वाराणसी (ब्यूरो)। इधर दो दिनों की प्रचंड चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से मंगलवार को राहत मिली। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न वायुदाब के क्षेत्र का प्रभाव दोपहर बाद बनारस पहुंचा, यहां भी बादल घिरे और फिर पूरा मौसम सावनी हो उठा। सावन की घनघोर घटाओं ने आकाश में डेरा जमाया और लगभग ढाई घंटों तक रिमझिम फुहारों ने धरती का कलेजा जुड़ाया। इससे पूरा वातावरण शीतल व सुहाना हो उठा। बाबतपुर स्थित मौसम विभाग के कार्यालय के अनुसार इस दौरान 41 मिमी पानी गिरा। इससे धान की फसलों को संजीवनी मिली और वे हरिया उठे तो किसानों के चेहरे भी खिल उठे। वनस्पतियों की हरियाली और बढ़ गई।
सुबह से ही आकाश में बादल छाने लगे थे। बीच में थोड़ी देर के लिए हल्की सी धूप हुई तो उमस से देह का पानी उबल उठा। दोपहर के ढाई बजते-बजते बादलों ने बरसना आरंभ कर दिया। फिर तो कभी तेज, कभी मध्यम और कभी रिमझिम फुहारों ने ढाई घंटे तक धरती का आंचल भिगोया। इस वर्षा के चलते ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम तापमान में बीते 24 घंटे में 2.1 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई और यह सामान्य से 0.4 डिग्री नीचे 33.2 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। जबकि बादलों की वजह से न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सयस बढ़ा और यह सामान्य से 0.2 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 26.5 पर आ गया। जबकि शहरी क्षेत्र में अधिकतम तापमान में 3.6 डिग्री की गिरावट हुई और यह सामान्य से 1.3 डिग्री घटकर 32.2 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा। न्यूनतम तापमान में 0.8 डिग्री की वृद्धि हुई और यह सामान्य से 0.6 डिग्री बढ़कर 27 डिग्री सेल्सियस हो गया। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में 95 से 99 प्रतिशत तो शहरी क्षेत्र में 91 से 98 प्रतिशत आद्र्रता बनी रही।