वाराणसी (ब्यूरो)। शारदीय नवरात्र में देवी के नौ रूपों का दर्शन-पूजन करने के लिए दर्शनार्थियों का हुजूम उमड़ पड़ा है। हथुआ मार्केट से लेकर जैतपुरा, बाबा मच्छोदरानाथ में भक्तों की भारी भीड़ रही। जगमग करते पंडाल और मां की भव्य प्रतिमा के आगे शीश नवाते रहे। शाम 6 बजे से भक्तों का रेला देर रात तक सड़कों पर उमड़ा रहा।
जैतपुरा में दर्शन-पूजन
पूजा-अर्चन के क्रम में मंगलवार को आस्थावानों का हुजूम जैतपुरा स्थित स्कंदमाता मंदिर में उमड़ा रहा। बागेश्वरी देवी मंदिर परिसर स्थित देवी के विग्रह को पूजने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। इसमें आराधक, उपासक और साधक सभी शामिल रहे। रूप अनेक, लेकिन सभी पर आदि शक्ति की भक्ति का चढ़ा रंग एक था। आश्विन पंचमी पर अप्रतिम छत्र तले अड़हुल की माला से सजीं माता रानी के दर्शन की आकांक्षा लिये श्रद्धालुओं का हुजूम ब्रह्म मुहूर्त से ही मंदिर पहुंचने लगा था और यह क्रम रात तक चला।
हर ओर दुर्गा स्तुति
हर ओर दुर्गा चालिसा व दुर्गा स्तुति के धीर-गंभीर स्वर मुखरित होते रहे तो घंट-घडिय़ाल और जयकारा से प्रांगण रह-रहकर गूंजता रहा। मंगला आरती के पश्चात मंदिर के गर्भगृह का कपाट खुला। कपाट खुलते ही दर्शन का क्रम शुरू हो गया। पुष्प, नारियल, चुनरी अर्पित कर धूप व कपूर से श्रद्धालुओं ने माता रानी की आरती उतारी। इस दौरान मां के जयकारे से मंदिर प्रांगण गुंजायमान रहा। गर्भगृह में मइया रानी की पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालु शीश नवाकर आशीष मांगते। किसी ने मन्नतों की चुनरी चढ़ाई तो किसी ने झोली फैलायी।
भक्ति में रहे लीन
मंदिर में दर्शनार्थियों में प्रसाद भी वितरित किया गया। मंदिर से लेकर मुख्य मार्ग तक माला-फूल और प्रसाद की अस्थाई दुकानें जगह-जगह लगी रहीं। स्कंदमाता मंदिर के अलावा अन्य देवी मंदिरों में भी आदि शक्ति की पूजा-अर्चना में वृद्ध-युवा और महिलाएं व युवतियां सभी लीन रहे। दिन चढऩे के साथ धूप की तल्खी व्रतधारी महिला-पुरुष श्रद्धालुओं को सताती रही। बावजूद इसके मंदिरों में दर्शन करने के सभी उमड़े रहे। नवदुर्गा मनोकामना सिद्धि मंदिर, चौस_ी मंदिर, संकठा मंदिर, महिषासुर मर्दिनी मंदिर और नवदुर्गा मंदिर (भदैनी) सहित नगर के विभिन्न दुर्गा मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।