वाराणसी (ब्यूरो)। पिछले 18 वर्षों की भांति इस बार भी वुधवार को रामनवमी पर लमही स्थित सुभाष भवन में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की आरती की। मुस्लिम महिलाओं ने अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने के लिए प्रार्थना की थी और ऐसा होने पर प्रसन्नता जताई। श्रीराम की आरती कर सांप्रदायिक एकता का संदेश दिया और सोहर गाया। यह आयोजन मुस्लिम महिला फाउंडेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में हुआ।
नफरत व हिंसा से मुक्ति
फाउंडेशन की प्रमुख नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में ङ्क्षहदू-मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में रचित श्रीराम प्रार्थना एवं श्रीराम की आरती गाई। आरती इस प्रकार है-अयोध्या है हमारे जियारत गाह का नाम, रहते हैं वहां मालिक-ए-कायनात श्रीराम, जय श्रीराम, जय श्रीराम। नाजनीन अंसारी ने कहा कि धर्म बदलने से न पूर्वज बदल सकते है, न मातृभूमि और न ही हमारे पूर्वजों के भगवान राम। संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं रामपंथ के पंथाचार्य डा। राजीव श्रीगुरु ने कहा कि जो राम की शरण में आएगा, वह नफरत और ङ्क्षहसा से मुक्ति पाएगा। रामपंथ प्रत्येक गांव में भगवान राम और उनके तीनों भाइयों का मंदिर बनवाएगा ताकि पारिवारिक एकता बनी रहे और भारतीय संस्कारों से लोग जुड़ें। मुस्लिम महिलाओं का प्रयास मील का पत्थर है। इस मौके पर नगीना बेगम, शबनम अफरोज, नाजमा, शमशुननिशा, रजिया, डा। अर्चना भारतवंशी, डा। मृदुला जायसवाल, इली भारतवंशी, खुशी भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी आदि उपस्थित थीं।