वाराणसी (ब्यूरो)। आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने कूटरचित दस्तावेजों के सहारे फर्जी नाम पर पासपोर्ट बनवा तीन बार सऊदी अरब जाने वाले मऊ के थाना गोधना अंतर्गत मड़हा निवासी नसरुद्दीन को गिरफ्तार किया है। वह एक बार फिर सऊदी अरब जाने के लिए घर से निकला था, लेकिन एटीएस की टीम ने लखनऊ जाते समय बीच रास्ते में आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर बस से उसे उतार कर गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से असली नाम नसरुद्दीन और फर्जी नाम नसीम से बने पासपोर्ट और 8,915 रुपये बरामद हुए है। एटीएस के इंस्पेक्टर ने जैतपुरा थाना में उसके खिलाफ केस दर्ज कराया, जहां से पुलिस ने उसका चालान कर दिया।
एटीएस को सूचना मिल रही थी कि कूटरचित दस्तावेजों से फर्जी नाम पर पासपोर्ट बनवाकर लोग विदेश जा रहे हैं। एटीएस के इंस्पेक्टर सत्यनारायण यादव ने छानबीन की तो नसरुद्दीन का नाम सामने आया। जांच में यह भी पता चला कि वह दो बार अपने असली नाम नसरुद्दीन और कूटरचित दस्तावेजों की मदद से नसीम नाम से बने फर्जी पासपोर्ट पर तीन बार सऊदी अरब के दम्मम जा चुका है। वह पांचवीं बार वहां जाने की फिराक में था लेकिन पकड़ा गया। नसरुद्दीन ने बताया कि 2001 में वह पहली बार दम्मम गया था तो छह वर्षों तक वहां रहा। जिस जगह काम करता था, उसके मालिक से तनख्वाह को लेकर विवाद हो गया तो उन्होंने मेरे कागजात अपने पास रख लिए। वह अस्थायी पासपोर्ट बनवा कर भारत लौटा और कूटरचित दस्तावेजों की मदद से नसीम नाम से पासपोर्ट बनवा लिया। 2007 में वह फिर सऊदी अरब गया और वहां तीन वर्षों तक काम किया। 2015 तक उसने दो बार और नसीम नाम से बने पासपोर्ट पर सऊदी अरब की यात्रा की। 14 मार्च 2023 को वह अपने असली नाम नसरुद्दीन पर बने पासपोर्ट पर सऊदी अरब गया और सात मार्च 2024 तक वहां रहा। पुलिस पूछताछ कर रही है कि वह बार-बार सऊदी अरब क्यों जाता था और वहां क्या काम करता था।