वाराणसी (ब्यूरो)। मीरघाट में सपा नेता के घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग की वारदात से हर कोई सहम गया। इस घटना में छह लोगों को नामजद किया गया। दो ने कोर्ट में सरेंडर किया और दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। शिवपुर में सिपाही की पत्नी से चेन स्नैचिंग में चार पकड़े गए। सिगरा में ईंट से कूंचकर अनिल कुमार की हत्या में तीन गिरफ्तार हुए। वाराणसी में 3.55 करोड़ की ठगी में 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। सारनाथ, शिवपुर, लंका में चोरी की घटनाओं में करीब नौ लोगों की गिरफ्तारी हुई। इसके अलावा रोजाना गांजा तस्करी, छेड़छाड़ और मारपीट की घटनाओं में तीन से चार लोगों की गिरफ्तारी होती है। घटनाएं तो अलग-अलग है, लेकिन इन सबसे एक चीज कॉमन है। गिरफ्तार लगभग सभी अपराधियों की उम्र 20 से 30 साल तक ही है। इससे साफ है कि शहर में हाल फिलहाल में अपराध की ताबड़तोड़ हुई अधिकतर घटनाओं में युवाओं की ही संलिप्तता ज्यादा है। 20 से 25 साल के एज में पहुंचते ही युवा कॉलेज नहीं, बल्कि जरायम की पाठशाला में एंट्री कर रहे हैं और संगीन से संगीन अपराध को अंजाम देने में तनिक भी गुरेज नहीं कर रहे।
सपा नेता के घर पर फायरिंग
दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के मीरघाट स्थित सपा नेता विजय यादव के घर पर चढ़कर युवकों ने गोली चलाई थी। इस दौरान छह लोग गोली लगने से घायल हो गए थे। फायरिंग और हमले के मामले में पांच नामजद चार आरोपियों पर डीसीपी काशी जोन ने 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। बदमाशों में सूजाबाद पड़ाव का साहिल यादव, मच्छोदरी में रहने वाला पूर्व पार्षद अंकित यादव, शीतला गली निवासी शिवम शर्मा, भाई शोभित शर्मा, कबीरचौरा निवासी योगेश वर्मा व रोहित सेठ का नाम शामिल है। इन सभी आरोपितों की 20 से 30 तक ही है।
सिपाही की पत्नी से चेन स्नेचिंग में चार अरेस्ट
एसओजी और लालपुर-पांडेयपुर व शिवपुर थाने की पुलिस ने मुठभेड़ में एक बदमाश किशन सरोज के पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया था, जो शिवपुर थाना क्षेत्र में दारोगा की पत्नी से चैन स्नेचिंग की घटना में शामिल था। इस मामले में पुलिस ने विक्की जैसवार, विकास कुमार व शिवम वर्मा को भी गिरफ्तार किया। इन आरोपियों की उम्र 19 से 27 साल की है।
लोहता में कैलाश की हत्या में चार अरेस्ट
लोहता थाना क्षेत्र के कोरौता निवासी कैलाश प्रजापति (50) की तीन लोगों ने गर्दन मरोड़ कर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपी राजन प्रजापति, शशिकांत, अभिषेक जायसवाल और प्रदीप चौहान को गिरफ्तार किया गया। इन सभी आरोपियों की उम्र 22 से 30 साल तक है। सीसी कैमरे की मदद से आरोपियों की पहचान हुई थी। पड़ोसी दुकानदार ने कम पकौड़े बिकने की रंजिश में तीन लाख रुपये की सुपारी देकर कराई थी।
3.55 करोड़ की साइबर फ्र ॉड, आरोपी महज 20 साल का
वाराणसी में रिटायर्ड शिक्षिका से 3.55 करोड़ की साइबर फ्र ॉड के मामले में कुल 18 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इसमें प्रमुख आरोपी पवन सिंह था। जो महज 20 साल का है। इसके अलावा अन्य आरोपितों की उम्र भी 20 से 30 साल तक है। आठ आरोपी बैंककर्मी थे। पवन ने पूछताछ में बताया कि वह जल्द पैसा कमाने की चाह में साइबर अपराधियों के गिरोह से जुड़ा था। अपने और साथियों के नाम पर किराए के घर का पता दिखाकर बैंक खाता खुलवाकर साइबर अपराधियों को देता था।
बीएचयू का छात्र साइकिल चोरी में अरेस्ट
बीएचयू में बीएससी का छात्र विश्वविद्यालय परिसर से साइकिल चुरा कर बेच देता था। छात्रों की शिकायत के आधार पर लंका थाने की पुलिस ने आरोपी छात्र को चोरी की 15 साइकिल के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने इस कृत्य का कारण बताया।
अपराध में 60 परसेंट यूथ की संलिप्तता
वर्तमान दौर में युवाओं की संख्या बढ़ रही है। युवा वर्ग हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, इसमें अपराध को शामिल किया जाएगा तो गलत नहीं होगा। अधिकतर आपराधिक वारदात में युवाओं की भागीदारी सर्वाधिक नजर आ रही है। वर्तमान में 60 प्रतिशत से अधिक गंभीर प्रवृत्ति के अपराधों में युवा ही सामने आ रहे है। कई युवा ऐसे है जो कि नशे या फिर अपनी जिद के चक्कर में जाने अनजाने में अपराधों के दलदल में फंसे जा रहे हैं तो कुछ युवा अपराध की दुनिया को अपना पेशा बना रहे हैं। अपराधों में नाम सामने आने वाले युवाओं में कई युवा ऐसे भी हंै जो कि जाने अनजाने में अपराध कर बैठते हैं और फिर पुलिस रिकॉर्ड में नाम शामिल हो जाता है। जबकि कुछ अपराधी आदतन हो गए हैं जो कि अपने शोक-मौज पूरे करने के लिए अपराध के रास्ते पर चल पड़े हैं तो कुछ पेशेवर होकर लोगों को डरा धमकाकर, किसी न किसी बहाने से उनसे रुपए वसूलते है।
कमिश्नरेट पुलिस ने हाल फिलहाल की लगभग सभी आपराधिक घटनाओं का खुलासा किया है, जिसमें युवाओं की संलिप्तता ज्यादा दिख रही है। जेल में समय-समय शिविर लगाकर अपराधियों खास युवाओं की काउंसलिंग कराई जाती है। जेल से रिहा होने पर अपराध से दूरी बनाने की सलाह भी दी जाती है।
- मोहित अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर
अपराधी बनने की ये वजह
1 लक्जरी लाइफ स्टाइल
युवा महंगे मोबाइल, बाइक्स, लैपटॉप जैसी कई सुविधाएं चाहते हैं। यही कारण है कि वे इस तरह की अनावश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए चोरी व लूट जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं।
2 गर्लफ्र ंड का साथ
कॉलेज में गर्लफ्र ंड बनाने के बाद उसके सामने खुद को आर्थिक रूप से मजबूत दिखाने के लिए वे चोरियां करते हैं। महिला साथी को महंगे उपहार देने व उसे होटलों में ले जाने का खर्च जुटाने के लिए भी वे अपराध की ओर अग्रसर होते हैं।
3 प्रतिस्पर्धा साथियों से
कॉलेजों में मध्यम व सामान्य वर्ग के छात्रों के साथ उच्च वर्ग के छात्र भी पढ़ते हैं। कई बार सामान्य परिवारों के छात्र इन छात्रों की होड़ करने के लिए अपराधों के जरिए कमाई करने का रास्ता अपनाते है। कई बार अनावश्यक जरूरतों की पूर्ति साथियों से उधार लेकर करते हैं। पैसे नहीं चुकाने की स्थिति में वे अपराध करना ही पड़ता है।
4 पार्टियों की मस्ती
बाहर से आकर रहने वाले छात्र पार्टियों के आदी हो जाते है। दोस्तों के साथ उनकी आए दिन पार्टियां होती है। ऐसी ही पार्टियों के रास्ते युवाओं को शराब की लत भी पड़ जाती है। इसमें होने वाले खर्च की पूर्ति माता-पिता से मिलने वाली पॉकेट मनी से तो होने से रही।
5 हुक्का बार
शहर में कई जगह खुले शीशा लाउंज व हुक्का बारों पर पहुंचने वालों में भी युवाओं की तादाद काफी रहती है। इनके खर्च के लिए भी युवा अपराध को अंजाम देते है। पेरेंट्स से मिले फीस के पैसों को युवा यहीं उड़ा देते हैं। ऐसे में फीस का इंतजाम करने के लिए गलत रास्ते अपनाते हैं।