वाराणसी (ब्यूरो)। जौनपुर के सरायख्वाजा क्षेत्र में वादी के नाबालिग पुत्र से अप्राकृतिक दुष्कर्म करने के दोषी अनुराग गुप्ता को अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट उमेश कुमार ने आजीवन कारावास व 55 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया।
घटना की एफआइआर पीडि़त बच्चे के पिता ने चार अक्टूबर 2022 को सरायख्वाजा थाने में दर्ज कराया था। अभियोजन के अनुसार वादी का 14 वर्षीय पुत्र कक्षा 10 में पढ़ता था। कई दिनों से गुमसुम रहता था। खाना-पीना छोड़ दिया था। उसके व्यवहार में परिवर्तन था। उससे बहला फुसला कर पूछा गया तो रोने लगा और बताया कि अनुराग गुप्ता उसे घर पर बुलाकर अप्राकृतिक दुष्कर्म किया। उसकी वीडियोग्राफी किया जिसको दिखाकर 21 फरवरी 2022 को रात में फिर बुलाया और बदनाम करने की धमकी देकर दुष्कर्म किया। अब वह जीना नहीं जाता है, क्योंकि अनुराग धमकी दे रहा है कि वीडियो स्कूल में, ङ्क्षप्रसिपल के पास व इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसारित कर देगा.
पीडि़तच्बच्चा आत्महत्या करने की सोचने लगा। बहुत पूछने पर मां-बाप को पूरी बात बताया। अनुराग द्वारा अन्यच्बच्चों के साथ कुकृत्य करने की बात सामने आई। बदनामी की डर से उसे खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाता था। पीडि़त का मेडिकल हुआ व मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज हुआ। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। सरकारी वकील राजेश उपाध्याय व कमलेश राय ने गवाहों को पेश कराया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अनुराग को अप्राकृतिक दुष्कर्म का दोषी पाते हुए सजा सुनाया।