वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में वायरल फीवर या यू कहें कि रहस्यमयी बुखार का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया हैशहर से लेकर गांव तक सभी अस्पतालों इलाज कराने वाले मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिल रही हैअस्पताल पहुंचने वालों में करीब-करीब हर कोई बुखार, सर्दी-खांसी से पीडि़त हैघर का एक सदस्य के इन बीमारियों से पीडि़त होने पर सभी लोग बीमार पड़ रहे हैंयही वायरल अब खतरनाक रूप ले लिया हैएक-दूसरे में बीमारी को प्रसार न हो इसके लिए अब डॉक्टर्स मरीजों को मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैंडॉक्टर्स का कहना है कि वायरल में लोगों खासी और छींक से भी परेशान है, ऐसे में जरूरी है कि पीडि़त लोग खांसते समय मूंह पर रूमाल रखे या मास्क लगाए रखेवायरल के साथ डेंगू-मलेरिया के साथ अब टायफाइड भी लोगों को परेशान कर रहा है

लोगों ने खुद भी निकाला मास्क

सरकार की ओर अब तक इस रहस्यमयी बुखार को लेकर किसी तरह की न कोई जांच और न किसी तरह की कोई गाइडलाइन जारी की गई हैइसके चलते मरीज तो दूर डॉक्टर भी यह समझ नहीं पा रहे हैं कि यह कौन से वायरस है जिसकी गिरफ्त में एक व्यक्ति के साथ पूरा परिवार आ जा रहा हैलोग इसे कोरोना का ही कोई रूप मान रहे हैंस्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी कोई हिदायत न मिलने से लोग अब अपना बचाव करने के लिए एक बार मास्क का सहारा लेकर खुद का बचाव करने का प्रयास कर रहे हैंइधर चिकित्सकों की मानें तो भले ही बीमारियां अलग-अलग हों, लेकिन सभी में सिमटम्स एक जैसे ही पाए जा रहे हैंकुछ मामलों में जांच के बाद डेंगू व मलेरिया के साथ मरीजों में टाइफाइड की पुष्टि हो रही हैवर्तमान में मंडलीय व जिला अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजों में से करीब 30 प्रतिशत मरीजों में टाइफाइड की पुष्टि हो रही है, जबकि अन्य मरीज वायरल इंफेक्शन जूझ रहे हैं

तीन माह तक पॉजिटिव आता रिपोर्ट

फीजिशियन डॉअजय गुप्ता बताते हैं कि एक बार टाइफाइड होने के बाद करीब तीन माह तक वह पॉजिटिव आता हैइसका मतलब यह नहीं कि टाइफाइड ठीक नहीं हुआइसमें दवा को अधूरा नहीं छोडऩा चाहिएवहीं करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों में बुखार वायरल इंफेक्शन की वजह से हो रहा हैयह बुखार तीन से चार दिनों तक मरीज को परेशान करता हैकिसी किसी को यह दो सप्ताह तक परेशान कर रहा हैटायफाइड और वायरल इंफेक्शन दोनों में बुखार 103 से 104 डिग्री फारेनहाइट तक आता हैइससे लोगों को परेशानी होती हैइस समय में भी हम पीडि़त मरीजों को मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं, ताकि घर हो या बाहर कही भी इंफेक्शन को प्रसार न हो

ये बरतें सावधानी

-दूषित भोजन और पानी के प्रयोग से बचें

-बुखार पीडि़त व्यक्ति के संपर्क में आने से भी बचें

-तेज बुखार होने पर स्पंजिंग करें, डॉक्टर से सलाह लें

डेंगू, चिकनगुनिया, इटेरोवायरल इंफेक्शन जैसे तमाम ऐसे वायरल इंफेक्शन हंै, जिसके सिमटम्स एक जैसे होते हैंइसी के आधार पर इलाज किया जाता हैइस समय उनकी ओपीडी में 100 में से 30 बच्चे टायफाइड से पीडि़त पाए जा रहे हैंसर्दी-जुकाम के मरीजों को मास्क लगाने की सलाह दी जा रही है

डॉसीपी गुप्ता, पीडियाट्रिक, मंडलीय अस्पताल

करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों में बुखार वायरल इंफेक्शन की वजह से हो रहा हैयह बुखार तीन से चार दिनों तक मरीज को परेशान करता हैकिसी किसी को यह दो सप्ताह तक परेशान कर रहा हैअब यह कोरोना का कोई रूप या कोई और बीमारी यह जांच का विषय हैफिलहाल आने वाले हर मरीज को इस इंफेक्शन से बचने के लिए मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं

डॉअजय गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर, आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज