वाराणसी (ब्यूरो)। आई-3 फाउंडेशन, जॉइंट इंक्यूबेशन सेंटर एवं आरकेवीवाई रफ्तार एग्रीबिजनेस इंक्यूबेटर व आईआईटी बीएचयू के संयुक्त तत्वावधान में 'एग्रीटेक भारतीय कृषि क्षेत्र को नया रूप देने के लिए एआई और आईओटी का उपयोग कैसे करेंÓ का तीन-दिवसीय कार्यशाला गुरुवार को संपन्न हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन 26 फरवरी को किया गया था, जिसमें आईआईटी-बीएचयू, बीएचयू और अन्य कॉलेजों के लगभग 70 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यशाला में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा कृषि में एआई व आईओटी का इस्तेमाल कैसे करें, इसके बारे में बताया गया। कार्यशाला के पहले दिन उद्घाटन के पश्चात डॉ। श्याम कमल ने इंटेलीजेंट फॉर्म कांसेप्ट के बारे में और कृषि विज्ञान संस्थान के प्रो। राकेश सिंह ने स्ट्रक्चरल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ़ इंडियन एग्रीकल्चर एंड बिजनेस ऑपच्यरुनिटीज के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से बताया.
एआई इन वेटरनरी साइंस के बारे में बताया
कार्यशाला के दूसरे दिन यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के अमित कुमार ने एग्रीकल्चर फाइनेंस के बारे में प्रतिभागियों को बताया कि कैसे कृषि स्टार्टअप के लिए आसानी से यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया से फाइनेंस उपलब्ध कराया जा सकता है। आईआईटी (बीएचयू) के डॉ। मयंक स्वर्णकार ने साइबर सिक्यूरिटी एवं स्मार्ट एग्रीकल्चर के मूलभूत चीजों के बारे में अपना विचार साझा किया। कार्यशाला के दूसरे दिन के अंत में आईआईटी (बीएचयू) के संगणक अभियांत्रिकी विभाग के शोध छात्रों ने विभिन्न सेंसर और उत्पादों पर प्रतिभागियों द्वारा कार्य कराया गया। तीसरे और आखिरी दिन डॉ। पी रंजन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन वेटरनरी साइंस के बारे बताया, डॉ ओम जी पांडे द्वारा आरआईएस -एसिस्टेड आईओटी नेटवर्क्स यूजिंग मशीन लर्निंग फ्र मवर्क, प्रो। गुरु प्रसाद सिंह ने एग्रो एंटरप्रेन्योरशिप एवं डॉ। ओ.पी.सिंह ने गोबर की खाद और फ़र्टिलाइजऱ का मानव स्वस्थ्य पर प्रभाव के बारे में बताया।
इनकी रही मौजूदगी
कार्यशाला के अंत में आईआईटी (बीएचयू) के प्रो। विकास कुमार दुबे, डीन, आरएंडडी, प्रो। गुरु प्रसाद सिंह एवं डॉ ओपी सिंह ने प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरण किया। मुख्य अतिथि प्रो। रजनेश त्यागी, निदेशक, आई-3 फाउंडेशन, आईआईटी (बीएचयू) थे.