वाराणसी (ब्यूरो)। मऊ, लगभग तीन दशक से मऊ की राजनीति का निर्धारण करने वाले माफिया मुख्तार अंसारी का खेल अब खत्म हो चुका है। यही नहीं उसके करीबियों का राजनीतिक व आर्थिक साम्राज्य भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। ऐसे में मुख्तार अंसारी के नाम पर रौब जमाने वाले अब किनारा कस चुके हैं। यही नहीं एमपी-एमएलए कोर्ट के छह मामलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुख्तार अंसारी की पेशी अब खत्म होना तय है। बांदा जेल से मृत्यु प्रमाण पत्र मिलते ही मुख्तार के खिलाफ मुकदमे खत्म हो जाएंगे। हालांकि इन मामलों में अन्य आरोपितों के खिलाफ सुनवाई पूर्ववत चलती रहेगी।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ मऊ के शहर कोतवाली, सरायलखंसी व दक्षिणटोला थाने में विभिन्न मामलों में कुल नौ मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से तीन मुकदमों में मुख्तार बरी हो चुका है। चार मामले एमपी-एमएलए की विशेष अदालत एडीजे दिनेश चौरसिया की अदालत में लंबित हैं। इसमें दक्षिणटोला थाना में दर्ज राम सिंह मौर्य व गनर सतीश कुमार दोहरा हत्याकांड, गैंगस्टर केस, सरायलखंसी थाने में विधायक निधि के दुरुपयोग व शस्त्र लाइसेंस में फर्जीवाड़ा मामला शामिल है।
इसके अलावा एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट श्वेता चौधरी की अदालत में सरायलखंसी थाने के विधायक निधि दुरुपयोग व दक्षिणटोला थाना में शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़ा व धोखाधड़ी का मामला शामिल है। शस्त्र लाइसेंस के बाद दक्षिणटोला थाने से लगे गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी की बांदा जेल से पेशी कराई गई थी। इस मामले में 3 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई थी। २८ मार्च को मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। ऐसे में अब वह कभी भी न्यायालय में पेश नहीं होगा। प्रभारी डीजीसी अजय कुमार सिंह ने बताया कि मुख़्तार अंसारी के विरुद्ध अदालतों में विचारण के लिए लंबित मामले संबंधित थाना से उनकी मृत्यु आख्या आने के उपरांत खत्म हो जाएंगे। उसके खिलाफ कोर्ट में सारी प्रक्रियाएं बंद कर दी जाएगी लेकिन इन मामलों में शेष आरोपितों के खिलाफ सुनवाई पूर्ववत चलती रहेगी।