वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में एक बार फिर मौत बनकर सेल्फी आई। सामने घाट पर फ्लोटिंग जेटी पर सेल्फी ले रही बिहार की एक छात्रा गंगा में गिर गई। बचाने के लिए उसके साथ आए दो छात्र भी गंगा में कूदे और गहरे पानी में समा गए। घटना शनिवार देर रात करीब ढाई बजे सामने घाट पर हुई। रविवार सुबह काफी तलाश के बाद एक छात्र का शव मिल गया है और शेष दोनों की तलाश एनडीआरएफ व जल पुलिस कर रही है। बिहार के मोतिहारी के रहने वाले वैभव सिंह जयपुर के विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी में एलएलबी द्वितीय वर्ष का छात्र था। उसका पड़ोसी रिशुराज भी उसी विश्वविद्यालय से बीटेक कर रहा है। दोनों रक्षाबंधन में घर आए थे और रविवार सुबह सात बजे उन्हें बनारस स्टेशन से जयपुर के लिए ट्रेन पकडऩी थी। दोनों ने शनिवार को वाराणसी आना तय किया। बिहार के रक्सौल निवासी निधि कुमारी उर्फ सोना भी उनके साथ वाराणसी आना चाहती थी। वह छोटी बहन के बीएचयू में दाखिले की जानकारी लेने के लिए आई थी।
रात में निकले टहलने
पटना के हिमालया कालेज से फिजियोथेरेपी का कोर्स कर रही सोना ने मोतिहारी के एमएस कालेज से बीए तृतीय वर्ष के छात्र ऋ षि कुमार को भी वाराणसी चलने के राजी कर लिया। सभी पटना से ट्रेन से रात दस बजे पं। दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन (मुगलसराय) पहुंचे। वे हरिश्चंद्र डिग्री कालेज से बीएड कर रही वैभव की दोस्त तनु के सामने घाट स्थित कृष्णा नगर कालोनी के फ्लैट पर पहुंचे और खाना खाया। पांचों देर रात गंगा किनारे टहलने चले गए। इस दौरान सोना, वैभव व ऋ षि घाट पर बिना रेलिंग की फ्लोटिंग जेटी पर चले गए, जबकि तनु और रिशु रेलिंग लगी जेटी पर गए। सेल्फी ले रही सोना पैर फिसलने से गंगा में गिर गई। उसे बचाने के लिए ऋ षि गंगा में कूदा और तेज धार में दोनों बहने लगे। यह देखकर वैभव ने भी छलांग लगा दी। रिशु की सूचना पर लंका थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा पहुंचे। एनडीआरएफ व जल पुलिस को जानकारी दी गई। गोताखोरों ने थोड़े ही देर में वैभव का शव बरामद कर लिया। सोना और ऋ षि का पता नहीं चल सका।
अब मेरा सहारा कौन बनेगा
वैभव के पिता किसान हैं और उसकी एक छोटी बहन है जो गांव में पढ़ती है। ऋ षि के पिता व्यवसाय करते हैं। ऋ षि दो भाइयों में बड़ा था। वैभव सिंह के पिता सत्य प्रकाश ने रोते हुए कहा कि मेरा इकलौता बेटा दुनिया छोड़ गया। करीब एक मिनट वह सिर्फ रोते रहे। फिर लडख़ड़ाती आवाज में बोले कि अब मेरा सहारा कौन बनेगा। मेरा तो सब कुछ खत्म हो गया, हम क्या बताएं। लड़का घर से बोल कर निकला था कि सुबह जयपुर जाना है, लेकिन उससे पहले यह हादसा हो गया।
सात महीने में 27 डूब गए
वाराणसी में गंगा में डूबने से इस साल जनवरी से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढऩे से सभी घाट खतरनाक हो गए हैं। पानी कहां कितना गहरा है, इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। इसलिए जो भी लोग गंगा स्नान करने आएं, वह पूरी तरह से सतर्क रहें। सेल्फी लेने के चक्कर में जान से खिलवाड़ न करें। रविवार सुबह गंगा का जलस्तर 66.64 मीटर रिकॉर्ड किया गया। यहां वॉर्निंग लेवल 70.26 मीटर है, इस समय गंगा का पानी वॉर्निंग लेवल से 3.62 मीटर नीचे बह रहा है। वाराणसी के करीब 40 घाट इस समय गंगा में डूबे हैं।