वाराणसी (ब्यूरो)। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते गुरुवार को लखनऊ में फि़ल्म 'द साबरमती रिपोर्टÓ देखी। सीएम योगी ने राज्य सरकार की ओर से 'द साबरमती रिपोर्टÓ फिल्म को टैक्स फ्र करने की घोषणा की। 'सरकारÓ की इस घोषणा के बाद सिने प्रेमियों को उम्मीद जगी थी कि अब वे सस्ती दरों पर फिल्म देख सकेंगे, लेकिन वाराणसी में तस्वीर उलट निकली। आईपी सिगरा में रविवार दोपहर तीन बजे रोहित गुप्ता, मनीष महाराज, तनुश्री दत्ता, गायत्री कंबोज फिल्म 'द साबरमती की रिपोर्टÓ देखने के लिए पहुंचीं। बॉक्स आफिस के विंडो से गोल्ड टिकट की डिमांड की तो 250 रुपए प्रति टिकट मांगा गया। इस पर उन्होंने कहा कि फिल्म टैक्स फ्री है, फिर भी वही रेट लिया जा रहा है। विंडो पर मौजूद युवक ने कहा कि टैक्स फ्री नहीं है। पूरा पैसा देना होगा। सभी ने 250 रुपए प्रति टिकट के हिसाब से पेमेंट कर दिया। लगभग यही स्थिति आईपी सिगरा, जेएचवी मॉल और छोटू महाराज में भी दिखी। यहां भी बॉक्स आफिस से पुराने रेट पर ही टिकट दिया जा रहा था।
तीन दिन पहले टैक्स फ्री की घोषणा
सरकार की घोषणा के तीन दिन होने के बावजूद वाराणसी के मल्टीप्लेक्स, सिनेमाघर में टैक्स के साथ टिकट बेचा जा रहा है। बॉक्स आफिस के अलावा ऑनलाइन भी टिकट पर कोई रियायत यानी छूट नहीं मिल रही थी। जीएसटी कैटेगरी में सीजीएसटी और एसजीएसटी लिया जा रहा है। शहर ने इसमें अपना शेयर माफ किया है।
सिनेमाहाल में नहीं पहुंचा सर्कुलर
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम आईपी सिगरा आफिस पहुंची। टीम ने बॉक्स आफिस के विंडो पर मौजूद युवक से पूछा कि फिल्म 'द साबरमती रिपोर्टÓ के टिकट पर टैक्स क्यों लिया जा रहा है। जबकि यह फिल्म तो टैक्स फ्री है। इस पर युवक ने कहा कि टैक्स फ्री होने का सर्कुलर या आदेश अभी तक मेरे पास नहीं आया है। इस संबंध में कोई सर्कुलर आएगा तभी हम लोग छूट दे पाएंगे।
सिर्फ एक ही स्क्रीन में प्रदर्शित होगी टैक्स फ्री फिल्म
आमतौर पर उन फिल्मों को टैक्स से छूट उनके सब्जेक्ट के आधार पर दी जाती है। जैसे मोटिवेशनल फिल्में, नेशनल हीरोज के ऊपर बनी फिल्में, सांप्रदायिक सौहार्द्र यानी कम्युनल हार्मनी को प्रमोट करने वाली फिल्में, जो अच्छा मैसेज देती हों। फिल्मों को टैक्स फ्री इसलिए किया जाता है, ताकि उसे ज्यादा से ज्यादा लोग देखें। अगर टिकटों के दाम कम रहेंगे, तो उस फिल्म को कम आय वाले लोग भी देख पाएंगे। सीटीओ किरन यादव बताती हैं कि टैक्स फ्री फिल्म यूपी के सिनेमाघरों में कुल 200 स्क्रीन पर प्रदर्शित की जाती है। इसकी सूची भी शासन से भेजी जाती है, लेकिन अभी तक वह आई नहीं। इसके अलावा उदाहरण के तौर पर सिगरा आईपी में तीन स्क्रीन है तो यह फिल्म सिर्फ एक ही स्क्रीन पर ही टैक्स फ्री होगी, बाकी पर यह नियम लागू नहीं होगा।
न्यूज पेपर, चैनल और सोशल मीडिया से जानकारी मिली कि फिल्म द साबरमती की रिपोर्ट टैक्स फ्री है, लेकिन जब सिनेमाहाल पहुंचा तो पुराने रेट पर टिकट दिया गया। ऐसी घोषणा नहीं करनी चाहिए, जिसे लागू न किया जा सके।
- संदीप तुलस्यान, सिगरा
पहले भी कई फिल्मों को टैक्स फ्री किया गया है, लेकिन इसका लाभ आम पब्लिक को नहीं मिलती है। सरकारी कार्य ऐसा ही होता है, जो कागज में ही दिखता है, लेकिन रीयल में नहीं होता है।
- दीपक तिवारी, माधवपुर
फिल्म द साबरमती की रिपोर्ट पर टैक्स फ्री की घोषणा हुई है, लेकिन अभी तक शासन से सूची नहीं आई है कि किस स्क्रीन पर यह छूट मिलेगी। पूरे प्रदेश में 200 स्क्रीन पर ही यह छूट मिलेगी। सूची जैसे ही जारी होगी, वह खुद ही सिनेमाहाल मालिक के पास पहुंच जाएगी।
- किरन यादव, सीटीओ
1960 से टैक्स फ्र का सिलसिला जारी
बता दें, यह पहला मौका नहीं है जब किसी फिल्म को टैक्स फ्र किया गया हो। दरअसल, फिल्मों को टैक्स फ्र करने का सिलसिला 1960 के दशक में शुरू हुआ था। इस साल सत्येन बोस की फिल्म 'मासूमÓ को भी टैक्स फ्र किया गया था। यह बच्चों पर आधारित फिल्म थी। उसके बाद फिल्म 'हकीकतÓ टैक्स फ्र की गई, जो कि भारत-चीन युद्ध पर आधारित थी। 'शिरडी के साईं बाबाÓ फिल्म को महाराष्ट्र सरकार ने टैक्स फ्र किया था, क्योंकि यह फिल्म सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ाने वाली थी। फिल्म 'कुंआरा बापÓ में पोलियो का टीका नहीं लगवाने से बच्चों को होने वाले नुकसान पर प्रकाश डाला गया था। इसी तरह 'दर्द का रिश्ताÓ, 'हीनाÓ, मांझी-द माउंटेन मैन, दंगल, टॉयलेट एक प्रेम कथा, नीरजा, 'द केरल स्टोरीÓ, द कश्मीर फाइल्स जैसी कई फिल्मों को अलग-अलग राज्यों में टैक्स फ्र किया जा चुका है।