वाराणसी (ब्यूरो)। विदेश में साइबर ठगों ने साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ (एथिकल हैकर) के बैंक खाते को हैक कर रेमंड शोरूम से डेढ़ लाख रुपये की खरीदारी कर डाली। अलग-अलग बार में 10-10 हजार रुपये की खरीदारी इतनी तेज गति से की गई कि साइबर विशेषज्ञ को बैंक एप्लीकेशन खोलकर उन्हें रोकने का मौका तक नहीं मिला। बैंक खाता खाली हुआ तो रुपये होल्ड कराने के लिए बैंक के कस्टमर केयर के जरिए रुपये के ट्रांजेक्शन रुकवाए। आइपी एड्रेस स्पष्ट न होने से यह पता नहीं लग पाया कि साइबर ठग किस देश में बैठकर बैंक खाता हैक किए और खरीदारी की। रुपये वापस होने से रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है.
नहीं आई ओटीपी
चंदौली जिले के सैय्यदराजा अंतर्गत गौरैया गांव (हाल पता चंद्रिका नगर कालोनी सिगरा) निवासी मृत्युंजय ङ्क्षसह लोगों को साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं। मृत्युंजय वीजीएम सिक्योरिटी कंपनी के सीईओ भी हैं। बताया कि 27 मार्च की देर शाम उनके वीसा (डेबिट) कार्ड से 10-10 हजार रुपये कटने का मैसेज अचानक से आने लगा, जो बंद तब हुआ जब खाते में 10 रुपये रह गए। खास बात कि मृत्युंजय के पास न कोई ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आया और न ही खरीदारी की कोई अनुमति ली गई। मृत्युंजय ने कहा कि रुपे (भारत का स्वदेशी कार्ड) सुरक्षित है.
खरीदारी के रास्ते खुले
मृत्युंजय ङ्क्षसह ने बताया कि एटीएम कार्ड और उसके पीछे अंकित सीवीवी (कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू) के जरिए बैंक खाता खाली किया जा सकता है। खरीदारी आसानी से की जा सकती है, लेकिन रुपये निकालना जरूर मुश्किल होता है.
जरूरी बातें
साइबर ठगी की घटना के तुरंत बाद बैंक के कस्टमर केयर में शिकायत दर्ज कराकर रुपये को होल्ड कराया जा सकता है। साइबर विशेषज्ञ ने बताया कि खरीदारी के बाद रुपये एक से दूसरी जगह पहुंचने में वक्त लगता है। कस्टमर केयर में शिकायत के बाद पेमेंट गेटवे (वेंडर और बैंक के बीच का माध्यम) से रुपये होल्ड हो जाएगा और 24 घंटे में रुपये संबंधी खाते में लौट आएगा। इस प्वाइंट पर एक सप्ताह तक रुपये होल्ड रहता है। मेरे रुपये भी 24 घंटे में मिल गए.