वाराणसी (ब्यूरो)। TTE Android App: अब रेलवे के नए टीटीई एंड्रायड एप से टिकट में हेराफेरी करने वाले यात्री नहीं बच पाएंगे। वाराणसी मंडल में फर्जी जनरल टिकट के साथ यात्रा करने का मामला सामने आने के बाद कड़ा इंतजाम किया गया है। रेलवे का नया एप हर यात्री की टिकट पर नजर रखेगा कि कहीं वह फर्जी टिकट तो नहीं है। सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (सीआरआईएस) ने जनरल टिकटिंग सिस्टम से बुक किए गए टिकटों के वेरिफिकेशन के लिए टीटीई एंड्रायड एप तैयार किया है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से टीटीई ट्रेन में आसानी से फर्जी टिकटों का पता लगा सकते हैं।
एप रखेगा नजर
सीआईआरएस की तरफ से जारी पत्र के अनुसार अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम (यूटीएस) टिकटों के लाइव वेरिफिकेशन के लिए टीटीई एंड्रायड एप को विकसित किया गया है। इसमें यूूटीएस टिकटों की संख्या फीड करने और यूटीएस सर्वर से विवरण सत्यापित करने का विकल्प उपलब्ध है और इस विकल्प का उपयोग करके सभी बिक्री बिंदुओं के माध्यम से जारी टिकटों को सिस्टम से वेरिफाइड किया जा सकता है।
क्यूआर से कर सकते हैं स्कैन
टीटीई एंड्रायड एप के जरिये पेपर टिकट (थर्मल स्टेशनरी) पर प्रिंटेड एन्क्रिप्टेड क्यूआर कोड को भी स्कैन कर सकते हैं और टिकट पर प्रिंटेड विवरण के साथ इसे मान्य कर सकते हैं। क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद टीटीई को सर्वर से टिकट विवरण वेरिफाइड करने के लिए चेक विद सर्वर विकल्प पर क्लिक करना होता है। टीटीई एप का अपडेटेड वर्जन पहले ही सभी जोनल रेलवे के कंसोल के साथ साझा किया जा चुका है, ताकि यूटीएस टिकटों के ऑनलाइन वेरिफिकेशन के लिए सभी टीटीई और टीटी के साथ साझा किया जा सके। इस एप को एंड्रॉयड डिवाइस में इंस्टॉल किया जा सकता है।
फर्जी टिकट पर चार हुए थे अरेस्ट
रेलवे के अधिकारी ने बताया, बनारस के स्टेशनों पर नकली या छेड़छाड़ किए गए टिकटों की लगातार शिकायतें मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है। 4 सितंबर को ताप्ती गंगा एक्सप्रेस में चार लोगों को फर्जी जनरल टिकट से यात्रा करते हुए पकड़ा गया था, वहीं बलिया में भी इस तरह के मामले सामने आए थे। इससे रेलवे के खजाने को हर साल लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है, जिसे बचाने के लिए इस एप को तैयार किया गया है। हर रोज रेलवे से लगभग 2.7 लाख लोग टिकट खरीदते हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग टिकट में हेराफेरी करते हैं, जिससे रेलवे को नुकसान होता है।
एप के फायदे
टीटीई एंड्रॉयड एप नकली या एडिट किए गए टिकटों के इस्तेमाल पर लगाम लगाने और ऐसा करने वालों की पहचान करने में मदद करेगा। अब टीटीई स्टाफ टिकट को तुरंत वेरिफाई कर सकेगा और अगर टिकट नकली पाया जाता है तो वे उससे जुर्माना वसूलेंगे। टीटीई स्टाफ को टिकट वेरिफिकेशन के लिए एचएमटी मशीन दी गई है। इसमें यह एप अपलोड किया गया है। इस टीटीई एप में जैसे ही टिकट का यूटीएस नंबर फीड होगा या क्यूआर कोड स्कैन होगा, टिकट की डिटेल सामने आ जाएगी कि यह असली है या नकली। वेरिफिकेशन के बाद टिकट को वैलिडेट करने का भी एप में ऑप्शन है। बता दें कि बनारस स्टेशन पर छह टीटीई को इससे लैस कर दिया गया है।
रंग से करें टिकट वेरिफाई
टीटीई एंड्रॉयड एप में रंग से टिकट वेरिफाई करने का भी ऑप्शन है। इसके तहत कलर चेक मेन्यू के ऑप्शन से टिकट की वैलिडिटी चेक की जा सकती है। अगर मोबाइल स्क्रीन पर प्रदर्शित यूटीएस टिकट का रंग उस दिन के मोबाइल यूटीएस टिकट के लिए रेलवे द्वारा निर्धारित रंग से भिन्न है तो टिकट पर की गई धोखाधड़ी का तुरंत पता चल जाएगा और यात्री को जुर्माना देना होगा।
फैक्ट एंड फीगर
4 सितंबर को ताप्ती गंगा एक्सप्रेस में चार लोगों को फर्जी जनरल टिकट से यात्रा करते हुए पकड़ा गया
2.7 लाख लोग डेली जनरल टिकट खरीदते हैं
हर दिन लगभग 2.7 लाख यूटीएस टिकटों की बिक्री होती है। यह नया टीटीई एंड्रॉयड एप जनरल टिकट का वेरिफिकेशन करेगा, जिससे रेलवे को हो रहे नुकसान को रोका जा सके।
-अशोक कुमार, पीआरओ, पूर्वोत्तर रेलवे