वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में अभी ठंड भले ही कड़ाके की नहीं पड़ रही है। मगर मंगलवार की रात से बुधवार की सुबह तक इस सीजन का सबसे घना कोहरा छाया रहा। मंगलवार देर रात से ही मौसम की स्थिति बिगडऩे लग गई थी। आधी रात में विजिबिलिटी 50 मीटर तक पहुंच गई। सुबह के समय कुछ देर के लिए यह बिल्कुल शून्य हो गई। इससे सुबह का तापमान 10 डिग्री के करीब पहुंच गया, जबकि हवा 4 से 5 किमी की रफ्तार से चलती रही।
नहीं दिखा सूर्योदय
कोहरे की वजह से स्थिति ये हो गई कि सूर्योदय के बाद भी पूरा बनारस कोहरे की चादर में लिपटा रहा। कोहरे की वजह से सुबह-सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ा। विजिबिलिटी कम होने की वजह से बस से स्कूल जाने वाले बच्चों की बस भी लेट हो गई।
अधिकतम तापमान गिरा
मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय ने बताया कि तापमान में काफी गिरावट आई है। इस समय अधिकतम और न्यूनतम दोनों को गिरावट दर्ज की गई है। तीन डिग्री का फर्क आया है। मंगलवार को जहां औसतन तापमान 20.7 डिग्री के करीब था, वहीं बुधवार को यह 17.05 के पास पहुंच गया। इसी तरह मंगलवार को जहां बनारस का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री ज्यादा 26 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम तापमान 6 डिग्री कम 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं बुधवार का अधिकतम तापमान दो डिग्री की गिरावट के साथ 24.6 रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 6 डिग्री कम 10.4 डिग्री सेल्सियस तक रहा। इसक साथ ही गलन भी बढ़ गया है।
धूप के साथ कोहरा
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक अगले 4 से 5 दिन तक आसमान में इसी तरह से घना कोहरा छाया रहेगा। अच्छी बात ये भी है कि दोपहर में लोगों को अच्छी धूप भी सेंकने को मिलेगी। मगर ठंड का मीटर भी ऐसे ही चलता रहेगा।
उत्तर-पश्चिम हवाएं
आईएमडी के अपडेट के अनुसार 27 दिसंबर तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान हो चुका था। शाम 4 बजे के बाद से मौसम ने रुख बदल लिया है। सुबह जहां घना कोहरा और दोपहर में धूप था तो वहीं शाम को गलन भी बढ़ गई। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो हल्की बूंदाबांदी भी हो सकती है। आईएमडी के अनुसार वाराणसी मंडल का तापमान अभी और गिरने के आसार हैं। उत्तर-पश्चिम हवाएं भी चल रही है। अगर हवाओं की रफ्तार बढ़ी तो गलन और बढ़ जाएगी। बीतते और नए साल में बारिश होने की संभावना बनी हुई है। इससे पहले आसमान में बादल छाए रह सकते हैं।
स्वास्थ्य पर असर
इस बदलते मौसम का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। कभी ठंडी तो कभी गर्मी का एहसास होने से लोग सर्दी, जुकाम के साथ बुखार और दर्द के शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। जिला और मंडलीय अस्पताल के जनरल ओपीडी में मरीजों की लाइन लग रही है। अस्पतालों की मेडिसिन ओपीडी में आने वाले मरीजों में ज्यादातर लोग सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार के साथ उल्टी दस्त के शिकार पाए जा रहे हैं।
पिछले दिनों की तुलना में बुधवार को मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। तापमान में गिरावट के साथ गलन भी बढ़ी है। यह सीजन का सबसे घना कोहरा रहा। ऐसी ही स्थिति अगले 4-5 दिनों तक बनी रहेगी। घरे कोहरे के साथ बदली भी छाई रहेगी। 31 या एक को बारिश होने की संभावना भी बनी हुई है.
प्रो। एसएन सिंह, मौसम वैज्ञानिक-बीएचयू
10 विमान विलंबित, पांच उड़ानें रद
लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर दूसरे दिन भी कोहरे के कारण विमान विलंबित होने और निरस्त होने का क्रम जारी रहा। बुधवार को 10 विमान लेट आए। ऐसे में उस शहर को जाने वाले वापसी विमान भी विलंबित रहे। साथ ही पांच उड़ानें रद करनी पड़ीं। इससे यात्रियों और उनकी अगवानी व विदाई के लिए आए लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। इससे आजिज लोगों ने हंगामा भी किया। हालांकि एयरपोर्ट अथारिटी की ओर से उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि कोहरे के कारण ²श्यता कम होने से विमान विलंबित रहे। यात्रियों को इसकी सूचना पहले ही दे दी गई थी.
आठ घंटे लेट शारजाह का विमान
एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान आई एक्स 184 शारजाह से निर्धारित समय शाम पांच बजे से आठ घंटे की देरी से रात 1:30 बजे वाराणसी एयरपोर्ट आने की संभावना जताई जा रही थी। अन्य विमान भी दो से पांच घंटे तक लेट रहे।
कोहरे की धुंध में दिल्ली रूट की ट्रेनों के पहिए ठिठके
सर्द मौसम और कोहरे के कारण कैंट स्टेशन से गुजरने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस 13 घंटे तक विलंबित रही। नई दिल्ली-बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस नौ घंटे और शिवगंगा एक्सप्रेस सात घंटे तक देरी से पहुंची। वंदे भारत एक्सप्रेस निर्धारित समय के बजाय पांच घंटे की देरी से आई। इसे रात्रि आठ बजे दुबारा दिल्ली के लिए रवाना किया गया। इसके अलावा गोंदिया - बरौनी एक्सप्रेस आठ घंटे विलंब हुई। पवन एक्सप्रेस, बेगमपुरा एक्सप्रेस, काशी एक्सप्रेस, फरक्का एक्सप्रेस छह घंटे विलंब से पहुंची। कोटा -पटना एक्सप्रेस, गंगा सतलुज एक्सप्रेस व कोलकाता एक्सप्रेस का भी यही हाल रहा.