वाराणसी (ब्यूरो)। जिन गांवों में पहले मलेरिया व डेंगू फैला था, उन गांवों में इस बार बीमारियों के नियंत्रण के लिए खास रणनीति बनाई गई हैप्रभावित रहे गांव के लिए जिला स्तरीय अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया हैनोडल अधिकारी गांवों में निरीक्षण कर डेंगू व मलेरिया की रोकथाम का कार्य करेंगेइसी क्रम में सोमवार को टकटपुर में सीएमओ डासंदीप चौधरी ने निरीक्षण कर एंटी लार्वा मिलने पर व्यवस्था दुरुस्त कराने का निर्देश दिया

ग्रामीण क्षेत्र में 24 शहरी, 34 हाट स्टाफ क्षेत्र बने हैं जिसमें पिछले साल 451 डेंगू, चिकनगुनिया के 184, मलेरिया के 27 मामले सामने आए थेवहीं इस बार डेंगू के चार, चिकनगुनिया के 12 और मलेरिया के तीन केस सामने आ चुके हैंजिले के संवेदनशील हाट स्पाट एरिया और ग्रामीण क्षेत्रों में आठ टीमें सर्वेक्षण करेंगी और बुखार के मरीजों की जांच और सैंपल लेंगीसीएमओ ने कहा कि टीमें प्रतिदिन एक हाट स्पाट में जाएंगी और बुखार के मरीजों की जांच और सैंपल लेंगीटीमों में डाक्टर, मलेरिया निरीक्षक और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हैं

शहर व ग्रामीण क्षेत्रों की टीम में शामिल लोग

शहर क्षेत्र के लिए नगरीय मलेरिया अधिकारी डापुनीत कुमार को नोडल अधिकारी बनाया गया हैउनकी टीम में सहायक मलेरिया अधिकारी केके राय और सेक्टर के मलेरिया निरीक्षक संजय कुमार जायसवाल भी होंगेवहीं ग्रामीण क्षेत्र के लिए जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद्र पांडेय को नोडल अधिकारी बनाया गया हैइनके साथ संबंधित ब्लाक के एलटी, बीएचडब्ल्यू व संबंधित ब्लाक के निरीक्षक भी होंगे