वाराणसी (ब्यूरो)। शहर की गलियों, मुहल्ले और फैक्ट्रियों में आग लगने पर अब जल्द काबू पाया जा सकेगा। अग्निशमन डिपार्टमेंट ने करीब 850 सचेतक तैयार किए हैं जो आपके खून-पसीने से बनाई गई मेहनत को भस्म होने से न सिर्फ बचाएंगे बल्कि सुरक्षित भी रखेंगे। यही नहीं यह सचेतक गांव के खेेत-खलिहानों में भी आग लगती हैं तो उस पर जल्द काबू पा लेंगे। इन सचेतकों को इसकी पूरी ट्रेनिंग देकर तैनात किया गया है। अग्निशमन विभाग शहर और ग्रामीण क्षेत्र में तैनात करने से पहले सभी फायर सिस्टम के बारे में जानकारी दी गई और गली और मुहल्लों में आग पर कैसे काबू पाया जा सके, इसके बारे में भी उनको प्रैक्टिकली जानकारी दी गई। करीब तीन से चार दिन की टे्रनिंग के बाद तैयार हुए सचेतकों को तैनात किया गया है.
तैयार हो चुके हैैं सचेतक
ट्रेनिंग लेने के बाद अबतक 850 अग्नि सचेतक तैयार किये जा चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के जागरूक लोगों को इसके लिए बकायदा प्रशिक्षण दिया गया था। जिससे आग के विकराल होने के पहले ही उसे नियंत्रित किया जा सके। सिटी के गली-मुहल्लों और फैक्ट्रियों में भी आग लगती हैं उस पर वह काबू पा सकेंगे.
प्रत्येक ब्लाक से 100 लोगों का चयन
प्रत्येक ब्लॉक से 100 लोगों का चयन किया गया था जिससे 850 अग्नि सचेतक तैयार किये गये हैं। प्रशिक्षण के बाद अग्नि सचेतकों को सर्टिफिकेट भी दिया गया। गांव के लोग अब अग्निशमन विभाग के साथ वॉलंटियर के तौर पर सहयोग करेंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में आग के विकराल रूप लेने से पहले ही उसे रोका जा सके.
वीडियो भी करते हैैं शेयर
डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मानें तो हम व्हाट्सएप के माध्यम से समय-समय पर अग्निशमन संबंधित वीडियो भी अग्नि सचेतकों को शेयर करते हैं, जिससे उनका स्किल डेवलप किया जाता रहे और नई जानकारियां भी उन्हें समय समय पर मिलती रहें। इसके अलावा वालंटियर ग्रामीण क्षेत्र के अन्य लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं। फायर ऑफिसर की मानें तो ये प्रशिक्षण आगे भी चलता रहेगा जिससे शहर और ग्रामीण क्षेत्र के और लोग भी प्रशिक्षित हो जाएं.
हर साल गांव में बर्बाद होती हैं फसल
दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में हर साल तमाम अन्नदाताओं के खून-पसीने की मेहनत से खड़ी फसल आग की भेंट चढ़ जाती है, जिससे पूरे साल उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाता है। अब अग्नि सचेतक ग्रामीण क्षेत्रों के खेत खलिहान में लगने वाली आग पर काबू पाने के लिए प्रशिक्षित हो गए हैं, जिससे अन्न के साथ ही अन्नदाताओं की मेहनत भी बचाई जा सकेगी.
शहर में आए दिन आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं। यहीं नहीं ग्रामीण क्षेत्र के खेत-खलिहानों में भी आग लगने से किसानों की गाढ़ी कमाई बर्बाद हो जाती है। इन सभी सचेतक के फोन और वाट्सएप नंबर डिपाटमेंट में मौजूद हैं। घटना होने पर उन्हें सूचित किया जाता है और वह तुरंत घटनास्थल पर पहुंच जाते हैं.
अनिमेष सिंह, चीफ फायर ऑफिसर