वाराणसी (ब्यूरो)। शहर से बुनकर पलायन न करें बल्कि इसका सामना करें। नए-नए डिजाइन और टेक्नॉलाजी से जब तक बुनकर लैस नहीं होंगे तब तक वह आगे नहीं बढ़ेंगे। उक्त बातें इण्डियन इस्टीट्यूट ऑफ हैडलूम टेक्नालॉजी के सभागर में इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ हैंडलूम टेक्नोलॉजी व बिरला सैलूलोज, सर्वस्त्र के संयुक्त तत्वावधान में वर्कशाप का आयोजन किया गया.
नए टेक्नोलाजी के बारे में बताया
बुनकरों से भरे खचाखच सभागार में आईआईएचटी के डायरेक्टर ने नए टेक्नोलॉजी के बारे में बुनकरों को बताया। कहा कि मार्केट से पलायन न करें बल्कि हालात से लडऩा सीखें तभी बुनकर आगे बढ़ेंगे। इस पर बुनकरों को नए धागों की तानी के बारे में भी बताया गया.
स्टूडेट्स भी जानें धागों के बारे में
टेक्सटाइल इंस्टीट्यूट से जुड़े हुए स्टूडेंटस को धागों के बारे में बताया गया। बिरला सैलूलोज की टीम ने बुनकरों को अपने कपड़े के काम में कैसे नए तकनीक और इनोवेशन का इस्तेमाल कर आज के समय में अपने बिजनेस को और बेहतर किया जा सके, इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि वह अपने रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम से सहयोग किस प्रकार बुनकरों के लिए विभिन्न विभिन्न क्षेत्र में निशुल्क सहयोग कर सकते हैं। जैसे डिजाइन डेवलपमेंट, कलर फोरकास्टिंग, प्रोडक्ट डेवलपमेंट में बुनकरों की हमेशा मदद की जाएगी.
यह रहे मौजूद
बिरला सैलूलोज टीम की तरफ से कैटेगरी हेड अंकुर थोराट, वी रमेश, पुष्पुनीत सिंह, अहमद, सर्वस्त्र की तरफ से राकेश कांत राय, शैलेश प्रताप सिंह, ज्वाला सिंह व अकरम अंसारी मौजूद थे।