वाराणसी (ब्यूरो)। बिजली चोरी और लाइनलॉस से हो रहे घाटे को कम करने के लिए स्मार्ट सिटी वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल के कंज्यूमर्स के घरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी कर ली गई है। सबसे पहले बनारस क्लस्टर में 15 जून से प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इस दौरान घरों में लगे मौजूदा मीटर के स्थान पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। पूरे पूर्वांचल में करीब 77 लाख 50 हजार स्मार्ट प्रीपेड मीटर घरों में लगाए जाएंगे। जबकि वाराणसी क्लस्टर में यह संख्या करीब 27.3 लाख है। वहीं, बनारस में कुल 6.5 लाख से ज्यादा घरों में यह मीटर लगेंगे। ये अलग-अलग चरणों में लगाए जाएंगे। पहले अर्बन फिर रूरल एरियाज में मीटर लगाने का काम होगा। इसके लिए डिवीजन के फीडर चिह्नित कर लिए गए हैं। गोरखपुर-बस्ती क्लस्टर में जीनस के मीटर लगेंगे, जबकि अन्य दोनों क्लस्टर में जीएमआर कंपनी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।
मोबाइल से जुड़ेगा मीटर
कई बार कंज्यूमर महीनों का बिल नहीं भरते, लेकिन इस व्यवस्था के बाद कंज्यूमर ऐसा नहीं कर पाएंगे। क्योंकि यह मीटर डिजिटल है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर से कंज्यूमर बिजली का लाभ ठीक वैसे ही उठाएंगे, जैसे मोबाइल रिचार्ज कराकर बातचीत करने या इंटरनेट सेवा का लाभ उठाते हैं। ये मीटर कंज्यूमर के सीधे मोबाइल से जुड़ा होगा। जिससे उन्हें डेली होने वाले बिजली कंजम्शन की जानकारी होती रहेगी कि वह कितने यूनिट व कितने रुपए की बिजली इस्तेमाल कर चुके हैं.
बिजली चोरी वाले इलाकों से शुरुआत
पहले चरण में पूर्वांचल के जिन इलाकों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाना है, उसमें पहले उन इलाकों को चुना जाएगा, जहां बिजली चोरी ज्यादा है। इसके लिए फीडरों ऑडिट किया जा रहा है। जिससे ये पता लगाया जा सके कि किस फीडर से कितनी बिजली जा रही है और उसके मुकाबले कितनी बिलिंग हो रही है। ज्यादा बिजली चोरी वाले इलाकों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद अधिक लोड वाले ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। किस जोन में पहले और बाद में मीटर लगाए जाने हैं। इसके लिए स्थानीय स्तर पर सर्वे भी किया जा रहा है।
क्यों जरूरत पड़ी है स्मार्ट प्रीपेड मीटर की
स्मार्ट प्रीपेड मीटर का फायदा यह है कि इसमें कंज्यूमर जितने रुपये का रिचार्ज करवाएंगे, वे उतनी ही बिजली का इस्तेमाल कर पाएंगे। ये मीटर हाई टेक्नोलॉजी से लैस है। इस मीटर के लगाए जाने के बाद बाइपास पावर, मीटर से छेड़छाड़, बिजली चोरी जैसे कार्य नहीं किए जा सकेंगे। यदि कोई कंज्यूमर ऐसा करने का प्रयास भी करेगा तो मीटर से सीधे इससे संबंधित मेसेज विभाग के कंट्रोल रूम को मिल जाएगा।
पोस्टपेड स्मार्ट मीटर हटाए जाएंगे
अधिकारियों की मानें तो सिटी के जिन कंज्यूमर के घर या प्रतिष्ठानों पर पहले से पोस्टपेड स्मार्ट मीटर लगे हैं। उनको हटाकर नि:शुल्क प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। बिजली बिलों में गड़बड़ी, मीटर जंप, बिल जमा करने के बाद भी आपूर्ति, कट होने को लेकर पोस्टपेड स्मार्ट मीटर की शिकायतों रहती है। इस मीटर के लगने के बाद इस तरह की सभी शिकायतें समाप्त हो जाएंगी।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर की प्रॉसेस
-मीटर के डिस्प्ले यूनिट में कंज्यूमर ने लास्ट रिचार्ज कब किया है, इसकी डेट, टाइम, अमाउंट मालूम होगा। करंट बैलेंस कितना है। यह सब भी दिख जाएगा.
-इसमें ब्लू टूथ भी रहेगा। मोबाइल से जोड़कर यूपीआई के जरिए रिचार्ज किया जा सकेगा.
-एक मीटर टर्नेल होगी। इसमें पोल से आनी वाली सर्विस केबल जोड़ी जाएगी.
-मीटर में गोले के आकार का एक ऑप्टिकल पोर्ट होगा। मीटर के अंदर एमआरआई जैसा स्कैन हो सकेगा। लेकिन इसका उपयोग कंज्यूमर नहीं कर सकेंगे.
-मीटर में एक चाबी भी होगी। जिसके जरिए रिचार्ज कराया जाएगा। इसके बाद एबीसी, कोड जनरेट होंगे। बीस अंकों का यह कोड एंटर करना होगा, जिससे मीटर चालू हो जाएगा.
----वर्जन
पूरे पूर्वांचल में करीब 77 लाख 50 हजार से अधिक स्मार्ट स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं। बनारस में 15 जून से मीटर लगाने का काम शुरू हो रहा है। जहां पहले से स्मार्ट मीटर लगे हैं। वहां नए मीटर से रिप्लेस किया जाएगा।
शशांक अग्रवाल, एसई-एएमआईएसपी, पीवीवीएनएल
कहां कितने मीटर लगेंगे
वाराणसी व आजमगढ़ क्लस्टर
जिला मीटर
वाराणसी 6.7 लाख
जौनपुर 5.98 लाख
चंदौली 2.48 लाख
गाजीपुर 4.28 लाख
आजमगढ़ 6.05 लाख
बलिया 3.14 लाख
मऊ 3.29 लाख
प्रयागराज व मिर्जापुर क्लस्टर
जिला मीटर
प्रयागराज 4.74 लाख
फतेहपुर 3.63 लाख
कौशांबी 2.05 लाख
प्रतापगढ़ 4.62 लाख
मिर्जापुर 3.20 लाख
भदोही 1.91 लाख
सोनभद्र 2.69 लाख
गोरखपुर व बस्ती क्लस्टर
जिला मीटर
गोरखपुर 7.7 लाख
गोरखपुर सर्किल-1 1.81 लाख
गोरखपुर सर्किल-2 2.67 लाख
गोरखपुर सर्किल-3 2.59 लाख
बस्ती 3.48 लाख
सिद्धार्थनगर 2.34 लाख
संत कबीरनगर 3.12 लाख
महाराजगंज 3.54 लाख
कुशीनगर 4.01 लाख
देवरिया 3.76 लाख