वाराणसी (ब्यूरो)। गाजीपुर शहर के जमानियां मोड़ पर मशहूर मुस्लिम दंत चिकित्सक डा। लल्लू का जलमहल पत्नी अफ्शा को पसंद आने के बाद तो उस पर मुख्तार अंसारी की नजर पड़ गई थी। फिर तो दंत चिकित्सक को अपनी कोठी को बचाने के लिए पापड़ बेलने पड़े थे। बड़ी मुश्किल से वह जलमहल बचा। हालांकि अब डाक्टर इस दुनिया में नहीं है।
दरअसल, ढाई दशक पहले शहर के दंत चिकित्सक लल्लू का बड़ा नाम था। उन्होंने राजस्थानी नक्खाशी व तर्ज पर जमानियां रोड पर एक कोठी बनवायी थी। कोठी के आगे बहुत बड़ा तालाब पहले से था। मकान बनवाने के लिए ईट, सीमेंट, सरिया व बालू सहित अन्य सामग्री ले जाने के लिए तालाब के किनारे से एक रास्ता बनाया गया। मकान बनने में करीब दस साल का समय लगा था। तालाब में नाव से ही लोग मकान में आते जाते थे। डाक्टर के करीबी बताते हैं कि बेटी की शादी के दौरान मकान को इस कदर सजाया गया था कि सामने तालाब में लाइटों के पड़ने से उसकी सौंदर्यता का हर कोई कायल था। जेल में बंद मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शा अंसारी जलमहल को देखकर मोहित हो गईं थीं। उन्हें कोठी की सुंदरता भा गयी। अब वह किसी भी हाल में कोठी को लेना चाहतीं थी। बतातेे हैं कि जेल में डाक्टर को बुलाकर कोठी देने की बात कही गई। इस पर डाक्टर के होश उड़ गए। कुछ ही दिन बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा था।हालांकि किसी तरह से बच गए थे। बाद में जनपद के मुस्लिम समाज के सम्मानित लोगों की बैठक में समझाने के बाद किसी तरह कोठी लेने की जिद छोड़ी थी। बाद में डाक्टर की मौत हो गई थी। उधर, डाक्टर के बेटे का कहना है कि उन्हें इस बाबत कोई जानकारी नहीं है। मुख्तार से उनका कोई लेना देना नहीं है।