वाराणसी (ब्यूरो)। जौनपुर में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव ङ्क्षसघल के अपहरण व रंगदारी मांगने के जुर्म में सात वर्ष की सजा काट रहे पूर्व सांसद धनंजय ङ्क्षसह को शनिवार की सुबह जिला कारागार से बरेली सेंट्रल जेल भेज दिया गया। यह कार्यवाही धनंजय ङ्क्षसह की याचिका पर इलाहाबच्द उच्च न्यायालय के सुरक्षित रखे गए आदेश के सुनाए जाने के कुछ घंटे पूर्व की गई। उनकी पत्नी जौनपुर संसदीय क्षेत्र से बसपा की प्रत्याशी श्रीकला ङ्क्षसह ने दोपहर में प्रेसवार्ता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपने मंगलसूत्र की रक्षा की गुहार लगाई। कहा कि जेल बदले जाने से उनके पति की जान को खतरा है। पूर्व में हमला कर चुके प्रतिद्वंद्वी दोबारा उन पर हमले का साजिश रच सकते हैं.
सरकारी परवाना आया
नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव ङ्क्षसघल के अपहरण व रंगदारी मांगने के मुकदमे में एमपी-एमएलए जिला कोर्ट के न्यायाधीश ने गत पांच मार्च को धनंजय ङ्क्षसह समेत दो आरोपितों को दोष सिद्ध करार देते हुए सात वर्ष कारावास की सजा दी थी। उसी दिन उन्हें जिला जेल भेज दिया गया था। दो दिन से धनंजय ङ्क्षसह के किसी और जेल में शिफ्ट किए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। शुक्रवार की शाम जेल बंद होने के बाद प्रशासनिक आधार पर धनंजय ङ्क्षसह को बरेली केंद्रीय कारागार शिफ्ट किए जाने का सरकारी परवाना आया.
घुटने में तकलीफ बताई
जेल अधीक्षक एसके पांडेय ने इसका जानकारी जिलाधिकारी रवींद्र कुमार मांदड़ व एसपी डा। अजय पाल शर्मा को दी। धनंजय ङ्क्षसह ने घुटने में तकलीफ होने की बात कहते हुए एंबुलेंस से बरेली भेजे जाने का आग्रह किया। शनिवार की सुबह 7.30 बजे एक सीओ व तीन थाना प्रभारी निरीक्षक भारी फोर्स व एंबुलेंस लेकर जिला कारागार पहुंचे। जेल प्रशासन ने आवश्यक औपचारिकता पूर्ण करने के बाद 7.51 बजे धनंजय ङ्क्षसह को पुलिस प्रशासन को सौंप दिया। करीब आठ बजे फोर्स उन्हें लेकर बरेली रवाना हो गई। इसी दौरान करीब सवा 12 च्जे उच्च न्यायालय ने धनंजय ङ्क्षसह को जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दिया। जेल अधीक्षक एसके पांडेय ने बताया च्क उच्च न्यायालय से रिहाई का आदेश अभी उनके पास नहीं आया है।
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यह कहा धनंजय की पत्नी श्रीकला ङ्क्षसह
जौनपुर: पूर्व सांसद धनंजय ङ्क्षसह को बरेली जेल भेजने पर उनकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष बसपा प्रत्याशी श्रीकला ङ्क्षसह ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह धर्म युद्ध है। एक बहू के ङ्क्षसदूर को बचाने का समय है। मेरे ङ्क्षसदूर व मंगल सूत्र पर खतरा है। प्रधानमंत्रीजी जिस तरह से आप विपक्ष की सरकार बनने पर मंगलसूत्र छिन जाने की चर्चा कर रहे हैं। उसी तरह मेरे मंगलसूत्र व ङ्क्षसदूर की रक्षा करें। मेरे पति को जान का खतरा है।
उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि मुझे डर है कि मेरे पति के ऊपर जिन लोगों एके-47 से जानलेवा हमला किया था और जिनको न्यायालय से उनके अपराध की सजा भी मिलनी निश्चित है वह लोग सजा से बचने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। सत्ता से सांठगांठ करके मेरे पति की हत्या का प्रयास कर सकते हैं या फिर उनको किसी फर्जी मुकदमे में फंसा सकते हैं, क्योंकि मेरे पति ही उस केस के इकलौते गवाह हैं। कहा कि मेरे पति का गुनाह सिर्फ इतना है कि वह निर्भीक हैं। उन्होंने बिना रुके, बिना थके जौनपुर के लोगों की सेवा की है.च्अभी जब उच्च न्यायालय ने बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था तो भी यह लोग बौखलाहट में उनका जेल ट्रांसफर कर दिए। इन लोगों केच् अंदर उच्च न्यायालय के फैसले का भी इंतजार करने का या उसका सम्मान करने का साहस नहीं है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या यहां जनता की सेवा में अपना सर्वस्व न्योछावर करने के बाद चुनाव लडच्ने की इच्छा रखना गुनाह है? अब आज के बाद यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं है, यह लड़ाई किसी एक जाति या धर्म की नहीं होगी, यह लड़ाई होगी अपनी बहू के ङ्क्षसदूर को बचाने की।
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दो-तीन में रिहा होंगे धनंजय
जौनपुर: लाइन बाजार के अपहरण व रंगदारी के मामले में हाईकोर्ट ने धनंजय ङ्क्षसह की जमानत अर्जी मंजूर कर लिया, लेकिन दंडादेश के निर्णय को स्थगित करने की मांग हाईकोर्ट में निरस्त कर दिया। एमपी/एमएलए कोर्ट ने पांच मार्च 2024 को धनंजय ङ्क्षसह व संतोष विक्रम को दोषी करार दिया था। छह मार्च को कोर्ट ने सात वर्ष का कारावास व प्रत्येक को डेढ़ लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया था। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनके हाईकोर्ट के अधिवक्ता एसपी ङ्क्षसह व जौनपुर के अधिवक्ता उमेश शुक्ल ने कहा कि जमानत आदेश के साथ अमाउंट फिक्स करने की जिस कोर्ट में मुकदमा चलता है उसमें दरखास्त दिया जाता है। उसके बाद बेलबांड आदि भरा जाएगा। जमानतदारों का सत्यापन होगा। इसके पश्चात कोर्ट से आदेश बरेली जेल जाएगा। जहां से धनंजय ङ्क्षसह व संतोष विक्रम जेल से रिहा होंगे। अमूमन इस प्रक्रिया में दो से तीन दिन लग जाते हैं।
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यह है पूरा मामला
मुजफ्फरनगर निवासी नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव ङ्क्षसघल ने 10 मई 2020 को रात दस बजे लाइन बाजार थाने में अपहरण, रंगदारी व अन्य धाराओं में धनंजय व उनके साथी संतोष विक्रम पर प्राथमिकी दर्ज कराया था। कहा था कि 10 मई 2020 को शाम साढ़े पांच बजे संतोष विक्रम दो साथियों के साथ वादी का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गए.जहां धनंजय ङ्क्षसह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए वादी को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाए। इंकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी। पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल किया। गवाहों के बयान व दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने धनंजय ङ्क्षसह व संतोष विक्रम को दंडित किया था।