वाराणसी (ब्यूरो)। सरकार ने आम लोगों को इमरजेंसी सेवा उपलब्ध कराने के मकसद से डायल 112 की शुरुआत की थी। इस सेवा का मकसद आपात स्थिति में लोगों को जल्द से जल्द मदद उपलब्ध कराना है, लेकिन अब यह सुविधा पुलिसकर्मियों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। डायल 112 पर फोन कर कॉलर्स पुलिसकर्मियों के साथ न केवल बेफिजूल की बातचीत कर रहे हैं, बल्कि फेक कॉल कर परेशान भी कर रहे हैं.
केस-1
112 से बोल रहे हैैं। मैं पांडेयपुर से बोल रहा हूं। मुझे सामने वालों ने गाली दी है। आकर इनको पकड़कर ले जाइए और इनके खिलाफ एफआईआर करिए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब कॉल पर डायल किया तो मोबाइल स्वीच ऑफ आने लगा। फिर पुलिस वापस लौट आई.
केस-2
सुंदरपुर से शराबखाने के पास से किसी ने डायल 112 पर फोन करके कहा कि मेरे साथ मारपीट हो गई है। इसे पकड़कर ले जाइए, सूचना पर पहुंची पुलिस ने देखा कि यह तो शराबखाना है। शराब के नशे में डायल 112 किया गया है तो पुलिस वापस चली आई.
बता दें कि डायल 112 पर प्रतिदिन 8 से 10 फेक कॉल से पुलिसकर्मियों को जूझना पड़ता है। खासकर जब शाम होती है तो ज्यादातर कॉल फेक आते हैं। इनमें सबसे अधिक शराबी होते हैं। अब ऐसे फोन कॉल को लेकर पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है। ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई का मन बना लिया है.
शराब के नशे में करते हैं कॉल
डायल-112 पर कॉल कर लोग पुलिसकर्मियों को न सिर्फ परेशान करते हंै बल्कि मौके पर पहुंचने पर मोबाइल स्वीच ऑफ कर लेते हैैं। लोग नशे में धुत होकर 112 डायल कर पुलिस को परेशान करते हैं। कई कॉल्स तो ऐसे भी आते हैं, जिसमें मोबाइल खो गया है। इसे जल्द ही ढूंढने को कहा जाता है। कस्टमर केयर का भी नंबर मांगा जाता है। मोबाइल रिचार्ज करने के लिए भी कहा जाता है.
इमरजेंसी सुविधा
सरकार ने इमरजेंसी में लोगों की सुविधा के लिए डायल-112 सेवा की शुरुआत की है। इसके तहत लोगों की परेशानियों का समाधान करने के लिए 5 मिनट में मदद के लिए पुलिस पहुंच जाती है। लेकिन, अब डायल 112 पर लोग फोन करके ऐसी ऐसी शिकायतें कर रहे हैं जिसे सुनकर पुलिसकर्मी भी परेशान है.
कॉल कर मारपीट होने की सूचना
डायल 112 पर फर्जी सूचना ही नहीं मारपीट की भी शिकायत करते हैं। जब पुलिस मौके पर पहुंचती है तो मोबाइल आफ कर भाग जाते है, मौके पर कोई भी नहीं दिखता है। अब तक इस तरह के सैकड़ों फेक कॉल आ चुके हैं। ज्यादातर कॉल शाम को शराब के ठेके पास से आते हैं। शाम के समय अगर कोई नशे की हालत में कॉल करता है तो उस पर ध्यान नहीं दिया जाता.
घरेलू हिंसा के अधिक केस
डायल 112 पर जितने भी कॉल आते हैं, उसमें से कई मामलों को सुलझाया गया है। इसमें सबसे ज्यादा मामले घरेलू हिंसा से जुड़े होते हैैं। इसके बाद लड़ाई-झगड़ा और सड़क हादसों के कई केस भी सामने आए हैं। लेकिन, फेक कॉल करने वाले लोगों की वजह से अब लगातार कॉल सेंटर में पुलिस कर्मियों की परेशानी बढ़ रही है। ऐसे में जायज कॉल के भी रिसीव नहीं होने की संभावना बढ़ जाती है। कई लोग तो फेक कॉल करने के बाद खुद ही गलती स्वीकार कर लेते हैं तो उन्हें छोड़ दिया जाता है.
अब कार्रवाई की तैयारी
डायल 112 के प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह का कहना है कि फेक कॉल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी हो रही है। पुलिस सबसे पहले फेक कॉल करने वालों को ट्रेस करेगी फिर उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और फेक कॉल करने के मामले में केस दर्ज करेगी। हालांकि फिलहाल इन्हें वार्निंग देने के साथ डायल 112 के महत्व की जानकारी भी दी जाती है.
फैक्ट एंड फीगर
350
कंप्लेन डायल 112 पर रोजाना आ रही हैैं
08
से 10 कॉल रोजाना फेक आ रही हैैं
1.40
लाख लोगों ने वर्ष 2023 में कंप्लेन की
75
हजार लोगों ने इस साल 15 जून तक की कंप्लेन
फेक कॉल करने वालों में सबसे अधिक शराबी होते हैं। शाम के समय शराब पीने के बाद डायल 112 कर देते हैं। इसको देखते हुए अब पुलिस भी अलर्ट हो गई है.
प्रवीण कुमार सिंह, प्रभारी, डायल 112