वाराणसी (ब्यूरो)। आजमगढ़ के फूलपुर कोतवाली के खुटौली गांव में भूमि के बंटवारे को लेकर मंगलवार को दो सगे भाइयों और भतीजों के बीच होने वाली पंचायत से पूर्व भाइयों में छोटे व नि:संतान बुजुर्ग की सिर पर धारदार हथियार से प्रहार कर निर्मम हत्या कर दी गई। इस मामले में नया मोड़ तब आया जब मृतक के साथ रहने वाले भतीजे के आरोप को सिरे से नकारते हुए मृतक के बड़े भाई ने अपने तीन पुत्रों के खिलाफ भाई की हत्या कर देने का आरोप मढ़ दिया। पुलिस घटना की छानबीन में जुटी हुई है। फिलहाल पुलिस अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।
सुरेंद्र व राजेंद्र सगे भाई थे
फूलपुर कोतवाली के खुटौली गांव के लोधी के पूरा निवासी सुरेंद्र व राजेंद्र सगे भाई थे। बड़े भाई सुरेन्द्र यादव मर्चेंट नेवी से सेवानिवृत हो अपने गांव में रहते हैं। नौकरी के दौरान उन्होंने अपने छोटे भाई 62 वर्षीय राजेन्द्र यादव के नाम काफी भूमि का बैनामा लिया था। राजेन्द्र यादव का काफी समय पहले अपनी पत्नी से संबंध विच्छेद हो जाने के कारण उनके कोई संतान नहीं थी। वर्तमान समय में नि: संतान राजेन्द्र यादव अपने भाई सुरेन्द्र यादव के बड़े पुत्र अखिलेश यादव के परिवार के साथ रहने लगे थे।
दस बिस्वा भूमि वसीयत किया
चर्चा है कि उन्होंने कुछ समय पहले साथ रहने वाले भतीजे अखिलेश यादव को दस बिस्वा भूमि वसीयत कर दिया था। इसकी जानकारी होने पर सुरेन्द्र यादव व उनके तीन अन्य पुत्रों तथा राजेन्द्र यादव व उनके साथ रहने वाले भतीजे अखिलेश के बीच संपत्ति बंटवारे का विवाद शुरू हो गया। इस बात को लेकर सोमवार को दोनों पक्षों में कहासुनी हुई और मंगलवार को गांव वालों की मध्यस्थता में पंचायत बुलाई गई थी।
बिस्तर पर लहूलुहान मिले
इससे पहले ही मंगलवार की सुबह राजेन्द्र यादव मकान में अपने बिस्तर पर लहूलुहान हालत में मृत पाए गए। घटना की जानकारी पाकर गांव के लोग भी हैरान रह गए। इस समय सुरेन्द्र यादव के दो अन्य पुत्र कमलेश और योगेश घर पर थे जबकि एक अन्य पुत्र बृजेश अपने परिवार के साथ मुंबई में रह रहा है। मृतक के साथ रहने वाले भतीजे अखिलेश ने अपने पिता और दो भाई कमलेश व योगेश के खिलाफ संपत्ति विवाद में चाचा राजेन्द्र यादव की हत्या का आरोप लगाया। बताते हैं कि इस बात की जानकारी पाकर पुत्र अखिलेश यादव द्वारा आरोपित सुरेन्द्र यादव अपने छोटे पुत्र योगेश के साथ फूलपुर कोतवाली पहुंच गए और अपने तीन पुत्रों अखिलेश, कमलेश एवं योगेश के खिलाफ छोटे भाई राजेन्द्र यादव की हत्या कर देने का आरोप मढ़ दिया।
सच्चाई जानने में जुटी पुलिस
घटना की जानकारी पाकर अपर पुलिस अधीक्षक चिराग जैन व अन्य पुलिस अधिकारी थाने पहुंच गए और घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली। पुलिस घटना की सच्चाई जानने में जुटी हुई है। अपर पुलिस अधीक्षक चिराग जैन के अनुसार इस मामले में सर्विलांस एवं अन्य वैज्ञानिक तरीके से घटना की छानबीन की जा रही है। शीघ्र ही पूरे रहस्य से पर्दा उठा दिया जाएगा।
बड़े भाई सुरेंद्र ने राजेंद्र के नाम खरीदी थी काफी भूमि
मृतक राजेंद्र की शादी हुई थी लेकिन कुछ दिन बाद ही पत्नी से किसी मामले को लेकर संबंध विच्छेद हो गया। इसलिए उनकी कोई संतान नहीं थी। मृतक के बड़े भाई सुरेंद्र के चार लड़के अखिलेश, कमलेश, बृजेश व योगेश हैं। इसमें बृजेश अपने परिवार के साथ मुंबई रहते हैं। सुरेंद्र के अन्य पुत्र कमलेश व अखिलेश दोनों मुंबई पोर्ट में काम करते हैं जबकि सबसे छोटे योगेश घर पर रहते हैं। अखिलेश एवं कमलेश इन दिनों अपने घर आए हुए हैं। सुरेंद्र यादव का सबसे बड़ा पुत्र अखिलेश मृतक राजेंद्र के साथ रहता था। ग्रामीणों के अनुसार सुरेंद्र ने नौकरी के दौरान अपने छोटे भाई राजेंद्र के नाम काफी भूमि खरीदी थी। सुरेंद्र के बेटे भूमि के बंटवारे में सभी भाई बराबर का हिस्सा चाहते थे। सुरेंद्र के बेटों को भय था कि राजेंद्र से अखिलेश पूरी भूमि अपने नाम करा लेगा। इसी को लेकर विवाद चल रहा था। इसको लेकर पंचायत भी होने वाली थी। राजेंद्र की हत्या को लेकर भतीजे अखिलेश ने सर्व प्रथम अपने पिता सुरेन्द्र यादव एवं सगे भाई कमलेश व योगेश के खिलाफ चाचा की हत्या का आरोप लगाया था लेकिन आरोपित भाई सुरेंद्र यादव की तहरीर पर पुलिस ने इस मामले में उनके तीन पुत्रों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कर घटना की जांच पड़ताल में जुट गई है।