वाराणसी (ब्यूरो)। डेंगू लोगों को खूब डरा रहा हैहालात यह हैं कि डेंगू से कभी तेज बुखार हो जा रहा है तो कभी कमहर साल डेंगू के स्वरूप बदलने से डॉक्टर भी हैरान हैंहाल-फिलहाल डेंगू ने बेंगलुरू के लोगों में गजब का अटैक किया है। 10 हजार से अधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया हैजो लोग इससे पीडि़त हैंसभी तेज बुखार से जूझ रहे हैंएक दो मरीजों का ट्रीटमेंट बनारस के प्राइवेट हास्पिटलों में चल रहा हैफिलहाल बारिश को देखते हुए डेंगू बीमारी से काफी होशियार रहने की हिदायत डाक्टरों ने दी हैडाक्टर्स का कहना है कि डेंगू कब किस रूप में अटैक कर देकुछ कहा नहीं जा सकताइसलिए बचाव ही सबसे बड़ा इलाज है

पूरे साल डेंगू का डर

डॉइंद्रनील बसु का कहना है कि अब बारिश ही नहीं बारहों मास डेंगू का डर रहता हैकब कौन सा वैरिएंट अटैक कर देकुछ नहीं कहा जा सकताठंड के दिनों में पैरों में मोजा पहनने की सलाह दी जाती है तो बारिश के दिनों में जहां-जहां बारिश का पानी लगा रहता हैवहां लार्वा न फैलेइसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट के डॉक्टर अवेयर करते रहते हैं

काफी तेजी से बढ़ रही डेंगू की बीमारी

डॉशरत चन्द्र का कहना है कि अध्ययन के मुताबिक पिछले 50 सालों में डेंगू काफी तेजी से फैला हैहर साल डेंगू नए रूपों में आने लगा हैफिर भी डेंगू वायरस के विकास का कोई व्यवस्थित विश्लेषण नहीं किया गया हैडेंगू वायरस की चार व्यापक श्रेणियां एक, दो, तीन और चार, सीरोटाइप हैइनमें हर साल डेंगू एक और दो सबसे अधिक लोगों पर अटैक करता हैडेंगू तीन और चार सबसे खतरनाक होता हैइसमें बच पाना बड़ा ही मुश्किल होता है

डेंगू एक सीरोटाइप से प्रभावित

डॉशरत चन्द्र ने कहा, पिछले पांच सालों में सबसे अधिक डेंगू 1 और 2 ने अटैक किया हैइसमें बदल-बदलकर वैरिएंट देखने को मिला हैइनमें एंटीबॉडी निर्भर संवर्धन (एडीई) हो सकता हैकभी-कभी, लोग पहले एक सीरोटाइप से संक्रमित होते इसके बाद अलग सीरोटाइप के साथ एक दूसरा संक्रमित हो जाता है

वर्जन

बचाव ही डेंगू का इलाज हैइसमें जितना संभलकर रहेंगेउतना ही सुरक्षित रहेंगेइसलिए बारहों मास हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारी डेंगू, मलेरिया के प्रति अवेयर करते रहते है

संदीप चौधरी, सीएमओ

हर साल डेंगू रूप बदलता हैखासकर डेंगू 1 और डेंगू 2 का प्रकोप सबसे अधिक देखने को मिलता हैइसका वायरस ही काफी अटैक करता हैइसलिए इससे बचकर रहना चाहिए

डॉइंद्रनील बसु, फिजीशियन

पिछले पांच सालों में डेंगू 1 से लोग प्रभावित अधिक रहेइसके बाद भी लोगों ने ट्रीटमेंट कराया और ठीक हो गएडेंगू 2 में काफी दिक्कत होती हैइसलिए डेंगू 1 होने पर तुरंत अलर्ट हो जाना चाहिए

शरत चन्द्र, मलेरिया अधिकारी

डेंगू बुखार के चरण

- हल्का डेंगू बुखार

- डेंगू रक्तस्रावी बुखार

- डेंगू शॉक सिंड्रोम

- रोगी को अचानक 39-40 डिग्री सेल्सियस का तेज बुखार होता है

- थकान, सिरदर्द, आंखों में दर्द, जोड़ों में दर्द, शरीर में दर्द

डेंगू के स्ट्रेन

डेन -1

डेन -2

डेन -3

डेन -4

इस पर रखें ध्यान

- किचन की सिंक साफ होनी चाहिए

- बाथरूम में कहीं भी पानी इक_ा न हो

- एसी का पानी हमेशा बदलते रहना चाहिए

- फ्रिज के पीछे कंडेशनर प्लेट को चेक करते रहें

- कबाड़ डस्टबिन पर भी नजर रखें

इम्पॉर्टेंट फैक्ट

1. भारत में 2012 तक डेन-1 और डेन-3 प्रमुख स्ट्रेन थे, लेकिन हाल के वर्षों में डेन-2 अधिक प्रचलित हो गया हैसभी वायरस 3 से 4 साल में एक नया रूप लेते हैं

2. डेंगू के मच्छरों के प्रकोप का कारण जलवायु परिवर्तन हैवैश्विक तापमान में वृद्धि और मौसम में हो रहे बदलावों के कारण मच्छरों के प्रजनन और जीवन चक्र में परिवर्तन हो रहा है, अधिक गर्मी और उमस वाले मौसम में मच्छरों की आबादी बढ़ जाती है, जिससे डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छरों का प्रजनन हर मौसम में संभव हो रहा है

3. ग्लोबलाइजेशन, यात्रा और व्यापार के बढ़ते स्तर के कारण डेंगू वायरस के विभिन्न सीरोटाइप्स और मच्छरों का प्रसार तेजी से हो रहा है

एक नजर में डेंगू पेशेंंट

ईयर ---- टेस्टिंग ----- डेंगू केस

2022 --- 2600 ----- 887

2023 --- 8830 ---- 1150

2024 --- 971 ----- 03

(नोट: आंकड़े मलेरिया विभाग के अनुसार हैं। 2024 के आंकड़े 5 जुलाई तक के हैं.)