वाराणसी (ब्यूरो)। अगर परिवार का साथ हो तो हम हर वह काम कर सकते हैं, जो हमें मुश्किल लगता है। हमारे देश की महिलाए भी हर सेक्टर में आगे बढ़ रही हैं। यह संभव हो पाया है उनके परिवार के साथ से। वहीं आज हम आपको काशी की कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपना जीवन भगवान शिव को समर्पित कर दिया है। और उनसे जुड़ी सामग्री का बिजनेस करके ही अपना जीवनयापन कर रही हैं। साथ ही ये महिलाएं अपने साथ-साथ और महिलाओं को भी आगे बढ़ाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही हैं.
महिलाओं को रोजगार
एक समय था जब देश की बेटियों को चाहरदिवारी तक ही सीमित समझा जाता था। उन्हें पढ़ाई करने के लिए भी काफी सघर्ष करना पड़ता था। अब हर सेक्टर में तरक्की कर महिलाओं ने दिखा दिया है की वह भी किसी से कम नहीं हैं। ऐसी ही एक महिला है अनीता दुबे, जो आज खुद तो शिखर पर है ही पर अपने साथ और भी महिलाओं को आगे लेकर बढ़ रही हैं। शादी के बाद से ही बाटी चोखा का रेस्टोरेंट अपने परिवार के साथ चलाती है। खास बात यह है कि इस रेस्टोरेंट में काम करने वाली सभी महिलाए ही हैं। अनीता चाहती है की महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले और वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके। वहीं महिलाओं को सम्मान देने के लिए इस रेस्टोरेंट में वही व्यक्ति प्रवेश कर सकता है जिसके साथ उसकी फैमिली या महिला हो। वहीं अनीता ने अपना जीवन भगवान शिव को समर्पित कर दिया है। और खास शिवरात्रि में उनके रेस्टोरेंट में फलहार बनाया जाता है। वह शिव की परम भक्त भी है। अनीता कहती है परिवार के साथ और भोलेबाबा के आशिर्वाद के बिना आज वह यहां तक न होती। उनकी सफलता में सबसे बड़ा हाथ उनके पति विक्रांत दुबे का है। वह चाहते थे अनीता आगे बढ़े और अपने साथ और महिलाओं को भी आगे बढ़ाए.
आखिर शिव ही क्यों
श्वेता ने बताया कि वैसे तो सभी भगवान से उनकी श्रृद्धा है पर भगवान शिव से उनका लगाव बचपन से ही है। इसलिए वह शिव जी के पावन दिनों पर अपने रेस्टोरेंट पर फलहार बनवाती है।
शिव की कृपा से बिजनेस सफल
अब हम आपको वाराणसी की मोना मेहरोत्रा की कहानी बताएंगे। जिन्हें बचपन से अपने पैरों पर खड़े होने का सपना था। उनका यह सपना पूरा हुआ, उनकी शादी के बाद जब उन्होंने किरन ड्रेसेज नाम की शॉप से अपने बिजनेस की शुरुआत की। वह कहती है भोले बाबा के आशीर्वाद के कारण ही उनका यह बिजनेस आज बेहद सफल है। इसलिए वह अपनी शॉप पर खास भोलेबाबा की वेशभूषा ही सेल करती है। शिवरात्रि पर वह तमाम डिजाइन के वस्त्र भोले बाबा के लिए तैयार भी कराती है। वहीं शिव बारात पर भी भोले बाबा उनके शॉप के वस्त्र ही धारण करते है। वह कहती है बिजनेस में जहां-जहां समस्या आई मेरे पति अजीत मेहरोत्रा ने मेरा साथ हर कदम पर दिया। वहीं वह चाहते थे मैैं इसमें खूब आगे जाऊ। उनके योगदान के कारण ही सफलता के बाद मैैंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। यहीं नहीं उनके विदेश में भी कस्टमर है जो कि गूगल और जस्टडील से ऑनलाइन भगवान शिव की वेषभूषा मंगवाते है.
आखिर शिव ही क्यों
एक बार भगवान शिव से अपना बिजनेस करने की प्रार्थना की थी। कुछ समय बाद जब बिजनेस करने का समय आया तो उनके वस्त्रों से ही अपने बिजनेस की शुरूआत की। उसके बाद से ही दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की हुई।
सिखाती हैं शिव तांडव
बंगलूर की बड़ी कंपनी में नौकरी छोड़कर काशी के बच्चों को शिव तांडव और उनसे जुड़े श्लोक सिखा रही श्वेता रावत भगवान शिव की बड़ी भक्त है। उन्होंने नौकरी छोड़कर भगवान शिव से जुड़ा ज्ञान आज की पीढ़ी को पहुंचाना चाहा। आज वह अपने स्कूल में तमाम बच्चों को शिव तांडव के बारे में बताती है और श्लोक भी सिखाती है। आज वह अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देती हैं जिन्होंने भगवान शिव से जुड़ा ज्ञान उन्हें दिया।
आखिर शिव ही क्यों
अपनी मां से भगवान शिव की ढ़ेरों कहानियां सुनी है। तबसे ही मन भगवान शिव में लगने लगा। अब बच्चों को भी भगवान शिव के श्लोक और शिव तांडव सिखाती हूं.