वाराणसी (ब्यूरो)। डिजिटल पेमेंट का दौर आने के बाद क्यूआर कोड चर्चा में आया, पर इन दिनों क्यूआर कोड ट्रैफिक मैनेजमेंट के कारण चर्चा में है। ई रिक्शा किसी का और क्यूआर कोड किसी और का सुनकर आपको अटपटा लगेगा, लेकिन यह सच है। कैंट के पिलर नंबर 74 के पास सेवापुरी निवासी चालक रवि कुमार राजभर ई-रिक्शा के साथ खड़ा था। उसका स्टीकर स्कैन किया गया तो दूसरे ई-रिक्शा का निकला। पूछताछ में बताया कि मनोज नामक व्यक्ति ने रूट बदलने के लिए स्टीकर को दूसरे ई रिक्शा से उखाड़ा था। पिछले तीन दिनों में ट्रैफिक पुलिस के पास एक दर्जन से अधिक केस ऐसे आए हैं।
दरअसल, शहर में जाम को समाप्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने ई-रिक्शा का जोनवार रूट निर्धारित किया और वाहनों के लिए क्यूआर कोड जारी किया, लेकिन चालकों ने भी नया पैैंतरा निकाल लिया। रूट बदलने के लिए क्यूआर कोड ही चोरी कर रहे हैैं।
स्टीकर चुराने पर जाएंगे जेल
शहर में ई-रिक्शा से स्टीकर चुराने के 22 केस सामने आए हैं। जिसने भी ई रिक्शा से क्यूआर कोड चुराया है, ट्रैफिक विभाग ने सभी बार कोड को निरस्त कर दिया है। अब दोबारा लगाने पर ई रिक्शा सीज हो जाएंगे। साथ ही स्टीकर चुराने के जुर्म में उन्हें जेल भी भेजा जाएगा।
स्टीकर नहीं कर सकते ट्रांसफर
एडीसीपी ट्रैफिक राजेश पांडेय ने बताया, जिस ई रिक्शा को स्टीकर जारी हुआ है। वही लगाकर चल सकता है। किसी दूसरे ई रिक्शा से स्टीकर उखाड़कर ई रिक्शा संचालक चाहेंगे कि अपने ई रिक्शा पर चस्पा कर दूसरे रूट पर चल सकें तो ऐसा नहीं हो सकता। यह स्टीकर ट्रांसफरेबल नहीं है। जिस ई रिक्शा को बारकोड जारी हुआ है, उसमें उसका सारा डिटेल है। किसी दूसरे ई रिक्शा पर लगाने पर ई रिक्शा सीज हो जाएगा।
22 बार कोड निरस्त
ट्रैफिक विभाग ने अभियान चलाकर ई रिक्शा चालकों के बार कोड की जांच की तो इनमें 22 ऐसे ई रिक्शा मिले जो दूसरे का बारकोड लगाकर चल रहे थे। उनके बारकोड को निरस्त कर ई रिक्शा को सीज कर दिया गया है।
चोरी किए गए बार कोड
चोरी किए गए कलरयुक्त बार कोड आर 0386, आर 0336, आर 1239, आर 0019, आर 1388, आर1772, वाई 0005, वाई 0091, वाई 0096, वाई 0097, वाई 0616, वाई 0222, वाई 0672, वाई 1514, वाई 1400, वाई1155, जी 0469, जी 0908, बी 0421, बी 0520, बी 0594, बी 0698 को टोटो मैनेजमेंट सिस्टम कार्यालय द्वारा निरस्त कर दिया गया है। अगर यह बार कोड किसी गाड़ी पर लगे हुए पाए जाएंगे तो उस वाहन व चालक के विरुद्ध सुसंगत विधिक कार्रवाई करते हुए अभियोग पंजीकृत किया जाएगा।
दूसरे रूट में जाते हैं चार्जिंग के लिए
वहीं ई-रिक्शा संचालकों का कहना है कि कई ई रिक्शा चालक बैट्री की चार्जिंग के लिए अपने रूट से दूसरे रूट में जाते हैं। इसके चलते भी उनको दिक्कत होती है। उनके ई रिक्शा का चालान कर दिया जाता है। इसलिए जिस रूट का ई-रिक्शा हो उसी रूट में चार्जिंग प्वाइंट भी बनाया जाए, ताकि ई-रिक्शा का चालान न हो सके।
फैक्ट एंड फीगर
22 ई-रिक्शा से बार कोड चोरी
6500 ई-रिक्शा को मिल चुका बार कोड
165 के खिलाफ सीज की कार्रवाई
वर्जन
ई-रिक्शा से बार कोड चुराने पर चालक जेल तो जाएंगे ही, साथ ही ई रिक्शा को भी सीज कर दिया जाएगा। बारकोड का फोटो स्टेट भी चालक नहीं कर पाएंगे।
-राजेश पांडेय, एडीसीपी ट्रैफिक