वाराणसी (ब्यूरो)। कोलकाता में रेजीडेंट््स चिकित्सक के साथ बर्बरतापूर्ण दुष्कर्म व हत्या से आक्रोशित बीएचयू के रेजीडेंट््स सोमवार को भी हड़ताल पर रहेरेजीडेंट््स की हड़ताल से बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई हैप्रोफेसर्स, एसोसिएट प्रोफेसर्स, सहायक प्रोफेसर्स व डाक्टरों ने व्यवस्था को संभालने का प्रयास किया लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुईसभी विभागों की ओपीडी में कुल मिलाकर महज 631 मरीज ही देखे जा सकेइनमें से 29 को भर्ती किया गयाअनेक मरीज डाक्टर को दिखा पाने की आस में शाम तक बिलबिलाते रहेबहुत से तो बिना दिखाए ही अन्य निजी व सरकारी चिकित्सालयों की ओर रुख किएदूसरी ओर हड़ताली रेजीडेंट््स ने शाम को कैंडिल मार्च निकाला और चिकित्सा विज्ञान संस्थान से हाथों में मोमबत्तियां लिए कुलपति आवास पहुंच कर प्रदर्शन कियावे कुलपति से मिलने की मांग कर रहे थे परंतु वह नहीं मिल सकेउनके स्थान पर चीफ प्राक्टर प्रोएसपी ङ्क्षसह ने रेजीडेंट््स का हस्तलिखित व हस्ताक्षरित मांग पत्र सौंपा

यह रखी मांग

मांग पत्र में रेजीडेंट््स ने बीएचयू में रेजीडेंट््स व सीनियर चिकित्सकों तथा मेडिकल स्टाफ की पर्याप्त सुरक्षा की मांग कीउनका कहना था कि इतनी जघन्य घटना के बाद पूरा देश उद्वेलित हैवे लोग भी इतने दिनों से हड़ताल पर रहकर अपनी सुरक्षा की मांगों को लेकर गुहार लगा रहे हैं तथा कोलकाता के आरोपितों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं वे कुलपति से मिलकर अपनी व्यथा कहना चाहते हैं लेकिन कुलपति ने आज तक उनसे मिलना गंवारा न समझा

चिकित्सा व्यवस्था चरमराई

उधर हड़ताल के चलते बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय सहित ट्रामा सेंटर में भी चिकित्सा व्यवस्था चरमराई हुई हैसोमवार को ट्रामा सेंटर की ओपीडी में केवल पुराने मरीजों का फालोअप ही सीनियर डाक्टर्स ने किया, नया पर्चा बनाया ही नहीं गयासर सुंदरलाल चिकित्सालय की ओपीडी में महज 631 ही देखे जा सके, 29 को भर्ती कराया गया, जबकि 55 को डिस्चार्ज किया गयाइमरजेंसी में सुबह आठ बजे से दोपहर बाद दो बजे तक महज 38 मरीज ही देखे गए थेजबकि रविवार की सुबह आठ बजे से सोमवार की सुबह आठ बजे तक 24 घंटों में केवल 216 मरीजों को देखा गयाकुल आठ आपरेशन किए जा सके और रेडियोलाजी विभाग में महज 50 जांचें की जा सकींएमसीएच ङ्क्षवग में पांच नवजात शिशुओं की किलकारियां गूंजी