वाराणसी (ब्यूरो)। कोलकाता में महिला रेजिडेंट डाक्टर के साथ रेप व मर्डर के विरोध में पिछले नौ दिनों से चल रही हड़ताल के कारण मरीज बेहाल हो चुके हैं। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल, ट्रामा सेंटर और आयुर्वेद अस्पताल में सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट मरीजों का उपचार नहीं कर रहे हैं। बुधवार को फिर से अस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्था कंसल्टेंट डाक्टरों (प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व सहायक प्रोफेसर) के हाथों में रही। 2220 मरीजों का पंजीकरण हुआ, लेकिन 39 मरीजों को भर्ती किया जा सका। 104 मरीज डिस्चार्ज किए गए। 27 सर्जरी की गई। 4570 सेंपल जांचे गए। सामान्य दिनों की अपेक्षा तीन गुना कम मरीजों को सुविधा मिल पा रही है। प्रतिदिन हजारों मरीज बिना उपचार लौट जा रहे हैं।
मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इमरजेंसी के बाहर गेट पर दूर दराज से आने वाले मरीजों को उनके स्वजन स्ट्रेचर पर लेकर डाक्टर को दिखाने के लिए खड़े रहे। कोई सीटी स्कैन के बाहर पेड़ के नीचे मरीजों को लेकर पड़ा रहा तो कोई ओपीडी में व्हीलचेयर व स्ट्रेचर पर मरीज को लिटाकर डाक्टर को दिखाने का इंतजार करता दिखा। ओपीडी गेट के पास एक मरीज को स्ट्रेचर पर लेकर परिजन डाक्टर का इंतजार करते रहे। उसको आक्सीजन लगा था। कुछ विभागों में एक ही कंसल्टेंट बैठे रहे, इस वजह से मरीजों को देर तक इंतजार करना पड़ा। करीब 2542 बेड वाले अस्पताल के वार्डों में करीब सौ मरीज ही भर्ती हैं। आंदोलित रेजिडेंटों का आरोप है कि विवि प्रशासन द्वारा उनकी मांग अनसुनी की जा रही है। वह कुलपति से मिलने की मांग कर रहे हैं लेकिन वह मिल ही नहीं रहे हैं। जब तक मांगें नहीं मानी जाएगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगा। बुधवार को दो रेजिडेंट कुलसचिव प्रो। अरुण कुमार ङ्क्षसह से मिले थे, उन्हें मांग पत्र सौंपा गया। मांगों पर कार्रवाई करने का आश्वासन मिला।
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लिफ्ट में लगेगा स्कैनर, डिजिटल तरीके से खुलेगा गेट
बीएचयू अस्पताल में डाक्टरों को वार्डों में आवाजाही के लिए लिफ्ट की सुविधा मिली है। रेजिडेंटों का आरोप है कि उनकी लिफ्ट में बाहरी लोग आ जाते हैं, इसके कारण आए दिन दुव्र्यवहार होता है। ऐसे में चिकित्सा विज्ञान संस्थान कोशिश है कि उनकी लिफ्ट में बाहरी लोगों का प्रवेश रोकने के लिए डिजिटल स्कैनर लगाया जाए ताकि डाक्टरों की आरक्षित लिफ्ट में सिर्फ पंजीकृत रेजिडेंटों व डाक्टरों को ही प्रवेश मिले। इसके अलावा प्राक्टोरियल बोर्ड ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर करने के लिए कमेटी गठित करने के लिए पत्र लिखा है। बता दें कि बीएचयू अस्पताल की इमरजेंसी, ओपीडी, जांच काउंटर से लेकर वार्ड आदि जगहों को मिलाकर कुल 210 सुरक्षा कर्मियों के पद स्वीकृत हैं, इसमें 205 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती है। अस्पताल की सुरक्षा को 25 प्रतिशत तक बढ़ाने की मंजूरी मिली है।
फैक्ट एंड फीगर
2220 पेशेंट्स का रजिस्ट्रेशन
39 पेशेंट किए गए एडमिट
104 मरीज डिस्चार्ज किए गए
27 सर्जरी की गईं
4570 सेंपल जांचे गए।
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