वाराणसी (ब्यूरो)। Varanasi News: र्यन पब्लिक स्कूल, चंद्रप्रभा पब्लिक स्कूल में अगर आपका बच्चा पढ़ता है और स्कूली बस से आता-जाता है, तो सावधान हो जाइएइनके साथ दो-तीन और नामी स्कूल हैं, जिनकी बसें अनफिट हैंस्कूल जाते या घर आते समय रास्ते में किसी भी दिन इन अनफिट बसों से अनहोनी हो सकती हैये चौंकाने वाली जानकारी दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की पड़ताल में सामने आई हैआरटीओ की लिस्ट में अनफिट बसों की संख्या 500 से अधिक हैसंबंधित स्कूलों को नोटिस जारी किया गया तो पता चला कि 200 से अधिक बसों का फिटनेस, परमिट और इंश्योरेंस का सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड नहीं हैइसके चलते जांच में ये बसें अनफिट दिख रही थीं

बच्चों की जान जोखिम में

आरटीओ में लगभग दो हजार स्कूली बसें रजिस्टर्ड हैंइसके अलावा टेम्पो ट्रेवलर, वैन, टाटा मैजिक से भी बच्चों को स्कूल लाने-ले जाते हैंशासन के आदेश पर आरटीओ ने सड़कों पर दौड़ रहे स्कूली वाहनों की जांच की तो चौकाने वाली तस्वीर सामने आईलगभग 500 स्कूल बसें अनफिट मिलींबावजूद स्कूल प्रबंधक बच्चों की जान जोखिम में डालकर इन्हें चलवा रहा हैकिसी का फिटनेस, किसी के पास परमिट तो किसी बस का इंश्योरेंस नहीं थाइसके अलावा 15 साल की अवधि भी कई बसों की पूरी हो चुकी हैइंजन और बॉडी डैमेज 50 से अधिक बसों से भी बच्चों को ढोया जा रहा हैयही नहीं, किसी बस में अलार्ट सिस्टम तो किसी में फस्र्ट एड बॉक्स ही नहीं है

नोटिस मिलने पर पहुंचा स्कूल प्रबंधक

जांच में अनफिट बसों से संबंधित स्कूल संचालक को नोटिस आरटीओ की ओर से भेजा गया तो हड़कम्प मच गयाकई स्कूल संचालक आरटीओ पहुंचेसंचालकों ने करीब 200 बसों के फिटनेस, परमिट और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट दिखा तो अफसर हैरान हो गएउन्होंने तुरंत विभाग में इसकी सत्यता जानी तो पता चला कि इन बसों का फिटनेस, परमिट और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट ही पोटर्ल पर अपलोड नहीं हो पाया था

इन स्कूलों की बसें फिट मिली

आरटीओ के अभियान में आर्यन पब्लिक स्कूल, चंद्रप्रभा पब्लिक स्कूल समेत कई स्कूलों की बसें अनफिट मिलींवहीं, सनबीम स्कूल, संत अतुलानंद कांवेंट स्कूल, डीपीसी, हैप्पी मॉडल स्कूल समेत कई नामी कांवेंट स्कूलों की बसें जांच में सही पाई गईं

पांच हजार से अधिक अन रजिस्टर्ड

वाराणसी में कांवेंट स्कूलों की संख्या लगभग तीन सौ हैइसमें करीब 80 स्कूलों की बसें आरटीओ में रजिस्टर्ड हैंकई ऐसे स्कूली वाहन हैं, जो स्कूली बच्चों को ले जाते और लाते हैं, लेकिन आरटीओ में रजिस्टर्ड नहीं हैइनकी संख्या करीब पांच हजार से अधिक है

इन वाहनों में नहीं ढो सकते

वास्तव में 14 सीट से नीचे के वाहन में स्कूली बच्चों को नहीं ढोया जा सकता हैवाहन में जितनी सीट है, उतने ही बच्चे में उसमें बैठने चाहिएवाहन स्कूल प्रबंधन के नाम पर होना चाहिएस्कूल के नाम से पंजीकृत वाहनों से परिवहन विभाग कोई टैक्स नहीं लेता हैसिर्फ उन्हें साल में वाहन की फिटनेस जांच करानी होती हैऑटो, मैजिक, विक्रम समेत अन्य छोटे वाहनों में स्कूली बच्चों को नहीं ढोया जा सकता हैफिर भी सड़कों पर स्कूली बच्चों से भरे सैकड़ों छोटे वाहन दिखाई दे जाएंगे

सीट से ज्यादा बैठाते हैं बच्चे

स्कूल प्रबंधन मनमानी करते हुए वाहनों में निर्धारित सीट से ज्यादा बच्चों को बैठाते हैंआधे से ज्यादा बच्चे सीट पर बैठने के बजाय खड़े रहते हैं या निर्धारित संख्या से ज्यादा बैठते हैंखासकर गर्मी के दिनों में बच्चों को काफी परेशानी होती हैअभिभावक के शिकायत करने पर स्कूल प्रबंधन बच्चों में ही कमी निकालने लगता है और दबाव बनाता हैकभी-कभार तो बच्चों को फेल तक कर देते हैंऐसे में अभिभावक भी विरोध करने से कतराते हैं

क्या है मानक

- खिड़की पर जाली लगी हो

- बच्चों को पकडऩे के लिए सीट के पीछे हैंडिल

- बच्चों के बैग रखने की व्यवस्था

- बच्चों से चालक का केबिन अलग हो

- चालक और कंडक्टर वर्दी में हों

- वाहन के आगे-पीछे स्कूल का नामचालक, कंडक्टर व स्कूल प्रबंधन का फोन नंबर

- वाहन का रंग पीला

- चालक और कंडक्टर का मोबाइल नंबर वाहन पर लिखा हो

- चालक के साथ कंडक्टर हो

- निर्धारित सीट के अनुसार बच्चे बैठें

- फस्र्ट एड बाक्स और अग्निशमन यंत्र हो

- पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर हो

अनफिट स्कूली बसों की लिस्ट तैयारी हो रही हैअभियान के दौरान आर्यन पब्लिक स्कूल, चंद्रप्रभा पब्लिक स्कूल समेत कई स्कूलों की बसें अनफिट मिली हैंसभी को नोटिस भेजा गया हैयदि वह समय पर बसों का फिटनेस नहीं कराते हैं तो जांच अभियान चलाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

-श्यामलाल यादव, एआरटीओ