वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया हैगंगा के साथ वरुणा नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई हैसोमवार से सावन शुरू होने के साथ भारी बारिश की संभावना जताई जा रही हैऐसी स्थिति में गंगा के साथ वरुणा किनारे रहने वाले परिवारों में खलबली मचने लगी हैडेंजर जोन में आने वाले लगभग 30 हजार घरों ने बाढ़ का पानी आने से पहले ही पलायन की तैयारी शुरू दी हैजैसे ही वरुणा का पानी कॉलोनी, मोहल्लों और आबादी एरिया में रुख करेगावैसे ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा

वरुणा में समा रहीं सीढिय़ां

गंगा के रौद्र रूप के कारण वरुणा में पलट प्रवाह शुरू गया हैवरुणा के शास्त्री घाट की सीढिय़ां भी धीरे-धीरे पानी में समा रही हैंवरुणा का पानी और दस सीढिय़ों पर चढ़ा तो आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाएगारविवार को गंगा खतरे के निशान से 8 मीटर नीचे बह रही हैबढ़ाव की रफ्तार भी थम गई हैएक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से जलस्तर कम होने लगा हैकेंद्रीय जल आयोग के अनुसार शाम को सात बजे गंगा का जलस्तर 62.58 मीटर दर्ज किया गया और यह खतरे के निशान 71.26 मीटर से 8 मीटर नीचे हैगंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से घट रहा हैहालांकि, पहाड़ पर लगातार बारिश हो रही हैउधर का पानी आया तो एक बार फिर गंगा का पानी बढऩे लगेगाइधर बारिश की संभावना जताई जा रही हैऐसी स्थिति में एक बार फिर गंगा के साथ वरुणा नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैपानी का प्रसार तेजी से शहरी आबादी व बस्तियों में होने लगेगा

सामने घाट कॉलोनियों में परेशानी

बाढ़ के कारण सबसे अधिक परेशानी सामनेघाट की कॉलोनियों और वरुणा के तटवर्ती इलाकों में होती हैंलोग घर छोड़कर गांव, रिश्तेदार और राहत शिविर में शरण ले लेते हैंकुछ लोगों ने अभी से किराये पर कमरा लेना भी शुरू कर दिया हैकुछ लोगों ने ग्रामीण इलाकों में अपने पुराने आवास में शिफ्ट करने की योजना तैयार की हैहालांकि, वरुणा नदी में बाढ़ आने के बाद प्रशासन की ओर से आसपास के एरिया के प्राथमिक विद्यालयों को शिविर बनाया जाता है, जहां बढ़ी संख्या में बाढ़ से प्रभावित लोग शरण लेते हैं

पिछली बार किसी ने छोड़ा घर तो किसी ने छत को बनाया था आशियाना

2022 में गंगा के बढ़ते जलस्तर से मारुति नगर के घरों में पानी घुसने लगा थाकोई छत पर रहने को मजबूर हुआ था तो कोई घर छोडऩे की तैयारी में थायहां के लोगों को कहना है अब अगर इस बार भी ऐसी परिस्थिति पैदा हुई तो बहुत ज्यादा नुकसान होगायहां के घरों में पानी घुसने से हजारों परिवार पलायन करने को मजबूर हुए थे तो वहीं कई परिवार छतों पर गुजारा कर रहे थेवहीं पशु रखने वाले परिवारों को पशुओं को छोडऩा पड़ा था.

हर बार घर तक बाढ़ का पानी आता है और मजबूरी में घर छोडऩा पड़ता हैवरुणा में पानी की स्थिति देखकर एक बार फिर से चिंता सता रही है कि अगर पानी ऊपर आया तो कितना नुकसान होगावहीं यहां रहना भी आसान नहीं है। 2022 में घर के दरवाजे तक पानी आ गया था और इस पानी में जानवर भी आते है ऐसे में अभी परिवार को शिफ्ट करने की प्लानिंग शुरू कर दी है.

- मोहम्मद निसार, सरैया

पिछली बार सुबह 8 बजे सामान लेने घर से बाहर गए थेदोपहर दो बजे घर पहुंचे तो पूरे रास्ते पर पानी आ गया थाबाइक लेकर घर तक नहीं जा सकेयहां पर नाव की सुविधा भी नहीं हुई हैपानी में जैसे तैसे सामान घर तक ले गए थेबाइक पड़ोसी के घर रख दिया थाभगवान करें इस बार ऐसी स्थिति न आए, नहीं तो बहुत मुश्किल होगा.

- संतोष गुप्ता, शैलपुत्री