वाराणसी (ब्यूरो)। लोकमान्य तिलक टर्मिनल (मुंबई) से चलकर गोरखपुर जाने वाली काशी एक्सप्रेस में सोमवार को सफर के दौरान एक गर्भवती महिला यात्री ने बच्ची को जन्म दिया। बिना चिकित्सक के ही बोगी में महिलाओं के सहयोग से प्रसव की प्रक्रिया पूरी हुई। कैंट स्टेशन पर स्वास्थ्य कर्मियों के पहुंचने तक ट्रेन छूट चुकी थी। प्रसव के बाद जौनपुर स्टेशन पर जच्चा-बच्चा को उतार लिया गया।
नीतू कन्नौजिया पति के साथ मुंबई से ट्रेन की बी-7 बोगी के बर्थ संख्या -72 पर यात्रा कर रही थीं। महिला को बस्ती के खलीलाबाद स्थित मायके जाना था। कैंट स्टेशन पहुंचने से पूर्व नीतू को प्रसव पीड़ा हुई। अपराह्न तीन बजे 139 हेल्पलाइन नंबर से संपर्क किया। इधर, कैंट स्टेशन पर स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र की टीम व्हीलचेयर और स्ट्रेचर में ही उलझी रही। तब तक ट्रेन आकर यहां निश्चित ठहराव लेकर प्रस्थान कर गई। आउटर में पहुंचते ही नीतू ने बच्ची को जन्म दे दिया। बोगी में बैठी महिलाओं की मदद से प्रसव कराया गया।
इस पर रेलवे स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए यात्री आरिफ अंसारी ने इंटरनेट मीडिया पर इसकी शिकायत की। प्रकरण संज्ञान में आने के बाद रेलवे कंट्रोल ने रुङ्क्षनग स्टाफ को मौके पर भेजा। सहायक लोको पायलट ने महिला का कुशलक्षेम लिया। इधर, जौनपुर स्टेशन पर पहले से मौजूद एंबुलेंस की मदद से जच्चा बच्चा का नजदीकी अस्पताल में उपचार कराया गया।