केस 1

वाराणसी (ब्यूरो)21 जुलाई 2023 को असि घाट के सामने नाव से गंगा आरती देखने के दौरान आगरा की रहने वाली अर्चना गुप्ता सेल्फी (56) ले रही थीं कि अचानक बॉडी का बैलेंस बिगड़ा और गंगा में गिर गईंअर्चना का शव छठे दिन कैथी में मार्कंडेय महादेव मंदिर के समीप उतराता मिला

केस 2

24 अगस्त 2024 की रात सामने घाट में लगे जेटी पर सेल्फी लेते समय एक लड़की गंगा में गिर गईउसे बचाने के प्रयास में दो लड़के भी गंगा में कूद पड़े, लेकिन वे भी डूब गए

केस 3

26 मई 2023 को भेलूपुर एरिया के तुलसी घाट के सामने दो युवक गंगा में डूब गएये दोनों बगल के अस्सी घाट पर स्नान कर रहे थे और बहते हुए इस घाट पर आ गएप्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार डूब रहे दोनों युवकों के हाथ में मोबाइल फोन था, जो आपस में गंगा की धार में ही सेल्फी ले रहे थे

केस 4

7 दिसंबर 2020 की शाम भदैनी घाट के सामने गंगा नदी की बीच धारा में सेल्फी लेने के होड़ में अचानक नाव पलट गई थीइस हादसे में चार युवकों की मौत हो गई थी

यह चार केस बताने के लिए काफी हैं कि गंगा नदी के बीच या घाट किनारे सेल्फी या फोटो लेना किस तरह जानलेवा हैपिछले चार सालों में घाटों पर 272 लोग डूबने से काल के गाल में समा चुके हैैंइसके बाद भी यहां सेल्फी लेने से लोग हिचक नहीं रहेशनिवार-रविवार मध्यरात्रि सामने घाट पर युवती समेत तीन की मौत होने के बाद भी सेल्फी लेने वालों की होड़ कम नहीं हो रहीदैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने सोमवार को प्रमुख घाट दशाश्वमेध, राजेन्द्र प्रसाद घाट और शीतला घाट पर पड़ताल की तो स्नान करने आए लोग बाढ़ के पानी में भी सेल्फी लेने में मशगूल रहेउनको थोड़ा सा भी इस बात का डर नहीं था कि पैर फिसला तो सीधे जान भी जा सकती हैघाटों की मढिय़ों और सीढिय़ों पर गीली मिट्टी जमा होने से फिसलन बढ़ गई हैकई तो अपने साथ कैमरामैन भी साथ लाए थेसेल्फी लेने वालों में टीनएजर्स ज्यादा शामिल रहे

बोट पर सेल्फी लेते नजर आए

राजेन्द्र प्रसाद घाट पर नहाने आए लोग स्नान करते हुए बोट पर चढ़ गए और सेल्फी लेने में व्यस्त हो गएयही हाल शीतला घाट और दशाश्वमेध घाट पर भी देखने को मिला

सभी घाट डेंजरस

जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव की मानें तो बाढ़ के समय सभी घाट डेंजर हो जाते हैंघाट किनारे या फिर बोट पर चढ़कर लोगों को तो सेल्फी लेनी ही नहीं चाहिए,

90 की बचाई जान

मिथिलेश यादव ने बताया कि वर्ष 2021 से लेकर 2024 तक 90 से अधिक लोगों की जान बचाई गई हैघाटों पर सेल्फी लेने से रोकने के लिए जल पुलिस के जवान तैनात हैंदिनभर वह चक्रमण करते रहते हैं, लेकिन लोग रात के अंधेरे में भी सेल्फी लेने घाटों पर पहुंच जा रहे हैं

सीढिय़ां और मढिय़ां डूबीं

अस्सी और नमो घाट पर अक्सर सेल्फी लेने से घटना होती हैयह दो घाट तो डेंजर हैं ही, लेकिन बाढ़ के समय सभी घाट डेंजरस हो जाते हैंबाढ़ के पानी में सभी सीढिय़ां और मढिय़ां डूब चुकी हैंयहां के लोगों को घाट के बारे में पता हैै लेकिन बाहरी लोगों को घाट किनारे की गहराई के बारे में जानकारी नहीं है और सेल्फी लेने में मशगूल हो जाते हैंइसके बाद थोड़ा सा भी बैलेंस बिगड़ता है तो सीधे जान ही जाती है

बनारस में 84 घाट

वाराणसी में कुल 84 घाट हैं, जिसमें अस्सी, तुलसीघाट, ललिताघाट, मुंशीघाट, दशाश्वेमध, सिंधिया घाट, गोला घाट, बालाजी घाट, पंचगंगा घाट, गायघाट, भैंसासुर घाट ज्यादा फेमस है, जहां सेल्फी लेना खतरनाक भी हैअक्सर यंगस्टर्स की भीड़ इन्हीं घाटों पर ज्यादा रहती हैशक्का घाट, तेलियानालना, नमोघाट, आदिकेशव घाट, गायघाट, रानी महाल, बूंदीपरकोटा घाट समेत सभी घाट डेंजर हो जाता हैऐसे में इन घाट पर जाना खतरे से खाली नहीं है

डूब चुके हैं चेतावनी बोर्ड

84 में से कुछ ही घाटों पर नगर निगम ने चेतावनी बोर्ड लगाए हैं, लेकिन वह भी बाढ़ के पानी में डूब चुके हैंबोर्ड भी इतने नीचे लगाए गए हैं कि किसी को पता ही नहीं चलता है कि कहां पर चेतावनी बोर्ड लगा हैहालांकि, पब्लिक को रोकने और सुरक्षा की दृष्टि से जल पुलिस दशाश्वमेध से लेकर अस्सी और राजघाट तक लगातार भ्रमण करती हैइसके बाद भी घटना हो जाती है

इस तरह बरतें सावधानी

- घाटों पर बहुत नीचे और पानी में आगे जाने से बचें

- स्लिप होने वाली चप्पलें पहनकर ना जाएं

- घाट कोई भी हो, संभलकर उतरें

- बरसात के दिनों में नाव की सवारी करने से बचना चाहिए

- घाटों की दीवार पर लगे चेतावनी बोर्ड जरूर पढ़ें

- नीचे उतरने से पहले पानी की गहराई की जानकारी ले लें

- घाट के पास जलस्तर और नोटिस बोर्ड पर नजर रखें

- स्मार्टफोन में वॉटर लेवल की अपडेट लेते रहें

गंगा में अब तक डूबने से मौत

ईयर --------- मृत

2021 -------- 78

2022 -------- 112

2023 -------- 33

2024 -------- 49

अब तक 90 से अधिक लोगों की जान बचाई गई हैइसके बाद भी लोग नहीं मानते हैंहर साल सेल्फी लेने से लोगों की मौत हो रही हैघाट किनारे आकर सेल्फी लेते हैंबाढ़ के दिनों में सभी घाट डेंजर हो जाते हैं

-मिथिलेश यादव, जल पुलिस प्रभारी

बाढ़ का पानी कम होने के बाद घाटों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगेनमो, अस्सी समेत कई घाटों पर चेतावनी बोर्ड लगाया गया था, लेकिन बाढ़ के पानी में डूब चुका है

अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त