वाराणसी (ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव के बाद आम आदमी के लिए दाल-रोटी महंगी हो गई है। महंगाई डायन एक बार फिर मुंह फैलाने लगी है। पहले दूध महंगा हुआ, फिर टोल के दाम बढ़े और अब ये रसोई में भी घुस आई है। बीते एक महीने में रसोई से जुड़ी चीजों के दाम धड़ाधड़ बढ़ रहे हैं और आम आदमी की थाली महंगी होती जा रही है। खाने का तेल हो या दाल या फिर प्याज, टमाटर सभी की कीमतों में बड़ा उछाल दिख रहा है। सोयाबीन का तेल हो या सरसों का, सभी के दाम करीब 15 फीसदी बढ़ चुके हैं। दाल-चावल, आटा, शक्कर, तेल, मसाले सबकी कीमतें बढ़ गईं हैं। पिछले तीन महीने में दाल की कीमत 15 से 30 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई है, जिसमें तुअर, चना, उड़द सारी दालें शामिल हैं।
भाव खा रही सब्जी
इतनी भीषण गर्मी में जहां शहर के लोग बिजली पानी की समस्या झेल रहे हैं, वहीं महंगाई ने रसोई के बजट के साथ टेस्ट भी बिगाड़ दिया है। बढ़ती महंगाई से जहां दाल पतली हो रही है, वहीं हरी सब्जियां या तो मिल नहीं रहीं और जो मिल रही हैं उसे खरीदने के लिए जेब ढीली करनी पड़ रही है। इस हालात से ग्राहक और सब्जी विक्रेता दोनों परेशान हैं। आलम ये है कि आम दिनों में जिन सब्जियों को कोई पूछता नहीं हैं उनके दाम भी आसमान छू रहे हैं। लौकी हो या सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाले आलू, सब भाव खा रहे हैं। चनुआ सट्टी स्थित सब्जी का ठेला लगाने वाले विक्रेता कहते हैं मार्केट में हरी सब्जियां आ ही नहीं रही हैं। भीषण गर्मी के कारण सब्जियां जल चुकी हैं। इसलिए ऐसा हो रहा है। प्रचंड गर्मी का प्रभाव अब फल और हरी सब्जियों पर भी पड़ रहा है, गर्मी के कारण सब्जियां खेतों में ही खराब हो जा रही है। उधर ईद होने की वजह से सब्जियों की आपूर्ति नहीं हो पायी। जो कुछ सब्जियां उनके पास पहुंचती हैं, वह काफी महंगी हो चुकी हैं।
सब्जियों का उत्पादन ज्यादा प्रभावित
पिछले सप्ताह टमाटर, बैगन, शिमला मिर्च, पालक, मेथी, जैसी सब्जियों के भाव दोगुने हो गए। वहीं, प्याज और लहसून की भी डिमांड बढऩे के कारण और सप्लाई कम होने की वजह से कीमतों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। दरअसल, बकरीद से पहले प्याज और लहसून डिमांड बढ़ गई थी। इसके बाद व्यापारियों और किसानों ने स्टॉक रोकना शुरू कर दिया है। इसके बाद प्याज के दाम में लगभग 20 से 25 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, जबकि लहसून 200 रुपये किलो से महंगा होकर 320 रुपये किलो के करीब पहुंच गया है। प्याज के दाम भी 35 से 40 रुपए हो गए हैं। 20 रुपए किलो मिलने वाला बैगन 40 रुपए में बिक रहा है। सब्जी व्यापारियों ने बताया कि गर्मी के कारण सब्जियों का उत्पादन बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। जो पैदावार हो रही है, वह खेतों से मंडियों में नहीं पहुंच रही हैं। इस वजह से अचानक सब्जियों की कीमतों में उछाल आया है।
आम आदमी की जेब पर महंगाई की मार पडऩे की कई वजह है। गर्मी की वजह से खेतों में सब्जियां सूख रही है। पौधों में फल लगने के बाद वे गर्मी से झुलस रहे हैं। हरी सब्जियों पर मौसम की मार ज्यादा पड़ रही है। अभी तो दोगुना तक रेट हुआ है। बारिश होने के बाद ये तीन गुना होगा।
हीरालाल मौर्या, अध्यक्ष, सब्जी फल जनकल्याण समिति पहडिय़ा मंडी
दाल हो या मसाला किराना सामान का रेट बढऩे की सबसे बड़ी वजह कमोडिटी मार्केट है। जब तक सरकार इस पर रोक नहीं लगाएगी तब तक रेट ऐसे ही भागता रहेगा। सटोरिये खाद्य सामग्री का स्टॉक कर लेते हैं। जब रेट बढ़ता है तो ये माल निकालते है। बड़े स्तर के सटोरियों की वजह से ये सब हो रहा है।
प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष, विशेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल
गर्मी की वजह से सामान के आवक पर भी असर पड़ा है। इसकी वजह से भी किराना सामान की कीमतें भाग रही है। दूसरी वजह ये भी है, बड़े स्तर पर बैठे सटोरी, जो शेयर बाजार यानि कमोडिटी मार्केट में सामान का स्टॉक करके बैठ जाते हैं, इससे भी महंगाई बढ़ रही है।
शशांक साहू, मंत्री, विशेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल
चुनाव के पहले रसोई गैस के दाम कुछ कम किए गए, लेकिन उसके बाद जिस तरह से राशन सामग्री का रेट बढ़ रहा है उससे पूरा बजट बिगड़ गया है। क्या खाएं क्या बचाएं, मैनेज करना मुश्किल हो गया है। अगर ऐसे ही महंगाई भागती रही तो घर चलाना मुश्किल हो जाएगा।
रूबी सिंह, गृहिणी, पांडेयपुर
पिछले एक साल में जितनी महंगाई नहीं बढ़ी उससे कहीं ज्यादा इधर एक माह में बढ़ गई है। दूध से लेकर आटा, दाल, चावल और अब सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, इससे किचन का बजट बिगड़ गया है। हरी सब्जियों के दाम तो सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही हैं।
रेनू सैनी, गृहिणी, पहडिय़ा
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किराना सामान का रेट
सामान रेट अब रेट पहले
चीनी 46 42
मैदा 32 28
आटा 32 29
सूजी 35 32
अरहर दाल 175 145
बेसन 120 100
रिफाइन 126 120
सरसो तेल 130 115
छोटी इलायची 3500 2200
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सब्जी के दाम
आलू 35 25
लहसुन 240 180
धनिया 160 150
बैगन 40 20
टमाटर 50 25
नेनुआ 30 10
परवल 60 30-35
मिर्चा 300 100
कोहड़ा 40 15-20
भिंडी 60 35
प्याज 35 20-25
बोड़ा 40 20
गाजर 30 20