वाराणसी (ब्यूरो)। मऊ, एमपी-एमएलए मामलों की विशेष अदालतों में बुधवार को तीन मामलों में मुख्तार अंसारी की बांदा जेल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेशी हुई। दो मामलों में गवाह उपस्थित नहीं हुआ। सभी मामलों में सुनवाई के लिए अलग-अलग तिथि निर्धारित की गई। प्रभारी एडीजे अशोक कुमार ने रामसिंह मौर्या हत्याकांड के बाद लगे गैंगस्टर के मुकदमे में बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेशी कराई। मामले में अगली सुनवाई तीन अप्रैल को होगी। इसमें कोई गवाह उपस्थित नहीं हुआ। वहीं, शस्त्र लाइसेंस के बाद दक्षिणटोला थाने में लगे गैंगस्टर के मामले में भी अदालत द्वारा अगली तिथि ३ अप्रैल की नियत की गई। एमपी-एमएलए मामलों की विशेष अदालत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता चौधरी ने विधायक निधि मामले में मुख्तार अंसारी की पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग से कराई। मामले में गवाह उपस्थित नहीं हुआ। उसकी जिरह के लिए १८ अप्रैल की तिथि नियत कर दी गई। मुख्तार अंसारी व अन्य के विरुद्ध थाना सरायलखंसी में मामला पंजीकृत हुआ था। इस मामले मे मुख्तार अंसारी ने विधायक रहते विधायक निधि से लाखों रुपये सरवां स्थित बैजनाथ महाविद्यालय को दिया था। जांच में विद्यालय की खतौनी फर्जी पाई गई।
भड़काऊ भाषण मामले में अब्बास अंसारी की हुई पेशी
मऊ : विधानसभा के दौरान भड़काऊ भाषण देने, अधिकारियों को देख लेने की धमकी देने व आचार संहिता उल्लंघन के मामले में अब्बास अंसारी की बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग से एमपी-एमएलए मामलों की मजिस्ट्रेट सीजेएम श्वेता चौधरी ने कासगंज जेल से अब्बास अंसारी की पेशी कराई। मामले में उप निरीक्षक गंगाराम बिंद की जिरह जारी है। अदालत ने गवाह से जिरह के लिए १८ अप्रैल की तारीख तय कर दी। इस मामले में आरोपित उमर अंसारी की पत्रावली अलग चल रही है। कोतवाली के इस मामले में तीन आरोपित है। अब्बास अंसारी, मंसूर अंसारी व उमर अंसारी है। इस मामले में आरोपितों ने चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण के दौरान जनपद के अधिकारियों को देख लेने की धमकी दी थी। आरोपितों ने आचार संहिता का उल्लंघन किया गया था।