वाराणसी (ब्यूरो)। मीरजापुर में प्रसव के बाद पत्नी व नवजात का इलाज कराने एंबुलेंस से जा रहे पति विनोद सोनकर की सड़क हादसे में मौत हो गई। उधर अस्पताल ले जाने पर नवजात बेटे की भी मौत हो गई जबकि पत्नी की हालत गंभीर होने पर मंडलीय चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।
अमोई गांव के रहने वाले विनोद सोनकर की पत्नी मीना सोनकर गर्भवती थीं। इसी बीच पेट में किसी तरह चोट लग गई। गर्भावस्था के छह माह पूरे होन पर शुक्रवार की रात उनको प्रसव पीड़ा हुइ और घर पर बेटे को जन्म दे दिया। इस दौरान मीना की तबीयत अधिक खराब होने लगी तो विनोद एंबुलेंस बुलाए और शनिवार की भोर में दोनों को पटेहरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज कराने ले जा रहे थे। आगे एंबुलेंस उनकी पत्नी और नवजात को लेकर जा रही थी जबकि उसके पीछे विनोद बाइक से आ रहे थे। इस दौरान जैसे ही घर से लगभग तीन किलोमीटर दूर करौंदा मोड़ के पास एंबुलेंस पहुंची तो सामने से केला लादकर आ रहे ट्रक के चालक को नींद आ गई, इससे ट्रक अनियंत्रित हो गया। एंबुलेंस चालक ने किसी तरह ट्रक को पार कर लिया, लेकिन पीछे आ रहे विनोद सोनकर उसकी चपेट में आ गए। दूसरी साइड से चल रहे बाइक को टक्कर मारते हुए ट्रक ने विनोद को कुचल दिया। इससे उनकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई। विनोद गैरजनपद में रहकर किसी कंपनी में कार्य करते थे। करीब एक वर्ष से घर पर ही रह रहे थे। खेती-किसानी का काम करते थे। उनको तीन पुत्रियां व एक बेटा है। उनकी मौत से परिवार के लोग सदमे में हैं। घटना स्थल पर रोती-बिलखती पत्नी मीना की भी हालत खराब हो गई। उसे एंबुलेंस से दोबारा मडि़हान सीएचसी लाया गया, जहां हालत गंभीर देख महिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। पुलिस ने ट्रक को पकड़ लिया है, जबकि चालक मौके से फरार हो गया.
गंभीर हालत में महिला पहुंची घटना स्थल
पीएचसी पटेहरा में डिलेवरी के बाद भर्ती कराई गई विनोद की पत्नी मीना को हादसे के बारे में जानकारी नहीं थी। एंबुलेंस उसे लेकर पीएचसी पहुंच चुकी थी। जिसे कर्मचारी भर्ती करने में जुट गए थे। इसी बीच किसी ने बताया कि उनके पति विनोद की सड़क हादसे में मौत हो गई है। यह सुन पत्नी अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद रोते बिलखते घटना स्थल पर पहुंची। इससे उनकी हालत और खराब हो गई तो दोबारा मडि़हान ले जाया गया, जहां से मंडलीय चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।
संयोग था कि एंबुलेंस ट्रक को पार कर गई थी :
अमोई गांव की रहने वाली मीना सोनकर को लेकर जा रही एंबुलेंस संयोग था कि ट्रक को पार कर चुकी थी। एक मिनट भी देरी होती तो ट्रक विनोद की बाइक में टक्कर मारने की बजाय एंबुलेंस को चपेट में ले लेता। ऐसा होता तो बड़ा हादसा हो जाता.