वाराणसी (ब्यूरो)। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में इस साल सावन में 15 दिनों में 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मत्था टेका है। मंदिर में भक्तों की रिकॉर्डतोड़ भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने मुस्तैदी भी दिखाई है, लेकिन वीआईपी गाडिय़ों के प्रवेश को रोक पाने में सख्ती दिखाती नजर नहीं आ रही है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए 4 प्रवेश द्वार बनाए गए हैैं, लेकिन गेट नंबर चार से वीआईपी के लिए इंट्री होती है। गोदौलिया चौराहे से मैदागिन की तरफ आने वाले सड़क के बीच काशी विश्वनाथ धाम का गेट नंबर चार आता है और इस रास्ते पर चारपहिया वाहनों की आवाजाही पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। बावजूद इसके प्रशासन, पुलिस और बाहर से आने वाले वीआईपी की गाड़ी धड़ल्ले से प्रवेश पाती है, जिसका परिणाम यह होता है कि इस मार्ग से आने-जाने वाले श्रद्धालु कई बार गाडिय़ों से घायल तक हो जाते हैं.
तस्वीरों में देखें वाहनों का प्रवेश
गेट नंबर चार के पास एक पुलिस की गाड़ी को मशक्कत के साथ टर्न करना पड़ रहा है। इस दौरान आने-जाने वालों को काफी देर तक जाम में फंसे रहना पड़ा। अक्सर पुलिस की गाड़ी में यहां वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं। वीआईपी गाडिय़ों के आने की वजह से मैदागिन की ओर से आने वाला एक एंबुलेंस गेट नंबर चार के पास फंस गया। इस दौरान श्रद्धालुओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। गोदौलिया की तरफ से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन बड़े वाहनों के प्रवेश होने से भक्तों को पैदल तक चलने में मुश्किलें आने लगती हंै। इस दौरान कई बार पुलिस वालों की तरफ से रोकटोक करने पर झड़प भी होता है। वीआईपी दर्शन के लिए सरकारी वाहनों का सहारा भी खूब लिया जा रहा है। ये गाडिय़ां ज्यादातर मैदागिन होकर आती हैं और गोदौलिया होकर निकल जाती हैं। इस दौरान बेरिकेडिंग पर खड़े पुलिसकर्मी रोकते हैं तो प्रशासनिक धौंस दिखाकर उन्हें खुलवा लेते हैं.
गिरजाघर चौराहे में लगे बेरिकेड्स
गिरजाघर से मंदिर के प्रवेश द्वार तक पहुंचने में दो जगह बेरिकेड्स लगाए गए हैैं। पहला गिरजाघर और दूसरा गोदौलिया चौराहे पर, ताकि चारपहिया वाहनों को रोका जा सके और श्रद्धालुओं को आने-जाने में दिक्कत नहीं हो, लेकिन यहां पर हमेशा ही चारपहिया वाहनों से पहुंचने वाले वीवीआईपी और वीआईपी के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है.
प्रतिदिन वीआईपी की संख्या
जानकारी के मुताबिक गेट नंबर 4 से प्रतिदिन बड़ी संख्या में वीआईपी के दर्शन होते हैं। पुलिस प्रोटोकॉल की बात करेें तो प्रतिदिन 50 से 55 की संख्या होती है, वहीं प्रशासन की ओर से भी प्रतिदन 10 से 15 प्रोटोकॉल दर्शन कराए जाते हैं। इस दौरान मंदिर में बाकी श्रद्धालुओं के समक्ष उन्हें आसानी से दर्शन होते हैं.
सीपी का संदेश भी बौना
बता दें कि सावन शुरू होते ही ट्रैफिक पुलिस ने फैसला लिया था कि गोदौलिया से मैदागिन तक चारपहिया वाहनों पर रोक रहेगी। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने गए थे। वे गोदौलिया से मंदिर परिसर तक पैदल चलकर पहुंचे थे। इसके पीछे यह संदेश भी छुपा था कि वीआईपी गाडिय़ों से न चलकर पैदल ही मंदिर जाने का सफर तय करें, लेकिन उनके ही महकमे के लोग आसानी से अपनी सरकारी गाडिय़ों में दर्शन के लिए लोगों को गेट नंबर चार तक ले जाते हैं.
गोदौलिया से लेकर मैदागिन तक चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक है। अगर सरकारी गाड़ी में कोई दर्शन के लिए जा रहा है तो यह गलत है और उनके चालान भी कटेंगे, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण विभागों की गाडिय़ों को नहीं रोका जा सकता है और वही प्रवेश कर रहे हैं.
देवेंद्र कुमार पुरी, एसीपी, ट्रैफिक विभाग