वाराणसी (ब्यूरो)किसी न किसी बहाने हमेशा मायके जाने की जिद करने वाली महिलाओं का इन दिनों मायके से मोह भंग हो गया हैहसबैंड के कहने के बाद भी वे मायके जाने से मना कर रही हैंउनके इस मन में अचानक से आए इस बदलाव के पीछे कोई व्यक्ति विशेष नहीं, बल्कि बिजली व्यवस्था हैदरअसल इन दिनों बनारस समेत पूरे पूर्वांचल में बेतहाशा बिजली कटौती हो रही हैइसमें सिटी से ज्यादा दूर-दराज और ग्रामीण एरियाज हैं, जिसके कारण दूर-दराज से बनारस आई विवाहित महिलाएं गर्मी की छुट्टी होने के बाद भी मायका जाने से तौबा कर रही हंै

केस-1

महमूरगंज एरिया में रहने वाली आरोही शर्मा का मायका शिवपुर-तरना क्षेत्र में हैकरीब एक माह पहले ही स्कूल-कॉलेज बंद होने के बाद इन्होंने मायके जाने का प्लान बनाया था, लेकिन उन्हें जब पता चला कि वहां 10 से 15 घंटे पावर कट हो रहा है तो इन्होंने मायका न जाने का फैसला कर लिया.

केस-2

सोनारपुरा की रहने वाली अर्पिता की भी ऐसी ही स्थिति हैइनका मायका राजातालाब के पास हैये महीने में एक-दो बार मायके का चक्कर लगा लेती थी, लेकिन गर्मी की छुट्टी होने पर पति ने जब मायके पहुंचाने की बात कही तो इन्होंने वहां लाइट न रहने का हवाला देते हुए मायके जाने से मना कर दिया

केस-3

राजेन्द्र नगर-दिल्ली में रहने वाली सुस्मिता तिवारी ने गर्मी की छुट्टी होने पर 20 दिन पहले बच्चों को लेकर बनारस में अपने मायके आने की योजना बनाई थींफोन पर बात करने के बाद जब उन्हें पता चला कि यहां भीषण गर्मी के साथ बेतहाशा बिजली कटौती हो रही है तो उन्होंने मायका आने से तौबा कर लिया.

ये बात सिर्फ तीन महिलाओं की है, बनारस में ऐसी हजारों महिलाएं हैं जो इन दिनों मायके जाना ही नहीं चाह रहींयही नहीं जो गई भी हैं तो वे लगातार बिजली कटौती से परेशान होकर मायके वालों को कोसते हुए वापस लौट भी रही हैंकोस इसलिए रही हैं कि उनका मायका ऐसी जगह पर क्यों है, जहां ससुराल से ज्यादा पावर कट हो रहा हैकुछ के मायके में तो ट्रांसफार्मर जलने के बाद 4-5 दिन तक लगातार बत्ती गुल रहीन मोबाइल चार्ज हो रहा, न इंवर्टरऐसे में उनके पास ससुराल लौटने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं था.

बनारस आने से भी तौबा

बनारस की जिन महिलाओं की शादी सिटी से बाहर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता या अन्य प्रदेशों में हुई हैऐसी महिलाएं तो यहां बिलकुल भी नहीं आना चाह रही हैंसमर वोकेशन होने पर मायके आने का प्लान तो वहां रहने वाली महिलाओं ने पहले ही बना लिया था, लेकिन मोबाइल के जरिए जानकारी मिलने और सोशल मीडिया पर बनारस में बिजली व्यवस्था को लेकर अपलोड हो रहे तरह-तरह के मीम्स व जोक्स देखकर हर महिला यहां आने से तौबा कर रही है.

पावर सप्लाई में 10 साल पीछे

स्मार्ट सिटी बनारस में एक समय था जब यहां के लोगों को 24 घंटे भरपूर बिजली मिलती थीठंडी हो या गर्मी या फिर बरसात का मौसम कभी भी पावर पर कट नहीं लगता थालेकिन इन दिनों बिजली विभाग की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा सी गई हैस्थिति ये हो गई है कि 24 तो दूर 14 घंटे भी लगातार बिजली मिल जाए तो भाग्य की बात हैऐसा लग रहा है कि बनारस पावर सप्लाई के मामले में 10 साल पीछे चला गया है.

शहर के आठों ब्लाक में समस्या

सिटी में तो कुछ गनीमत है, लेकिन शहर के आसपास व ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति बेहद दयनीय हैशहर की तुलना में यहां बेतहाशा बिजली कटौती हो रही हैबनारस के सभी आठ ब्लॉक काशी विद्यापीठ, हरहुआ, पिंडरा, बड़ागांव, अराजीलाइन, चोलापुर, सेवापुरी और चिरईगांव में भीषण कटौती हो रही हैयहां के लोगों का कहना हैं कि लगातार बिजली न रहने से रिश्तेदार और बेटियां उनके घर आना नहीं चाह रहीइलाकों के लाखों लोग बिजली समस्या का सामना कर रहे हैं, लेकिन विभाग की ओर से कोई समाधान नहीं किया जा रहा

धरने के बाद भी समस्या जस की तस

लगातार बिजली कटौती के विरोध में लोगों ने शनिवार को भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक के कार्यालय पर धरना भी दिया था, लेकिन रविवार को भी स्थिति जस की तस रहीलोगों का कहना था कि पिछले एक सप्ताह से बिजली खूब कट रही हैलक्सा, गोदौलिया, दशाश्वमेध, रथयात्रा, सिद्धगिरीबाग जैसे दर्जनों मुहल्लों में रात भी बिजली परेशान कर रही हैइससे न लोगों की नींद पूरी हो पा रही और न सुबह समय पर पानी मिल पा रहायदि रात में कोई फॉल्ट आया तो उपभोक्ताओं को सुबह तक का इंतजार करना पड़ रहा है.

पिछले साल के मुकाबले इस साल बिजली की खपत ज्यादा बढ़ गई हैफीडर ओवरलोड होने से लाइन ट्रिप कर जा रहा हैइसके अलावा चोरी की लाइन से घरों में एसी, फ्रिज चलने से समस्याएं आ रही हैैंऐसे लोगों को विभाग अब ड्रोन के जरिए पकड़ रही हैकुछ दिनों में स्थिति ठीक हो जाएगी.

एके वर्मा, एसई-2, पीवीवीएनएल

ट्रांसफार्मर्स पर ज्यादा लोड बढऩे से लगातार समस्याएं आ रही हैंतेज धूप के साथ ओवरलोड होने के कारण कई ट्रांसफार्मर जल जा रहे हैं, जिन्हें ठीक कराने में वक्त लग रहा हैएक फॉल्ट ठीक होता है तो दूसरा आ जा रहा हैकुछ कंडीशन में एक लाइन से दूसरे को जोडऩे के लिए पावर कट करना पड़ता है

अनूप सक्सेना, एसई-1, पीवीवीएनएल