वाराणसी (ब्यूरो)। शहर की बदहाल सड़कों ने शहरवासियों का बजट बिगाड़ दिया है। हालात यह है कि पहले डेढ़ से दो साल तक वाहनों के पाट्र्स चलते थे, जबकि अब 6 से 7 महीने में ही खराब हो जा रहे हैैं। टू-ह्वीलर के साथ ही फोर-ह्वीलर वाहन के क्लच, ब्रेक, ब्रेक वायर, गेयर तो खराब हो ही रहे हैैं, साथ ही गेयर बाक्स भी डैमेज हो जा रहा है। इस समय वाहनों की पाट्र्स की डिमांड बढ़ गयी है। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सड़कें खराब होने की वजह से लोग लंबा रूट पकडऩा ज्यादा मुनासिब समझ रहे हैं.
मेंटनेंस तीन गुना बढ़ गया
नगर निगम सीमा क्षेत्र की जर्जर व खस्ताहाल सड़कों से जहां राहगीर व शहरवासी परेशान हैं। वहीं खराब सड़कों के चलते वाहनों का मेंटेनेंस भी तीन गुना बढ़ गया है। क्लच प्लेट, टायर व सस्पेंशन भी आए दिन खराब हो रहे हैं, जबकि आम दिनों के मुकाबले वाहनों की रफ्तार में 50 फीसदी तक गिरावट आई है। सड़क पर धीमी गति से गाड़ी चलाने के बावजूद वाहनों के पाट्र्स पर असर पड़ रहा है। माइलेज भी घट जा रहा है.
अधिकतर सड़कें जर्जर
शहर के लिंक रोड, एयरपोर्ट रोड को छोड़कर अधिकतर सड़कें जर्जर व बदहाल पड़ी हुई हैं और शहर की एक भी सड़क ऐसी नहीं है, जिसे गड्ढामुक्त कहा जा सके। इन सड़कों पर वाहनों को धीमी गति से चलाने पर भी अचानक टायर किसी गड्ढे में चला जाता है, जिससे संतुलन बिगड़ जाता है और अचानक आने वाला भार वाहन के कलपुर्जे पर अतिरिक्त दबाव डालकर डैमेज कर देता है.
सस्पेंशन व टायर खराब की शिकायतें
टू-ह्वीलर के मैकेनिक ने बताया कि गड्ढा युक्त सड़कें होने के कारण वाहनों के क्लच प्लेट समय से पहले घिस जा रहे हैं। जर्जर सड़क पर अचानक आने वाले झटके से वाहन की रफ्तार कम होती है और दोबारा लोड लेकर वाहन को आगे बढ़ाने से क्लच प्लेट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे इंजन ऑयल के समय से पहले जल जाता है और वाहन भी खराब हो जाते हैं। चारपहिया व दोपहिया वाहनों में सबसे कॉमन समस्या सस्पेंशन व टायर खराब होने की आ रही है। खराब सड़कों पर गाडिय़ों के सस्पेंशन और टायर समय से पहले ही जवाब दे रहे हैं।
तीन गुना बढ़ गया खर्च
आमतौर पर किसी भी कार का नियमित मेंटेनेंस चार हजार रुपए और दोपहिया वाहनों का मेटेंनेंस 1000 से 1500 रुपए के अंदर आता है। गाड़ी का सस्पेंशन आर्म रॉड और इंजन के अन्य कलपुर्जे खराब हो रहे हैं तो इन्हें बदलने का अतिरिक्त शुल्क व लेबर चार्ज चुकाना पड़ता है जो तीन गुना पड़ता है। वहीं दोपहिया वाहनों की टायर व इंजन खराब की शिकायतें अधिक आ रही हैं.
शॉकर खराब की कम्प्लेन
वाहनों में सबसे अधिक कम्प्लेन शॉकर खराब होने की आ रही है। चार से पांच महीने में नए वाहनों के शॉकर खराब हो जा रहे हैं। शॉकर की कीमत 1500 से 2000 रुपए तक है। यदि बाइक का टायर खराब हो गया है तो 1500 से 2000 रुपए का एक टायर किसी भी ब्रांडेड कंपनी का गाड़ी में डाला जा रहा है.
फोर ह्वीलर में समस्या
फोर ह्वीलर के मैकेनिक का कहना है कि शहर की खराब सड़कें व जाम की वजह से लगातार पैर का प्रेशर क्लच और ब्रेक पर रहता है। इसके चलते फोर ह्वीलर में सबसे अधिक क्लच और ब्रेक खराब हो रहा है। इसके बाद टायर और ट्यूब भी समय से पहले खराब हो जा रहा है। वाहन खराब होने पर गैराज भेजने पर मैकेनिक प्रति वाहन 5 से 10 हजार का बिल बनाकर देता है। हर बार बारिश के मौसम में टायर बदलवाने पड़ते हैं.
गड्ढायुक्त सड़कें होने के कारण सबसे अधिक टायर और शॉकर खराब हो रहे हैैं। बार-बार ब्रेक दबाने से इंजन पर भी असर पड़ रहा है.
मोनू विश्वकर्मा, मैकेनिक
पहले दो साल में वाहन के पाट्र्स बदले जाते थे। अब 6 महीना भी नहीं बीतता है कि वाहनों के पाट्र्स खराब हो जा रहे हैं.
मनोज जायसवाल, वाहन चालक
दो साल तक वाहनों के पाट्र्स चल जाएं बहुत बड़ी बात है। गड्ढायुक्त सड़कें, ऊपर से जाम होने के कारण बहुत कम समय में पाट्र्स डैमेज हो जा रहे हंै.
दिनेश खुराना, वाहन चालक
वाहनों का माइलेज भी खराब हो गया है। टायर ट्यूब तो आए दिन खराब हो रहे हंै। ऑयल भी काफी तेजी से खराब हो रहा है.
प्रतीक शर्मा, वाहन चालक
लगातार क्लच ब्रेक दबाने से पाट्र्स खराब हो रहे हैैं। फोर ह्वीलर हो या फिर टू ह्वीलर समय के पहले खराब हो रहा है.
जय कुमार, मैकेनिक