वाराणसी (ब्यूरो)। लोकतंत्र के उत्सव की 19 अप्रैल से शुरुआत हो चुकी है। गर्मी के चलते कुछ जगह से खबरें आईं कि पहले फेज वोटिंग परसेंटेज गत चुनाव की तुलना में गिरा है। इस बार एक तरफ चुनावी पारा चढ़ रहा है तो दूसरी ओर मौसमी पारा भी रिकार्ड तोडऩे पर उतारू है। अप्रैल में ही टेंप्रेचर 43 डिग्री को पार कर गया है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मई और जून में हालात क्या होंगे? ऐसे में ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि वाराणसी में जब वोटिंग (एक जून) होगी तो गर्मी चरम पर होगी। इससे वोटिंग का ग्राफ प्रभावित हो सकता है। अब तक हुए 17 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो पता चलता है कि जब-जब चुनाव के समय गर्मी के तेवर तीखे रहे हैं वोटर्स घरों से कम निकले हैं। इन हालात में इस बार कितने वोटर्स अपने घरों से निकलेंगे इसे लेकर असमंजस की स्थिति है। हालांकि, जिला निर्वाचन कार्यालय इसे लेकर गंभीर है और बूथों पर नींबू-पानी, टेंट आदि की व्यवस्था की तैयारियां हो रही हैं, क्योंकि इस बार वाराणसी में वोटिंग का टारगेट 75 परसेंट तय किया गया है.
20 दिन तक रह सकती हीट वेव
इस साल को लेकर विशेषज्ञ पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि गर्मी इस बार कहर ढाने वाली है। जून में इस बार गर्मी औसत से काफी अधिक रहने की संभावना जताई जा रही है। यही नहीं यह भी चेतावनी दी गई है कि हर साल की तरह चार से पांच दिन की हीट वेव की जगह 20 दिन तक रह सकती है। पिछले साल में भी काफी गर्मी पड़ी थी और मौसम वैज्ञानियों ने साल 2023 को अब तक का सबसे गर्म साल करार दिया है.
कब किस चरण की वोटिंग
लोकसभा चुनाव के पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को हो चुका है। दूसरे चरण का चुनाव 26 अप्रैल को होगा। इसके बाद सात, 13, 20 और 25 मई को चार चरणों का मतदान होगा। सातवें चरण का मतदान एक जून को होगा। वाराणसी में चुनाव भले ही एक तारीख को हो, लेकिन रैली, सार्वजनिक बैठक, कार्यक्रम और चुनाव संबंधी सभी गतिविधियां मई में ही होंगी। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनावी कैंपेन और वोटिंग के समय वाराणसी में भीषण गर्मी का माहौल होगा.
गर्मी बढ़ा सकती है परेशानी
आईएमडी ने हाल ही कहा था कि देश के कई हिस्सों में अप्रैल से जून तक दस से 20 दिन तक लू चलने की आशंका है। मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में दो से आठ दिन तक रह सकती है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, स्वास्थ्य-परिवार कल्याण मंत्रालय आदि के प्रतिनिधियों की बैठक में भी आशंका जताई गई थी कि इस बार गर्मी में ज्यादा परेशानी हो सकती है.
देश में अब तक हुए चुनावों के टेंप्रेचर और वोटिंग परसेंट
चुनावी साल चुनाव (शुरू/खत्म) तापमान (मैक्सिमम/मिनिमम) वोटिंग परसेंट
1952 02-25 जनवरी 19-24 सेंटीग्रेड 45.7 परसेंट
1957 24 फरवरी से 15 मार्च 21-26 सेंटीग्रेड 47.7 परसेंट
1962 19-25 फरवरी 20-26 सेंटीग्रेड 55.4 परसेंट
1967 28 फरवरी से 15 मार्च 21-27 सेंटीग्रेड 61 परसेंट
1971 01-10 मार्च 23-30 सेंटीग्रेड 55.3 परसेंट
1977 16-20 मार्च 24-31 सेंटीग्रेड 60.5
1980 3-06 जनवरी 19-24 सेंटीग्रेड 56.9 परसेंट
1984 24-28 दिसंबर 19-25 सेंटीग्रेड 64 परसेंट
1989 22-26 नवंबर 22-28 सेंटीग्रेड 62 परसेंट
1991 20-05 जून 28-33 सेंटीग्रेड 55.9 परसेंट
1996 27 अप्रैल से 07 मई 28-33 सेंटीग्रेड 57.9
1998 16-28 फरवरी 21-26 सेंटीग्रेड 62 परसेंट
1999 05 सितंबर 03 अक्टूबर 26-31 सेंटीग्रेड 60 परसेंट
2004 20 अप्रैल 10 मई 20-33 सेंटीग्रेड 58.1 परसेंट
2009 16 अप्रैल 13 मई 28-34 सेंटीग्रेड 58.2 परसेंट
2014 07 अप्रैल 12 मई 28-33 सेंटीग्रेड 66.4 परसेंट
2019 11 अप्रैल 19 मई 30-35 सेंटीग्रेड 67.4 परसेंट
वाराणसी में कब कितनी वोटिंग (परसेंट में)
इलेक्शन ईयर टोटल वोटिंग परसेंट
1952 45.19
1957 62.67
1962 63.20
1967 56.8
1971 55.48
1977 55.83
1980 53.66
1984 54.94
1989 42.64
1991 44.79
1996 47.18
1998 44.16
1999 45.02
2004 48.15
2009 46.27
2014 58.35
2019 59.62
19,62,699 कुल वोटर हैं वाराणसी लोकसभा में
10,65,343 मेल वोटर हैं
8,97,221 फीमेल वोटर हैं
135 अन्य वोटर हैं
43 डिग्री हो सकता है एक जून का टेम्प्रेचर क्लाइमेट डाटा के अनुसार
हम लगातार वोटिंग परसेंट बढ़ाने के लिए कैंपेन चला रहे हैं। इसके साथ ही बूथों पर धूप से बचाने के लिए टेंट आदि के व्यवस्था की जा रही है। यहीं नहीं बूथों पर नींबू-पानी आदि की व्यवस्था का भी प्रबंध किया जा रहा है, ताकि वोटर्स को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े.
हिमांशु नागपाल, सीडीओ वाराणसी