वाराणसी (ब्यूरो)। वरुणा नदी के किनारे बुद्ध विहार कालोनी में होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस पर रविवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तो नहीं हुई, लेकिन एक दिन पहले होटल को बुलडोजर से तोडऩे की कार्रवाई और एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा द्वारा होटल मालिक को सिर से हिट करने का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। विपक्ष के ट्वीट करते ही मामला और तूल पकड़ लिया। युवाओं के साथ महंत विश्वम्भर नाथ मिश्रा ने इस घटना की निंदा की और कमेंट भी किया। हालांकि बुद्ध विहार कालोनी में सिर्फ दो ही नहीं, बल्कि 27 और होटल है, जो ग्रीन बेल्ट में है, लेकिन वीडीए की ओर से अभी तक इन होटलों पर कोई कार्रवाई के संकेत नहीं दिख रहे हैं। मौके पर इसकी खूब चर्चा हो रही थी। बगल में एक होटल की नींव रखी गई, जिसपर भी वीडीए का ध्यान नहीं है।
अंदर तो छलनी कर दिया, बचा है सिर्फ ढांचा
होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस पर वीडीए की कार्रवाई से दुखी खुर्शीद आलम बताते हैं कि रविवार को कार्रवाई के लिए वीडीए की टीम नहीं पहुंची, लेकिन दिनभर गुपचुप तरीके से अधिकारियों के आने का सिलसिला जारी रहा। 50 कमरों के बनारस कोठी होटल को अंदर से पूरी तरह से छलनी कर दिया, अब तो सिर्फ ढांचा ही बचा है।
मुसलमान होते हुए भी रामलीला में बनते थे भगवान राम
होटल रिवर पैलेस और बनारस कोठी के मालिक मोहम्मद खुर्शीद आलम बताते हैं कि उनके होटल का लाइसेंस भी पास है। उनके एक होटल का नक्शा 1999 और दूसरे होटल का नक्शा 2012 में पास हुआ था। 2014 में ग्रीन बेल्ट निर्धारित कर दी गई, लेकिन उनके निर्माण का नक्शा यह बोलकर पास नहीं किया गया कि यह रेजिडेंशियल है। नक्शे को कॉमर्शियल कराने के लिए उन्होंने दरख्वास्त दी और उनके होटल को तोडऩे आ गए। इससे पहले वीडीए ने उन्हें कोई नई बुकिंग नहीं करने के लिए कहा। आरोप है कि बिजली का बिल और हाउस टैक्स जमा होने के बावजूद बिजली काट दी गई। होटल मालिक का आरोप है कि होटल ट्रेड में वह अकेले मुसलमान हैं। इसलिए उनके साथ ऐसा हो रहा है। जबकि पूरे साल में वह भागवत कथा और शिव पुराण भी कराते हैं। उनके परिवार के सदस्य वरुणा क्षेत्र में होने वाली रामलीला में भगवान राम का किरदार भी करते थे। उनके नाना के प्रयास से यह पूरी रामलीला सम्पन्न होती थी। बावजूद इसके हमारे सिर्फ हमारे होटल पर ही कार्रवाई क्यों। इस पूरे ग्रीन बेल्ट में करीब 27 होटल है, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसलिए हेड शॉट दिया गया
होटल मालिक खुर्शीद आलम का आरोप है कि जब एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा से सवाल पूछा तो उन्होंने हेड शॉट से मुझे घायल कर दिया। यह जानबूझ कर दिया गया ताकी हम गुस्से में आकर उनपर हमला कर दें। इसके बाद मेरे खिलाफ तमाम गंभीर आरोप में मुकदमा पंजीकृत करा देते। मैं और मेरा परिवार प्रशासन की मंशा से वाकिफ था। इसलिए मैंने कोई जवाब नहीं दिया।
तो डीएम आफिस के कर्मचारी लौट गए
रविवार को होटल बनारस कोठी पर डीएम आफिस से दो कर्मचारी एक नोटिस लेकर आए थे, जो 26 जुलाई थी। नोटिस में होटल को संचालित नहीं करने आदेश था। हालांकि मौके पर मौजूद होटल मालिक के परिजनों ने नोटिस लेने से मना कर दिया। उनका तर्क था कि नोटिस दो दिन पहले नहीं चाहिए थी, लेकिन कार्रवाई होने के बाद यह नोटिस भेजा गया है, इसमें भी प्रशासन की कोई साजिश होगी। इसके बाद दोनों कर्मचारी वापस लौट गए।
शहर में 2105 अवैध होटल
रिकार्ड के अनुसार सन 2000 में बनारस में 545 होटल, लॉज, धर्मशाला थे। वर्तमान में 1145 होटलों, लॉज और धर्मशालाओं का लाइसेंस है। शहर में 3250 होटल, धर्मशाला और लॉज है। अब भी शहर में 2015 अवैध होटलों का संचालन हो रहा है। पिछले दिनों पर्यटन विभाग में करीब 700 लोगों के आवेदन लाइसेंस के लिए पेंडिंग हैं। नगर निगम के सर्वे में भी 1200 से अधिक होटल आ चुके हैं। जिन पर आने वाले दिनों में कार्रवाई होनी बाकी है।
एक नजर में बनारस कोठी
-ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ मंडलायुक्त कोर्ट में अपील, 26 फरवरी-2016 को निरस्त
-मंडलायुक्त फैसले के खिलाफ शासन में की अपील, 11 दिसंबर-2018 को निरस्त
-शासन के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में की अपील, 29 मार्च-2019 को अपील खारिज
-संचालक ने होटल में ठहरे पर्यटकों को उकसा कर आगजनी कराने में वर्ष 2018 में केस
-होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस का 19 जुलाई का काटा गया बिजली कनेक्शन
-होटल संचालक के खिलाफ वीडीए ने 21 जुलाई को कैंट थाने में दर्ज कराया मुकदमा
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होटल रिवर पैलेस
-मोहम्मद जाफर अली खां ने भूखंड संख्या 21 पर 209 वर्ग मीटर में तीन मई-2099 में तीन मंजिल का पास कराया था आवासीय नक्शा
-भूखंड संख्या 21, 21-1, 22, 23 और 24 को एक कर बनाया होटल रिवर पैलेस
-10 दिसंबर-2099 वीडीए ने जारी किया था नोटिस, 18 मार्च-2005 को किया सील
-सेट बैक कवर करने, वरुणा नदी में छह मंजिल निर्माण करने पर सात दिसंबर-2016 को ध्वस्तीकरण का आदेश
-मंडलायुक्त कोर्ट से शमन मानचित्र दाखिल करने पर 20 फरवरी-2019 को अस्वीकृत
-मंडलायुक्त फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में की अपील, 29 मार्च-2019 को खारिज