया जाएगा। 22 टायलेट में फीडबैक मशीन टॉयलेट के निर्माण के साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को इनके इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाएगा। टायलेट और यूरिनल की सफाई के फीडबैक के लिए 22 जगहों पर फीडबैक मशीन लगाई गई है। मशीन पर हरा, पीला, लाल रंग का बटन है। हरे बटन के आगे अच्छा, पीला बटन औसत और लाल बटन यानी खराब सफाई व्यवस्था का संकेतक है। बटन दबते ही फीडबैक दिल्ली में स्वच्छता सर्वेक्षण टीम तक पहुंच जाएगा। वल्र्ड टायलेट डे आज वल्र्ड टायलेट डे आज है। हर साल 19 नवंबर को मनाया जाने वाला यह डे एक आधिकारिक कार्यक्रम है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकृत है। इसका उद्देश्य स्वच्छता संकट को तत्काल रुप से दूर करने के लिए वैश्विक जागरूकता और कार्रवाई को बढ़ाना है। यह दिन वर्ष 2013 से मनाया जा रहा है। सभी टायलेट को हाईटेक कर दिया गया है। ऑनलाइन प्लेटफार्म पर टायलेट को अपडेट करने की प्रक्रिया एक साल पहले से चल रही है। दुष्यंत मौर्या, अपर नगर आयुक्त फैक्ट एंड फीगर 365 टॉयलेट और यूरिनल को किया ऑनलाइन 12 टॉयलेट नवशहरी क्षेत्र के एसी से हैैं लैस