वाराणसी (ब्यूरो)। बलिया के बैरिया के कंपोजिट विद्यालय पर तैनात सहायक अध्यापिका राज किशोरी सिंह ने फर्जी अंकपत्र पर 27 साल नौकरी की। जांच में चार अलग-अलग जन्मतिथि होने और अंक पत्र में कूटरचना मिलने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने उनको मार्च में सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले बर्खास्त कर दिया गया और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया।
मुरारपट्टी के आनंद पाठक, बैरिया निवासी परशुराम मौर्य व चांदपुर के जयबहादुर सिंह ने फर्जीवाड़े के साक्ष्य सहित शिकायत अधिकारियों से की थी। आरोप लगाया था कि सहायक अध्यापिका के प्रमाण पत्रों में चार अलग-अलग जन्म तिथि दर्ज है। इसकी जांच बैरिया के खंड शिक्षा अधिकारी से कराई गई थी। मांगने पर भी सहायक अध्यापिका ने मूल शैक्षणिक अभिलेख नहीं दिए। इसके बाद शिकायतकर्ता ने डा। लोहिया सीनियर बेसिक विद्यालय से जन सूचना अधिकार के तहत सूचना प्राप्त की, जिसमें संबंधित विद्यालय द्वारा तीन जन्मतिथि होने का स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया। साक्ष्य की पुष्टि के लिए जब सहायक अध्यापिका को खंड शिक्षा अधिकारी ने अपना पक्ष रखने को कहा तो वह सुनवाई में नहीं आईं। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बीएसए ने सेवानिवृत्त से एक दिन पहले अध्यापिका को बर्खास्त कर दिया। इसके पहले अध्यापिका राज किशोरी सिंह सूर्यमुखा देवी प्राथमिक विद्यालय बैरिया, डा.लोहिया पूर्व माध्यमिक विद्यालय बैरिया, राधमोहन प्राथमिक विद्यालय बैरिया, प्रभावती कन्या जूनियर हाईस्कूल मधुबनी रानीगंज में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य कर चुकी हैं। उनकी प्रथम नियुक्ति मुरलीछपरा के टोला काशी राय में २७ वर्ष पहले हुई थी। वो अब तक एक करोड़ से अधिक वेतन ले चुकी है। बीएसए ने बताया कि सहायक अध्यापिका अंकपत्र में कूटरचना कर नौकरी कर रही थी। नियुक्ति तिथि से उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है।