वाराणसी (ब्यूरो)। वाह बनारस, तेरे क्या कहने, टूरिज्म में तो रिकार्ड तोड़ दिया। अब दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों के आंकड़े ने भी चौंका दिया। विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद शहर में इस कदर अन्य राज्यों के वाहनों ने फर्राटा भरा की शहर आज भी लग्जीरियस वाहनों से पटा पड़ा है। एक साल पहले सिटी में जहां सौ वाहनों की आवाजाही रही वह बढ़कर आज तीन हजार परडे हो गई है। यहीं नहीं जनाब, तमिल संगमम के दौरान करीब दस हजार वाहनों से शहर गुलजार रहा.
बनारस के प्रति बेतहासा दीवानगी
विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद धाम की भव्यता देखने के लिए लोगों की दीवानगी इस कदर बढ़ी कि देश के कोने-कोने से लोगों का आने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज तक नहीं रुका। कोई हवाई मार्ग से तो कोई ट्रेन, बस पर सवार होकर आया। कई ऐसे भी रहे जो बनारस घूमने अपने प्राइवेट वाहनों से आए। फैमिली संग एक दो नहीं बल्कि चार लग्जीरियस कार से आए बनारस में दर्शन-पूजन किए ही साथ ही पूरे काशी की भव्यता को भी देखी.
टोल प्लाजा बना गवाह
सिटी में आने वाले सबसे अधिक वाहन गुजरात के हैं। इसके बाद महाराष्ट्र, साउथ में कर्नाटक, मद्रास, बेंगलूरु के वाहन बताया जा रहा हैं। यही नहीं राजस्थान भी इनमें पीछे नहीं रहा। शहर में बढ़ते लग्जरियस वाहनों के गवाह हैं टोल प्लाजा। टोल प्लाजा से मिले फिडबैक के अनुसार एक साल के अंदर सबसे अधिक वाहन गुजरात के आए हैं.
बिहार भी पीछे नहीं
वाहनों की रफ्तार यही नहीं धीमी हुई बल्कि और बढ़ती गई। सावन माह में सबसे अधिक वाहन बिहार और यूपी के भी आए हैं। सावन माह में बाबा का दर्शन-पूजन करने के लिए लोगों ने अपने वाहन को बेस्ट माध्यम बनाया था। सावन माह में परडे चार से पांच हजार वाहनों का आवागमन रहा.
दस हजार वाहनों ने भरा फर्राटा
इसके बाद सिटी में एक महीने तक चले तमिल संगमम में साउथ के कई लग्जीरियस वाहनों की भरमार रही। लंका, सामनेघाट, सुंदरपुर, कैंटोनमेंट एरिया साउथ और गुजरात के वाहनों से पटा रहा। तमिल संगमम के दौरान करीब दस हजार से अधिक वाहनों ने शहर में फर्राटा भरा। वाहनों के दबाव से शहर ने झेला। इनमें कई यूपी और महाराष्ट्र के अलावा बिहार के भी वाहनों की आवाजाही रही.
परडे 3 हजार व्हीकल
सिटी में परडे करीब तीन हजार बाहरी वाहन फर्राटा भर रहे हैं। जबकि इनमें लोकल वाहन शामिल नहीं हंै। अगर लोकल वाहन को भी इसमें ले लिया जाए तो यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। हर मंथ करीब 36 हजार वाहन शहर में आ रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि 2022 में करीब 4 लाख 32 हजार वाहनों का दबाव शहर ने झेला.
सावन का माह हो या फिर कोई और महीना, वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। अन्य राज्यों से परडे करीब ढाई से तीन हजार वाहन शहर में आ रहे हैं। सिटी में जब कोई प्रोग्राम होता है तो वाहनों की संख्या करीब 30 से 40 परसेंट और बढ़ जाती हैं.
मनीष कुमार, हेड, डाफी टोल प्लाजा