वाराणसी (ब्यूरो)। अब मनमाने तरीके से भवन स्वामी पेईंग गेस्ट हाउस का लाइसेंस नहीं ले सकेंगे। पुलिस और एलआइयू की रिपोर्ट पर पर्यटन विभाग लाइसेंस नहीं देगा। अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकाल एवं पर्यटन) प्रकाश चंद्र ने सख्ती बरतने के साथ पर्यटन विभाग को निर्देश दिया है कि बिना स्वामित्व प्रमाणपत्र के पेईंग हाउस का लाइसेंस नहीं देंगे। उन्होंने भवन स्वामी के आवेदन फार्म पर पुलिस और एलआइयू के साथ तहसील का रिपोर्ट लगाने का निर्देश दिया है। पीला कार्ड भी जरूरी है। रक्षा संपदा, नगर निगम, वीडीए, बंजर जमीन पर नहीं दें लाइसेंस.
200 आवेदन लंबित
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होने के साथ पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी होने के साथ होटल, गेस्ट हाउस, स्टे होम और पेईंग गेस्ट हाउस तेजी से बन रहे हैं। होटल व गेस्ट हाउस के लिए एडीएम प्रोटोकाल के यहां, स्टे होम के लिए पर्यटन (भारत सरकार) और पेईंग गेस्ट हाउस के लिए उप निदेशक पर्यटन कार्यालय में आवेदन कर रहे हैं। हर जगह 100 से 200 आवेदन लंबित पड़े हैं। लाइसेंस लेने के लिए लोग जुगाड़ लगा रहे हैं। परेड कोठी, इंग्लिशिया लाइन, रोडवेज, विजया नगरम मार्केट, लंका, गोदौलिया, दशाश्वमेध, चौक, अस्सी, सारनाथ आदि क्षेत्र में पर्यटक ठहरते हैं.
जांच में मिली थी गड़बड़ी
तत्कालीन पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने इंग्लिशिया लाइन, विजया नगरम मार्केट, कैंट, लंका व दुर्गाकुंड आदि इलाकों में संचालित पेईंग गेस्ट हाउस की जांच कराई थी। जांच में नगर निगम की दुकान में गेस्ट हाउस और पेईंग गेस्ट हाउस संचालित होते हुए पाए गए। उन्होंने तत्कालीन एडीएम प्रोटोकाल और एसएसपी को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की बात कही लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया। नियम है कि वहां मकान मालिक को परिवार के साथ रहना जरूरी है, लेकिन अधिकतर पेईंग गेस्ट हाउसों में किसी का परिवार नहीं रहता। पर्यटन विभाग अपने ही नियमों का पालन नहीं करा पा रहा है.
पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग को बिना स्वामित्व प्रमाण पत्र के पेईंग गेस्ट हाउस का लाइसेंस नहीं देने को कहा गया है। आए आवेदन को तहसील से रिपोर्ट लेने के लिए भेजा गया है। सिर्फ नगर निगम के मकान नंबर को आधार नहीं बनाएं। लापरवाही मिलने पर संबंधित कर्मचारी दंडित होंगे.
प्रकाश चंद्र, एडीएम (प्रोटोकाल एवं पर्यटन)