वाराणसी (ब्यूरो)। जिले के बड़े काश्तकारों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सुनहरा अवसर दिया है। सरकार की नीति के मुताबिक जिले में औद्योगिक पार्क विकसित करने के बजाय वह खुद अपनी जमीन पर बना सकेंगे। यह मौका प्रदेश सरकार ने जिले के बड़े काश्तकारों को देने का फैसला किया है.
लेनी होगी अनुमति
इसके तहत मालिकाना हक वाले लोग जिसके पास 10 हेक्टेयर से अधिक जमीन है, वह अपनी जमीन पर निजी औद्योगिक पार्क विकसित कर सकते हैं। इसके लिए उसे जिला उद्योग केंद्र से अनुमति लेनी होगी। इसके बाद बाकी लेआउट बनाना, नक्शा पास कराना कार्य सरकारी मापदंड के अनुरूप कराया जाएगा.
पूछताछ को आए लोग
सरकार की इस योजना को लेकर कई बड़े काश्तकारों ने जिला उद्योग केंद्र कार्यालय में पूछताछ भी शुरू कर दी है। इसके बाद उद्योग विभाग ने निजी क्षेत्र में एक-दो जगह पर प्रक्रिया शुरू करने के संकेत भी दिए हैं। यह कवायद उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक औद्योगिक निवेश लाने के लिए सरकार ने शुरू किया है। दरअसल इसमें सरकार को भी काफी फायदा है.
होता था भूमि अधिग्रहण
अभी तक कहीं भी औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए सरकार को भूमि का अधिग्रहण करना होता था, इसके लिए ना केवल मोटी रकम खर्च करनी पड़ती थी, बल्कि अधिग्रहण के दौरान तमाम तरह की अड़चनों और मुआवजे को लेकर लोगों का विरोध भी झेलना पड़ता था। सरकार की इस योजना में इन अड़चनों के पैदा होने की नौबत ही नहीं आएगी और आराम से औद्योगिक पार्क के लिए जमीन मिलने के साथ ही निवेश और रोजगार का एक अच्छा अवसर भी मिल सकेगा.
ऐसे विकसित हो सकेगा
जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों के मुताबिक कोई भी काश्तकार जिसके पास 10 हेक्टेयर से अधिक जमीन हो और वह उस जमीन का मालिकाना हक रखता हो तो वह जिला उद्योग केंद्र में आवेदन कर सकता है। इसके लिए विभाग की ओर से शर्त रखी गई है कि यह जमीन पुश्तैनी होने के साथ खसरा खतौनी में अपडेट होनी चाहिए। निजी औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए आवेदन के बाद उद्योग विभाग के अधिकारी उक्त जमीन का निरीक्षण और परीक्षण करेंगे.
औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी के साथ निजी औद्योगिक पार्क विकसित करने की योजना है। बड़े काश्तकारों द्वारा निजी जमीन पर औद्योगिक पार्क विकसित कर उद्योग लगाए जा सकते हैं। कुछ प्रस्ताव भी आए हैं.
मोहन शर्मा, उपायुक्त उद्योग