वाराणसी (ब्यूरो)। इस समय बनारस भीषण गर्मी से जूझ रहा है। यहां अप्रैल में ही गर्मी ने कई रिकार्ड ब्रेक किए तो अब मई तो टेंप्रेचर से थोड़ी राहत है, लेकिन उमस परेशान कर रही है। उमस की वजह से लोग पसीने से तरबतर हो जा रहे हैं। लगातार पसीना निकलने से प्यास भी खूब लग रही है। ऐसे में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने शनिवार को शहर के महत्वपूर्ण कार्यालयों में पानी के इंतजाम का रियलिटी चेक किया। इस दौरान सरकारी कार्यालयों में जो स्थिति सामने आई उसने यह सोचने पर मजबूर किया कि क्या शहर के अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी तरह कर रहे हैं, क्योंकि लोगों की जरूरतें पूरी करना ही उनका दायित्व है। हम जहां भी गए वाटर कूलर या आरओ प्लांट ठप या खराब ही मिले.
वीडीए आफिस: पानी सोचना भी मत
कलेक्ट्रेट के पास स्थित वीडीए कार्यालय में भी लोगों के लिए वाटर कूलर लगाया गया है। लेकिन यदि सोच रहे हैं कि उससे ठंडा पानी पीकर प्यास बुझा सकते हैं तो आप गलत हैं। इसमें कभी पानी निकलते नहीं देखा गया। वीडीए में आने वाले लोगों ने बताया कि ये कूलर लगने के साथ ही खराब हो गया था.
मंडलीय हॉस्पिटल: खरीद कर पीएं पानी
कबीरचौरा स्थित मंडलीय हॉस्पिटल में प्रतिदिन हजारों की संख्या में मरीज और तीमारदार पहुंचते हैं। यहां इमरजेंसी के रास्ते में लगा आरओ व वाटर कूलर वर्षों से बंद पड़े हैं। हाल ये है कि इसे लोगों ने पीकदान में तब्दील कर दिया है। गंदगी को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि यदि पानी होता भी तो पीने लायक नहीं होता.
बिजली आफिस: बोतल साथ लाएं
शहर के सिगरा में स्थित बिजली विभाग के ऑफिस में लगा वाटर कूलर तो लगता है वर्षों से बंद पड़ा है। हाल ये है कि इसके नीचे कूत्तों ने अपना आशियाना बना लिया है। यहां आने वाले लोग प्यास लगने पर इधर-उधर देखने के बाद बाहर दुकानों का रुख करते हैं.
महापौर आफिस: देखकर प्यास बुझाएं
मेयर मृदुला जायसवाल के आफिस के ठीक सामने माडर्न कैटेगरी का वाटर कूलर लगा है। लेकिन इसे देखकर ही प्यास बुझा लें पानी की उम्मीद ना करें, क्योंकि विभागीय कर्मचारी इसमें पानी का गैलन लगाते ही नहीं हैं। ऐसे में यहां आने वालों को प्यासा ही जाना पड़ता है.
कलेक्ट्रेट: नहीं है प्यूरीफायर
कलेक्ट्रेट परिसर में लगा वाटर कूलर में प्यूरीफायर नहीं लगा है। हालांकि इसमें से पानी भी नहीं निकलता है। कलेक्ट्रेट में आए लोगों का कहना था कि भले ही प्यूरीफायर न हो, यदि ठंडा पानी ही मिल जाता तो गले की प्यास बुझती। अभी तो यहां प्यास लगने पर पाउच या बोतल खरीदना पड़ता है.
वाटर कूलर कब लगाया गया और क्यों खराब है, इसकी जानकारी नहीं है। हां, यदि खराब है तो हमारी टीम उसे जल्द से जल्द ठीक कराने का प्रयास करेगी.
संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ, नगर निगम
हॉस्पिटल में लगे वाटर कूलर का खराब होना चिंताजनक है। वहां के मरीजों और तीमारदारों के लिए कूलर को तत्काल ठीक कराया जाएगा.
संदीप चौधरी, सीएमओ