-जिला निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव को लेकर की सख्त तैयारी
-वोटर आईडी कार्ड की डुप्लीकेसी व ईवीएम में गड़बड़ी की अब नहीं सुनाई देगी शिकायत
भेल के इंजीनियरों ने 32 सौ वीवी पैट व 33 कंट्रोल यूनिट का किया परीक्षण
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वोटर आईडी कार्ड की डुप्लीकेसी, ईवीएम से छेड़छाड़, वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत अब नहीं सुनाई देगी। जिला निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव को लेकर सख्त तैयारी की है। भेल के इंजीनियरों से 32 सौ वीवी पैट और 33 कंट्रोल यूनिट का परीक्षण करा लिया गया है।
वोटर आईडी कार्ड पूरी तरह सेफ
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी डीएस उपाध्याय कहते हैं कि आयोग की ओर से अब मतदाताओं को प्लास्टिक वोटर आईडी कार्ड दी जा रही है। जालसाजों द्वारा इसकी डुप्लीकेसी अब संभव नहीं है। यह पूरी तरह से सुरक्षित कार्ड है। नये वोटर आईडी कार्ड पर बार कोड होता है, जिसे बार कोड रीडर मशीन से स्कैन करने पर सारी जानकारी सामने आएगी। पूर्व में ब्लैक एंड व्हाइट लेमिनेटेड वोटर आईडी कार्ड की डुप्लीकेसी की शिकायत अक्सर आती थी।
पुराने वोटर्स को देना होगा 25 रुपए
प्लास्टिक वोटर आईडी कार्ड सिर्फ नये वोटरों को मुफ्त में दी जा रही है। किसी मतदाता का वोटर आईडी कार्ड खो जाने या खराब होने पर नये कार्ड के लिए 25 रुपए शुल्क के साथ आवेदन करना होगा। उसे भी प्लास्टिक वाला कार्ड ही दिया जाएगा। पूर्व में जारी ब्लैक एंड व्हाइट लेमिनेटेड वोटर आईडी कार्ड को पीवीसी में तब्दील करने की कोई प्लानिंग नहीं है।
2,920 बूथों पर रहेगा वीवी पैट
एडीईओ ने बताया कि पार्लियामेंट इलेक्शन के दौरान सभी 2,920 बूथों पर वीवी पैट रहेगा, जो भेल के इंजीनियरों द्वारा टेस्टेड है। इसमें गड़बड़ी की कोई आशंका नहीं है। उन्होंने बताया कि आगामी पार्लियामेंट इलेक्शन के लिए करीब 47 सौ बैलेट यूनिट, 33 सौ सीयू यानी कंट्रोल यूनिट और 32 सौ वीवी पैट तैयार हैं। इन्हें पहडि़या मंडी में 24 घंटे फोर्स की सुरक्षा में रखा गया है।
ईवीएम हैक नहीं हो सकता
दयाशंकर उपाध्याय ने बताया कि ईवीएम हैक करने की खबर पूरी तरह बकवास है। ईवीएम में न तो चिप है, न ही इंटरनेट से कनेक्ट। यह बैट्री से चलती है। ऐसी स्थिति में ईवीएम को कोई हैक नहीं कर सकता है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है।
अफसरों की बना रहे सूची
सात विभागों से मांगी जानकारी
चीफ इलेक्शन ऑफिसर के निर्देश पर वाराणसी में भी चार वर्ष से तैनात गजटेड अधिकारियों की सूची बनायी जा रही है। जिला निर्वाचन कार्यालय से सभी विभागों को पत्र भेजकर जानकारी मांगी गयी है। अब तक कृषि विभाग, पंचायत, भूमि संरचना, मत्स्य विभाग, युवा कल्याण, सहकारिता और जल निगम ने जानकारी दी है। इन विभागों में चार साल से पहले का कोई अधिकारी नहीं है।