वाराणसी (ब्यूरो)हरहुआ रिंग रोड चौराहे पर मंगलवार दोपहर तेज रफ्तार ट्रेलर की चपेट में आने से महिला की मौत हो गईइसके पहले सुबह कंदवा गेट के पास तेज रफ्तार से आ रही कार दुकान में जा घुसीरविवार रात हरहुआ के पास तेज रफ्तार एसयूबी डिवाइडर से टकराकर पलट गईशनिवार सुबह चौबेपुर में हाइवे पर तेज रफ्तार कार ने तीन साइकिल सवारों को रौंद दिया, इसमें दो की मौत हो गईशुक्रवार रात नदेसर में कार की चपेट में आने से महिला समेत दो की मौत हो गई, जिसका बुधवार को वीडियो भी सामने आयाइन सभी सड़क दुर्घटनाओं में एक मुख्य वजह सामने आई, वह है तेज रफ्तारहालांकि, टै्रफिक पुलिस और आरटीओ के आंकड़ों में तेज रफ्तार का जिक्र नहीं होता हैइनके अनुसार अधिकतर एक्सीडेंट ट्रैफिक रूल तोडऩे और ड्राइवर की लापरवाही से होती हैकई बार घबराहट में वाहन सवार कंट्रोल खो बैठता है

तेज रफ्तार से 80 परसेंट एक्सीडेंट

बाबतपुर व फुलवरिया फोरलेन, रिंग रोड के साथ चौकाघाट फ्लाईओवर ने बनारस में वाहनों की रफ्तार बढ़ा दी है, लेकिन इसी रफ्तार की वजह से आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान भी जा रहीआई रेड एप के मुताबिक 80 प्रतिशत दुर्घटनाओं की वजह तेज रफ्तार रहीइसे रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस स्पीड रडार का इस्तेमाल करना था, लेकिन रफ्तार पर कंट्रोल नहीं किया जा सका

तीन साल में 690 मौत

सड़क दुर्घटनाओं पर नजर रखने वाले केंद्र सरकार के एप इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटा बेस (आई रेड ) ने बीते तीन साल के आंकड़े तैयार किए हैंइसके मुताबिक बीते तीन सालों में 1400 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 690 की मौत हो गई और 710 लोग घायल हो गएइसमें से 80 प्रतिशत दुर्घटनाएं तेज रफ्तार की वजह से हुई हैं

300 बाइक सवार घायल

सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वालों के सिर में लगी चोट घातक हो रही हैअस्पतालों के आंकड़ों की मानें तो बीते एक साल में तीन सौ बाइक सवार सिर में चोट लगने की वजह से बीएचयू के ट्रामा पहुंचेलगभग एक सौ को मंडलीय अस्पताल पहुंचाया गयाइनमें से 110 की मौत हो गई

हादसों की वजह

- ट्रैफिक रूल तोडऩे की वजह से

- ड्राइवर की लापरवाही और तेज रफ्तार के कारण

- भारी ट्रैफिक की वजह से

- सड़क खराब होने के कारण

- वाहन की खराबी से

- ब्लाइंड मोड़ की वजह से

- मौसम के कारण

- लंबी दूरी व चालक की बेचैनी से

- वाहन से नीचे गिर कर

- पशु की वजह से

- टक्कर के बाद वाहन जलने से

वर्जन

तेज रफ्तार की वजह से अधिकतर एक्सीडेंट होते हैंतेज रफ्तार के दौरान अचानक कोई सामने आ जाता है तो ऐसी स्थिति में चालक घबरा जाता हैबे्रक और एक्सलेटर दोनों साथ-साथ दब जाते हैंकभी-कभी ब्रेक नहीं, बल्कि एक्सलेटर ही दब जाता हैऐसी परिस्थितियों में ज्यादा एक्सीडेंट होता हैएक्सपर्ट ड्राइवर भी कभी-कभार धोखा खा जाता हैइसलिए अधिकतम 80 की स्पीड तक ही गाड़ी चलाना चाहिए

- दिनेश यादव, ट्रेनिंग एक्सपर्ट

ट्रेनिंग देते वक्त गाड़ी की स्पीड 20 से 30 ही रखी जाती हैआल टाइम हैंड ब्रेक पर ही हाथ रहता हैनये चालक को 60 के ऊपर गाड़ी नहीं चलाना चाहिएनये और बिना ट्रेंड ड्राइवरों की वजह से सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैखाली रोड होने के बावजूद गाड़ी की स्पीड उतनी ही रहनी चाहिए, जिससे कंट्रोल किया जा सकेसामने वालों की गलती से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं.

- राजेश सोनकर, ट्रेनिंग एक्सपर्ट

फैक्ट एंड फीगर

558 सड़क दुर्घटनाएं हुई

130 मौतें नेशनल हाइवे पर

85 मौतें स्टेट हाइवे पर

50 मौतें एमडीआर पर हुई हैं

35 मौतें ओडीआर पर हुई हैं

(नोट: आंकड़े 2023 के हैं.)

एक नजर में हादसे

12 अप्रैल 2024 की रात नदेसर में तेज रफ्तार कार ने एक दंपति को रौंद दियादोनों दवा लेकर घर लौट रहे थेहादसे के बाद कार ड्राइवर फरार हो गया

13 अप्रैल 2024 की सुबह चौबेपुर एरिया के पंडापुर के समीप वाराणसी-गाजीपुर हाइवे पर तेज रफ्तार कार ने दो साइकिल सवार अखबार विक्रेताओं (कर्मयोगी) को रौंद दियाइसमें कार चलाने वाले बलिया के अपर मुख्य अधिकारी विंध्याचल सिंह को पुलिस ने पकड़ लिया