वाराणसी (ब्यूरो)। प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले को लेकर वाराणसी में रेलवे और रोडवेज के साथ अन्य विभागों की ओर से अपने-अपने स्तर पर व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है। कुंभ मेले में शामिल होने के लिए लगभग 30 प्रतिशत श्रद्धालु ट्रेनों से ही आएंगे। इसीलिए वाराणसी समेत लगभग सभी मंडल से कुंभ स्पेशल ट्रेनों का संचालन होगा। वाराणसी से कितनी ट्रेनें चलेंगी, अभी इसकी संख्या तय नहीं है। अधिकतर टे्रनें बनारस रेलवे स्टेशन से ही चलेंगी। वंदेभारत समेत कुछ ही ट्रेनें वाराणसी जंक्शन से संचालित होंगी। प्रयागराज के बाद काशी आने वाले श्रद्धालुओं की डिमांड पर अयोध्या के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी, जो कैंट रेलवे स्टेशन से संचालित होंगी। कुंभ मेला 13 जनवरी से 25 फरवरी तक चलेगा।
बैठक कर बनाई रणनीति
एनसीआर (नार्थ सेंट्रल रेल) के महाप्रबंधक उपेंद्र चंद्र जोशी ने नार्दन रेल और पूर्वोत्तर रेल प्रशासन के साथ बैठक कर रणनीति बनाई। तय किया गया कि रेल प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पार्किंग स्थल, आश्रय स्थल बनाने संग सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम करेगा। श्रद्धालुओं की भीड़ और उनकी श्रद्धा का ध्यान रखते हुए प्रयागराज-बनारस-कैंट (वाराणसी) और अयोध्या के बीच अतिरिक्त मेला ट्रेनें भी चलाई जाएंगी।
रेल चेन से अयोध्या का सफर
कुंभ मेले को लेकर सबसे ज्यादा उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज जोन पर जिम्मेदारी है। इसके साथ उत्तर रेलवे नई दिल्ली के लखनऊ मंडल व उत्तर पूर्व रेलवे के वाराणसी मंडल भी बड़े स्तर पर तैयारी कर रहा है। तीनों रेल मंडल मिलकर महाकुंभ के दौरान रेल चेन से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को अयोध्या व काशी की भी तीर्थ यात्रा कराई जाएगी। यह सुविधा प्रयाग से काशी होकर अयोध्या और प्रयाग से अयोध्या होकर काशी जाने की भी होगी।
सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम
रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के भी तगड़े प्रबंध किए जा रहे हैं। पूरे क्षेत्र में ड्रोन से निगरानी होगी, जिसका वीडियो कंट्रोल रूम में डिस्प्ले होगा। होल्डिंग एरिया दस हजार से अधिक क्षमता के हैं, जिसमें पहले यात्रियों को रोका जाएगा, जिसके बाद प्लेटफार्म पर भेजा जाएगा। स्पेशल आपरेशन प्रोटोकाल (एसओपी) लागू हो जाएगी। इमरजेंसी और कंटीजेंसी प्लान तैयार हैं। रेलवे स्टेशनों पर निर्बाध विद्युत उपलब्धता के लिए चार स्तर की योजना है। आपूर्ति बाधित होने पर वैकल्पिक व्यवस्था में डीजी बैकअप, एटी सप्लाई, यूपीएस इन्वर्टर एवं रिचार्जेबल बल्ब से यात्रियों को प्रकाश की सुविधा मिलेगी।
35 जनरथ बसों का संचालन होगा
कुंभ में वाराणसी और प्रयागराज के बीच 35 जनरथ बसों का संचालन होगा। हालांकि, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरे प्रदेश में सात हजार बसें चलाने की योजना है। वाराणसी से विभिन्न जगहों से कुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए 390 बसों को संचालित किया जाएगा। इसमें करीब 100 ई-बसें भी शामिल रहेंगी। इसके अलावा ई-ऑटो चलाने की योजना तैयार की गई है। बसों का समयबद्ध परिचालन, रखरखाव, कर्मचारियों की समस्या हल करने पर भी जोर रहेगा। रोडवेज परिसर की साफ-सफाई, जर्जर भवनों को सही कराया जाएगा।
स्थापित होगा इंटीग्रेटेड रेल कंट्रोल सेंटर
कुंभ मेले के लिए प्रयागराज जंक्शन पर इंटीग्रेटेड रेल कंट्रोल सेंटर (आइसीसी) की स्थापना होगी। कंट्रोल रूम के जरिए मेला ट्रेनों का समयबद्ध परिचालन, उसके रखरखाव आदि की निगरानी की जाएगी।
25 अक्टूबर के बाद नई गुड्स लाइन पर चलेंगी ट्रेनें
कैंट रेलवे स्टेशन पर बिछ रही नई गुड्स लाइन को 25 अक्टूबर के निर्धारित टाइम लाइन में पूरा करने के लिए रेल अधिकारी नियमित मानीटरिंग कर रहे हैं। मंगलवार को भी कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने निरीक्षण किया और कार्य की गति को जरूरत मुताबिक पाया। तैयारी 25 अक्टूबर के बाद गुड्स लाइन को प्लेटफार्म नंबर 10 से जोड़कर ट्रेनों की परिचालन व्यवस्था मजबूत करने की है।
कुंभ मेले को लेकर प्रयागराज में बैठक हुई है। कार्ययोजना को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। प्रयागराज से ट्रेनें बनारस स्टेशन तक ही आएंगी। इसके बाद श्रद्धालुओं की डिमांड पर अयोध्या के लिए स्पेशल टे्रेन चलाई जाएगी, जो कैंट रेलवे स्टेशन से रवाना होगी।
- अर्पित गुप्ता, स्टेशन डायरेक्टर, कैंट
कुंभ को लेकर वाराणसी रीजन से 390 बसें चलाई जाएंगी, जिसमें जनरथ व ई-बस भी शामिल हैं। श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बेहतर बनाना ही हमारी प्राथमिकता है। बसों का समयबद्ध परिचालन कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
-परशुराम पांडेय, आरएम, रोडवेज